Sunday 26 August 2012

आन्ध्र प्रदेश की कांग्रेस सरकार कौन चला रहा है ? कांग्रेस या ओबैसी ? या दोनों मिलकर ? जिस नरपिशाच मोहम्मद अब्दुल कादिर नामक कांस्टेबल ने 1990 मे हैदराबाद मे भडकी भयानक दंगे के दौरान जब पुलिस इंस्पेक्टर ने इसे दंगो को नियन्त्रित करने के लिए मुस्लिम दंगाई भीड़ पर गोली चलाने का आदेश दिया तो इसने दंगाईयों के बजाय उस इंस्पेक्टर को ही गोलियों से भून दिया था | लेकिन आंध्रप्रदेश की कांग्रेस सरकार ओबैसी के आदेश से इसे बार बार पेरोल क्यों दे रही है ?


चित्र में जिसे को आप देख रहे है उसका नाम है मोहम्मद अब्दुल कादीर है. यह भूतपूर्व पुलिस कांस्टेबल है.
 
१९९० में हैदराबाद में दंगा हुआ उस दंगे में जब इसका सीनियर इसे एक दंगाई मुस्लिम भीड़ पर गोली चलाने का आदेश दिया तो ये भीड़ पर गोली चलाने के बजाय उस सीनियर पर ही गोली चला दी. न्यायालय के द्वारा इसे आजीवन कारावास की सजा मिली है लेकिन अभी इसकी क्षमा याचना रास्ट्रपति के पास है. इसको छुड़ाने के लिए बहुत से मुस्लिम संगठन लगे हुए है. |

मित्रों, आन्ध्र की पहले की टीडीपी सरकार ने इसे एक मिनट भी पेरोल नही दिया, लेकिन आज की कांग्रेस सरकार इसे ओबैसी के कहने पर बार बार पेरोल पर रिहा कर रही है और इतना ही नही इसके पेरोल को बार बार बढाती भी रहती है |

मित्रों, ये दोनों ओबोसी असदुद्दीन ओबैसी जो हैदराबाद से सांसद है और अकबरुद्दीन ओबैसी जो हैदराबाद के चारमिनार से विधायक है इन दोनों का मुख्य मकसद भारत को इस्लामिक राष्ट्र घोषित करना है | 
अगर आप इनकी पार्टी मजलिसे ईतेहादुल मुस्लिम [MIM] के सम्मेलनो के वीडियो यूट्यूब पर देखेंगे तो ये बार बार कहते है कि भारत को इस्लामिक देश बनाना ही मुस्लमानों का प्रथम उद्देश्य होना चाहिए |

ये अकबरुद्दीन ओवैसीने कई बार हिंदूधर्म और हिंदू देवी देवताओ के बारे मे खुले मंच से बहुत ही अभद्र बाते कहीं है लेकिन राहुल और सोनिया इसे गलत नही मानते क्योकि इसने हिन्दुओ के देवी देवताओ को अपमानित किया है | आप इस वीडियो को देखे , इसमें ये नीच ओवैसी भगवान राम और उनकी माँ कौशल्यादेवी पर किस तरह अश्लील और अभद्र बाते कह रहा है |
लेकिन  राहुल और सोनिया तो यही चाहते है किभारत से हिंदुत्व खत्म हो जाये और हिन्दुओ को बार बार अपमानित किया जाये |

मित्रों, अभी कुछ दिन पहले इस अकबरुद्दीन ओवैसी पर जानलेवा हमला हुआ, मजे की बात ये की हमलावर भी मुस्लिम ही था जिसका वेशकीमती घर इन ओवैसी बंधुओ ने कब्जा कर लिया था |
इसका हालचाल लेने के लिए सोनिया गाँधी ने मुख्यमंत्री सहित पूरी आन्ध्रप्रदेश सरकार को उसके घर भेजा था और तो और केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्री गुलाम नबी आज़ाद भी स्पेशल प्लेन से हैदराबाद उसका हालचाल लेने गए थे | 
मित्रों  जब बाला साहेब ठाकरे की धर्मपत्नी और उनके पुत्र की एकमहीने के भीतर ही दुखद मृत्यु हुआ था तब तात्कालीन प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा मातोश्री बाला साहेब को सात्वना देने गए थे तब लेफ्ट, सपा, और कांग्रेस ने संसद मे बहुत हंगामा मचाया था कि एक साम्प्रदायिक नेता के घर प्रधानमंत्री सात्वना देने क्यों गए ? और तो और उस समय शरद पवार कांग्रेस मे थे और जब शरद पवार गए तो कांग्रेस ने उनसे नोटिस देकर पूछा कि आप क्यों गए ?

