Monday 22 July 2013

मेरे आका मेरा ईनाम ?? -- संजीव भट्ट ||| तुमको ईनाम नही मिलेगा बल्कि तुम्हारे साथ वही सुलूक होगा जो एक गद्दार के साथ होता है -- कांग्रेस



मित्रो, मुझे एक ऐतिहासिक घटना याद आ रही है ... जब महमूद गजनवी सोमनाथ पर हमला किया था तब उसे एक पुजारी ने ही ईनाम के लालच में बताया था की मन्दिर में किस जगह कितना सोना रखा है ..
जब वो लुटकर जाने लगा तब उस पुजारी ने कहा की मेरा ईनाम दो ..... फिर महमूद गजनवी के तलवार निकली और कहा की तुझ जैसे कौम के गद्दारों को ईनाम नही बल्कि तुम्हारा सर कलम होना चाहिए क्योकि जो इन्सान अपने धर्म का नही हुआ उसे जिन्दा रहने का हक नही है .. फिर गजनवी ने उसका सर कलम कर दिया |


ठीक ऐसा ही कांग्रेस की केंद्र सरकार ने संजीव भट्ट के साथ किया | आज सुबह सुबह गुजरात सरकार के पास केन्द्रीय गृहमंत्रालय का एक पत्र आया ..जिसमे केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने संजीव भट्ट के खिलाफ पद के दुरुपयोग, हिरासत में मौत और टार्चर को लेकर कड़ी करवाई करने की अनुमति दी ... केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने ये भी कहा की गृहमंत्रालय संजीव भट्ट को आईपीएस सेवा से बर्खास्त करने का अनुमोदन भी करता है |

बेचारे संजीव भट्ट .. चले थे सिंघम बनने ..चुइंगम बन गये !!

2 comments:

Anonymous said...

Nice. Yahi Hona Chahiye Tha Iske Sath.

प्यार की कहानियाँ said...


Achhi Maulik Rachna Aapke Dwara.