अजय कुमार सिंह के बारे में स्थानीय जिला प्रशासन भी नकारात्मक रिपोर्ट भेज चुकी है यह कहते हुए कि अगर अजय कुमार सिंह को पुरस्कृत किया जाता है तो कंधमाल में इसका गलत संदेश जाएगा क्योंकि आदिवासियों के बीच उनकी छवि अच्छी नहीं है। स्थानीय पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से अल्पसंख्य आयोग को जो रिपोर्ट भेजी है उसमें कहा है कि अजय कुमार सिंह के बारे में आदिवासियों में स्पष्ट धारणा है कि वे इलाके में धर्मांतरण के काम में लगे हुए हैं। इसलिए अगर उन्हें पुरस्कृत किया जाता है तो आदिवासियों को इससे धक्का पहुंचेगा।
लेकिन अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख वजाहत ह्जिबुल्लाह ने कहा की हमारे पास केंद्र सरकार ने दो नामो को भेजा था .. तीस्ता जावेद सेतलवाड और फादर अजय कुमार सिंह .. हमने कई पहलुओ पर विचार करने के बाद पाया की फादर अजय कुमार सिंह "माइनारिटी मैन" पुरस्कार के लिए सबसे उपयुक्त है |
सोचिये मित्रो, केंद्र की कांग्रेस सरकार को माइनारिटीमैन पुस्स्कार के लिए सिर्फ दो नाम ही दिखे ..पहला तीस्ता जावेद सेतलवाड जो सिर्फ और सिर्फ गुजरात और मोदी मोदी कहकर अपनी छाती कुटती है ..
और दूसरा नाम फादर अजय कुमार सिंह जिसने कंधमाल में सालो से चर्चो के इशारो पर गरीब आदिवासियों के धर्मांतरण में जुटा हुआ है ... और जिसने अपने रास्ते के सबसे बड़े रोड़े हिंदूवादी नेता स्वामी लक्ष्मणानंद जो कंधमाल में चर्चो को बेनकाब करने में जुटे हुए थे और बड़े पैमाने पर परिवर्तित ईसाईयों को वापस हिन्दूधर्म में ला रहे थे .. उनकी हत्या कर दी
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