आखिर इतना दोगलापन क्यों ? एक कट्टर मुस्लिम जिसके सैकडो भड़काऊ भाषण आज भी यू ट्यूब पर भरे पड़े है और जो संसद मे मुसलमानों को इस देश की ईंट से ईंट बजा देने का आह्वान करता है उसके घर जाना क्या कांग्रेस गलत नही समझती ? 

आन्ध्र के उपमुख्यमंत्री दामोदर राजा नरसिम्हा ओवैसी के घर जाकर उसका हाल चाल लेते हुए



आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ओवैसी के घर जाकर उसका हाल चाल लेते हुए
आन्ध्र के रेवेन्यूमंत्री रघुवीर रेड्डी ओवैसी के घर जाकर उसका हाल चाल लेते हुए
आन्ध्र प्रदेश विधानसभा के स्पीकर एन मनोहर ओवैसी के घर जाकर उसका हाल चाल लेते हुए

स्पीकर मनोहरओवैसी के घर नाश्ता करते हुए


स्पीकर खुद सहारा देकर ओवैसी को घर से बाहर ला रहे है
सोनिया गाँधी के निर्देश पर केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्री गुलाम नबी आज़ाद ओवैसी के घर जाकर उसके स्वस्थ्य की जानकरी ली और सोनिया और राहुल को इस बारे मे रिपोर्ट दिया ..


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मेरे हिंदू मित्रों, जागो और अपने जातिपाँति, ऊँचनीच आदि के भेदभाव भुलाकर संगठित हो जाओ | नही तो हिन्दुओ के लिए आने वाला कल बहुत ही भयानक होने वाला है |

Saturday 25 August 2012

महाराष्ट्र का गृहमंत्री आरआर पाटिल ही मुंबई हिंसा का प्रमुख मास्टरमाइंड है | अगर उसका नार्को टेस्ट हो तो कई और खुलासे हो सकते है | देखिये क्या तश्वीरे भी झूठ बोलती है ? जिस शक्स के उपर पहले से ही कई गम्भीर केस चल रहे हो आखिर उसके साथ खड़े होकर एक राज्य का गृहमंत्री कई फोटो क्यों खिचवाई ? आखिर आर आर पाटिल मुंबई हिंसा के प्रमुख आरोपी मौलाना मोइन मियां के दफ्तर और उसके मस्जिद और मदरसे मे बार बार क्यों जाते है ? इतना ही नही आज़ाद मैदान हिंसा के सिर्फ पांच दिन पहले आर आर पाटिल खुद रजा एकेडमी के संचालक मौलाना मोइन मिंया के दफ्तर उससे मिलने गए |


मुंबई बीजेपी प्रवक्ता गृहमंत्री आर आर पाटिल और आज़ाद मैदान हिंसा के मुख्य आरोपी रजा एकेडमी के संचालक मौलाना मोईन मिया के सम्बन्धों को उजागर करते हुए |








मित्रों , सोचिये बड़े बड़े लोग गृहमंत्री से मिलने के लिए कई कई दिन वेटिंग मे रहते है लोगो को एप्वाइंटमेंट नही मिलता और आर आर पाटिल खुद आजाद मैदान हिंसा के प्रमुख आरोपी रजा एकेडमी के संचालक  से मिलने उसे दफ्तर गए |

एक  चौकाने वाला गम्भीर खुलासा हुआ है कि मौलाना मोईन मियां के छोटे भाई को पार्षद का टिकट आर आर पाटिल की सिपारिश से मिला था  | मौलाना का छोटा भाई व राकांपा नेता ठाणे के मुंब्रा क्षेत्र से सभासद भी है।

मित्रों, नए पुलिस कमिश्नर सतपाल सिंह ने जब आज़ाद मैदान हिंसा की नए सिरे से जाँच की तो एक गम्भीर खुलासा हुआ | गरीब नगर निवासी एक मुस्लिम महिला ने नौ अगस्त को गृहमंत्री एवं पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर सूचना दी थी कि अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति सलीम लाइट वाला अपने साथी अलाउद्दीन अंसारी के साथ मुंबई में हिंसक घटना को अंजाम देना चाहते हैं। सलीम लोगों को नकली नोट, हथियार एवं नशीले पदार्थ बांट रहा है। इस सूचना पर ध्यान दिया गया होता तो हिंसा रोकी जा सकती थी। उक्त महिला ने 14 अगस्त को पुन: गृहमंत्री एवं पुलिस आयुक्त को पत्र लिख कर हिंसा में शामिल 12 लोगों के नाम बताए थे। 

