कन्हैया .. सच में ..मुझे जरुर विश्वास था की तुम पी राजन को भी याद करोगे ..फिर याद आया की तुम्हारे भाषण को तो बरखा दत्त ने लिखा है ..जो भारत की जानीमानी दलाल है ..इसलिए तुम अपने ही सन्गठन के छात्र नेता पी राजन को क्यों याद करोगे .. बल्कि तुम तो पी राजन के हत्यारे राहुल गाँधी और उनकी पार्टी के लिए आदर व्यक्त कर रहे थे ...
मित्रो, आप लोगो को शायद पी राजन याद नही होगा .. क्योकि हम भारतीयों की यादाश्त बहुत छोटी होती है .. हिस्ट्री चैनेल ने भारत के टॉप टेन क्राइम जिन्होंने भारत को हिला दिया था उसमे रंगा बिल्ला के बाद पी राजन केस को दुसरे स्थान पर रखा था ...
पी राजन केरल के कालीकट में 1975 में रीजनल इंजीनियरिंग कालेज में बीटेक का छात्र था ..जिसका वर्तमान में नाम नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी है ..उस समय देश में कांग्रेस पार्टी ने आपातकाल लगाया था ..लोगो के सभी नागरिक अधिकार खत्म कर दिए गये थे ...देश में पुलिसराज कायम था ...पी राजन कम्युनिस्ट पार्टी के छात्र सन्गठन से जुड़ा हुआ था जिससे आज कन्हैया कुमार जुड़ा हुआ है ..
नक्सलियों से सम्बन्ध रखने के आरोप में केरल पुलिस ने पी राजन और उसके रूम पार्टनर सी जोसेफ को उठा लिया .. बाद में सी जोसेफ को नौ महीने जेल में रखने के बाद रिहा कर दिया था .. लेकिन पी राजन का कोई पता नही चला ..
पी राजन में पिता इचारा वेरियार अपने जवान बेटे को कई महीनों तक केरल के हर जेल में जाकर खोजे .. उन्होंने अपने बेटे का पता लगाने के लिए अपनी पूरी सम्पति तक बेच दी .. यहाँ तक की कम्युनिस्ट पार्टी भी उनकी कोई मदद नही की ...उन्होंने केरल के डीजी , मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी तक गुहार लगाई ..फिर उन्होंने भारत के राष्ट्रपति से गुहार लगाई .. राष्ट्रपति भवन ने केरल पुलिस पर सख्ती की ..लेकिन केरल पुलिस और केरल की कांग्रेस सरकार राष्ट्रपति भवन को भी गुमराह करती रही ..मजे की बात ये की उस समय केरल का गृहमंत्री के. करुणाकरन था जो इंदिरा गाँधी का बहुत ही करीबी था ..इचारा को इतना पता चला की उनके बेटे को केरल के गृहमंत्री के. करुनाकरन जो इमरजेंसी के बाद केरल के मुख्यमंत्री बन चुके थे और कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता बन चुके थे ,,उनके आदेश से गिरफ्तार किया गया था ... इचारा केरल के मुख्यमंत्री करुनाकरन से २२ बार मिले क्योकि उनके गृहमंत्री रहते उनके ही आदेश से उनके बेटे को गिरफ्तार किया गया था .. लेकिन करुनाकरन ने साफ साफ कहा की एक मर्डर के केस में पुलिस ने उनके बेटे को गिरफ्तार किया था ..लेकिन बाद में छोड़ दिया था ..