लेकिन  पुलिस को इस बारे मे कोई करवाई नही करने के आदेश किसने दिये ये एक रहस्य है | दबी जबान मे ऑफ द रिकॉर्ड कई पुलिस अधिकारी बताते है कि आर आर पाटिल ने ही पुलिस को कोई करवाई नही करने के आदेश दिये |

 इतना ही नही आर आर पाटिल ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया था कि किसी भी मुस्लिम दंगाई को गिरफ्तार नही किया जाये | मित्रों सोचिये पचास पचास पुलिस वालो को गम्भीर चोटे आने के बाद भी क्या कोई पुलिस कमिश्नर किसी दंगाई को अपने मन से छोड़ने के आदेश देगा ? क्या उसे अपने मातहत कर्मचारियों के मनोबल की चिंता नही होगी ?

 मित्रों, जब राज ठाकरे ने मुंबई मे इस घटना के खिलाफ बड़ी रैली निकाली और अपने भाषण मे आर आर पाटिल को ही मुंबई हिंसा का मुख्य जिम्मेदार बताया तब अपनी नाक बचाने के लिए आर आर पाटिल ने पुलिस कमिश्नर का तबादला करवा दिया | लेकिन आर आर पाटिल ने ये सोचा कि कहीं ये पुलिस कमिश्नर अरूप पटनायक मेरी पोल न खोल दे इसलिए आर आर पाटिल ने उसका डीजी रैंक का प्रमोशन भी दे दिया |

मित्रों, क्या भारत धर्मनिरपेक्ष है ? क्या भारत संयुक्तराष्ट्र के सिधांतों को मानता है ? क्या भारत मे हिंदू और मुस्लिम लोगो और उनके नेताओ के बीच भेदभाव नही किया जाता ? यदि हाँ तो फिर राहुल गाँधी का सबसे करीबी दोस्त और यूपीए का सांसद असदुद्दीन ओबैसी भारत और संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हमास और हिजबुल्लाह के खूखार कमांडरों के साथ बार बार मिलने लेबनान के बेरुत और दहिल्या शहर मे क्यों जाता है ?




लेबनान मे गृहयुद्ध प्रभावित एरिया का निरीक्षण करता ओबैसी





मित्रों, क्या भारत धर्मनिरपेक्ष है ? क्या भारत संयुक्तराष्ट्र के सिधांतों को मानता है ? क्या भारत मे हिंदू और मुस्लिम लोगो और उनके नेताओ के बीच भेदभाव नही किया जाता ? यदि हाँ तो फिर राहुल गाँधी का सबसे करीबी दोस्त और यूपीए का सांसद असदुद्दीन ओबैसी भारत और संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हमास और हिजबुल्लाह के खूखार कमांडरों के साथ बार बार मिलने लेबनान के बेरुत और दहिल्या शहर मे क्यों जाता है ?

मित्रों, इजराइली ख़ुफ़िया एजेन्सी मोसाद ने भारत सरकार को कई बार पत्र लिखकर कहा है कि आपका सांसद जो आपकी सरकार को समर्थन दे रहा है वो इजरायल मे आतंकवाद फैला रहा है और साथ ही भारत के गरीब मुस्लिम युवको का ब्रेनवाश करके उन्हें हमास और हिजबुल्लाह के लिए भर्ती करता है | लेकिन चूँकि भारत की कांग्रेस सरकार को सिर्फ हिंदू ही आतंकवादी नजर आते है इसलिए भारत सरकार ओबैसी को खुलेआम छुट दे दिया है |

मित्रों अभी कुछ दिन पहलेसंसद मे आसाम पर चर्चा के दौरान ओबैसी ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की उपस्थिति मे कहा कि "यदि भारत सरकार आसाम मे मुसलमानों का चाहे वो प्रवासी क्यों न हो ठीक ढंग से पुनर्वास नही करती और उन्हें उचित मुवावजा नही देती तो फिर भारत का मुसलमान इस देश की ईंट से ईंट बजा देंगे" लेकिन किसी भी कांग्रेसी सांसद ने ओबैसी के इस बयान की निंदा नही की | और तो और मीडिया ने भी इसको ब्रेकिंग न्यूज़ नही बताया सिर्फ टाइम्स नाउ ने ही इस खबर पर चर्चा की |