उन्होंने बहुत कोशिसे की लेकिन उन्हें अपने बेटे का कोई पता नही चला ..कालीकट पुलिस ने उनसे कहा की हमने तो उसे उसी रात छोड़ दिया था ..थक कर इचारा ने केरल हाईकोर्ट में habeas corpus की अर्जी की ...हाईकोर्ट ने पुलिस से सारे दस्तावेज मंगाए ..और केरल पुलिस के डीजी को सख्त आदेश दिया की वो पी राजन के बारे में हाईकोर्ट को जानकारी दे ... हाईकोर्ट ने इस मामले पर बेहद कठोर रुख अपनाया और हर रोज सुनवाई का आदेश दिया ..हाईकोर्ट में केरल पुलिस ने खुलासा किया की उसे गिरफ्तार किया गया लेकिन किसी मजिस्ट्रेट के सामने पेश नही किया था ..लेकिन उसका क्या हुआ ये केरल पुलिस खुलासा नही कर रही थी ..बाद में हाईकोर्ट में पी राजन के रूममेट ने बयान दिया की केरल पुलिस की क्राइम ब्रांच के डीआईजी जयराम पडीकक्ल ने उसे इतना टार्चर किया की वो मर गया और उसकी लाश को जंगल में ले जाकर जला दी ..
तुरंत की केरल पुलिस के क्राइम ब्रांच में आठ अधिकारी जिसमे डीआईजी भी शामिल थे उन्हें हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया .. हाईकोर्ट ने केरल के उस समय के गृहमंत्री करुणाकरन जो मुख्यमंत्री बन चुके थे उन
पर बेहद सख्त टिप्पड़ी किया और कहा की उन्हें ये पता था की पी राजन मर चूका है फिर भी उन्होंने एक बूढ़े पिता को २२ बार अपने ऑफिस में धक्के खिलाने के बाद भी उन्हें उसके उपर दया नही आई ... हाईकोर्ट की इस सख्त टिप्पड़ी से केरल के मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्थिपा देना पड़ा क्योकि केरल में उनके खिलाफ काफी घृणा फैलने लगी थी ...
पर बेहद सख्त टिप्पड़ी किया और कहा की उन्हें ये पता था की पी राजन मर चूका है फिर भी उन्होंने एक बूढ़े पिता को २२ बार अपने ऑफिस में धक्के खिलाने के बाद भी उन्हें उसके उपर दया नही आई ... हाईकोर्ट की इस सख्त टिप्पड़ी से केरल के मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्थिपा देना पड़ा क्योकि केरल में उनके खिलाफ काफी घृणा फैलने लगी थी ...
पी राजन केस में कुल आठ पुलिस कर्मियों को जिसमे क्राइम ब्रांच के आईजी, डीआईजी डीएसपी और कांस्टेबल भी थे उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गयी ..जो हाईकोर्ट ने बरकरार रखी ..
इस केस में सबसे दुखद और घृणित बात ये है की केरल के तात्कालिन नेता प्रतिपक्ष ई.एम. एस . नम्बूदरीपाद जो खुद कम्युनिस्ट पार्टी के बड़े नेता थे उन्होंने पी राजन केस में बूढ़े लाचार पिता की कोई मदद नही की .. ये पूरी लड़ाई पी राजन के पिता इचारा ने अकेले ही लड़ी थी .. बाद में पता चला की कम्युनिस्टो और कांग्रेसियो ने पी राजन की लाश का सौदा कर लिया था की इस मामले को विपक्ष यानी कम्युनिस्ट नही उठाएंगे .. बदले में कम्यूनिस्ट पर कई केस हटा लिए जायेंगे ...
इचारा जी के इस संघर्ष पर एक मलयालम फिल्म "पीरावी" बनी जिसे कांस फिल्म फेस्टिवल में सम्मानित भी किया गया था .. उनके संघर्ष पर एक दूसरी फिल्म "इद्द्दुकी गोल्ड" भी बनी थी जो काफी हिट रही ...
सोचिये .. ये वामपंथी कितने बड़े दोगले होते है .. जिस कांग्रेस ने कन्हैया कुमार के पार्टी के सदस्य की हत्या की ..और जिसकी वजह से एक पूरा परिवार बिखर गया ..उसी पार्टी की गोद में बैठकर कन्हैया कुमार मानवता की बात कर रहा है .. शर्म से डूब मरो कन्हैया ...