सबसे बड़ी चौकने वाला खुलासा ये है कि ओबैसी को डिप्लोमेटिक पासपोर्ट राहुल गाँधी की सिपारिश पर मिला था जबकि खुद आन्ध्रप्रदेश की कांग्रेस की ही सरकार की ख़ुफ़िया पुलिस ने ओबैसी को डिप्लोमेटिक पासपोर्ट न देने की रिपोर्ट भेजी थी लेकिन जब राहुल गाँधी ने इस मामले मे हस्तक्षेप किया जब जाकर विदेश मंत्रालय ने ओबैसी को बिना किसी योग्यता और अहर्ता के डिप्लोमेटिक पासपोर्ट इस्शु कर दिया |

मित्रों, साधारण  पासपोर्ट का कलर नीला होता है बल्कि डिप्लोमेटिक पासपोर्ट का कलर मैरून होता है और डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रखने वाले व्यक्ति की किसी भी हवाईअड्डे पर तलाशी नही होती और इन्हें "वीजा आन अराइवल" की भी सुविधा होती है और ये पासपोर्ट केवल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केबिनेट स्तर के मंत्री और राज्यों मे मुख्यमन्त्रियो और राजदूत तथा दूतावास मे सचिव स्तर के अधिकारियों  को ही इस्शु हो सकता है | 

मित्रों, हिजबुल्लाह आज विश्व का सबसे बड़ा आत्मघाती दस्ते वाला आतंकवादी संगठन है जो छोटे छोटे बच्चो को अपने आत्मघाती दस्ते मे भर्ती करता है | लेबनान पहले धर्मनिरपेक्ष देश था और वहाँ ४% हिंदू और १०% यहूदी  भी रहते थे | लेबनान जहां पहले ८०% ईसाई तथा अन्य धर्म और २०% मुस्लिम रहते थे और लेबनान विश्व का बहुत तेजी से तरक्की करता हुआ मुल्क था | और इसकी राजधानी बेरुत को विश्व का गोल्ड केपिटल कहा जाता था क्योकि बेरुत विश्व की सबसे बड़ी सोने की मण्डी थी | इतना ही नही खूबसूरत लेबनान मे कई हालीवुड और बोलिउड की फिल्मो की शूटिंग होती थी | रामानंद सागर ने सत्तर के दशक मे धर्मेन्द्र और माला सिन्हा को लेकर एक फिल्म बनाई थी जिसका नाम "आखें' उस फिल्म की 80% शूटिंग बेरुत मे हुई थी और कई गाने जैसे "मिलती है जिंदगी मे मोहब्बत कभी कभी" की शूटिंग भी बेरुत मे ही हुई |

लेकिन लेबनान की तरक्की और खुशहाली पर लेबनान  के मुस्लिम लीडरो ने ग्रहण लगा दिया |मस्जिदों मे और अपने सम्मेलनों के मुसलमानों को खूब बच्चे पैदा करके लेबनान पर क्ब्ज्जा करने की बाते करते थे | फिर धीरे धीरे लेबनान का जनसंख्या का संतुलन बिगड गया और फिर लेबनान 25 सालो से गृहयुद्ध की चपेट मे आ गया | आज लेबनान के दो हिस्से है उत्तरी लेबनान जिसमे ईसाई और अन्य धर्मो के लोग रहते है और दक्षिण लेबनान जहां मुस्लिम रहते है उसी तरह राजधानी बेरुत का भी दो अघोषित हिस्सा है जहां एक तरह ईसाई और दूसरी तरफ मुस्लिम रहते है |

मित्रों, जब भी कोई सांसद विदेश यात्रा करता है तो उसे लोकसभा अध्यक्ष की लिखित अनुमति लेनी पडती है भले ही वो उसकी निजी यात्रा ही क्यों न हो | एक आरटीआई के जबाब मे मीरा कुमार ने पहले बताया कि उनके पास ऐसी कोई फ़ाइल नही आई जिसमे ओबैसी ने लेबनान और सीरिया के यात्रा की अनुमति मांगी हो |

अब सवाल ये उठता है कि आखिर इतना घोर साम्प्रदायिकता फ़ैलाने वाला ओबैसी को कांग्रेस साम्प्रदायिक क्यों नही मानती ? 

मित्रों, कांग्रेस की नजर मे  सिर्फ भारत के हिंदू ही साम्प्रदायिक है | अगर कोई भारत मे हिंदू हित की बात करेगा तो वो घोर साम्प्रदायिक और राजनितिक रूप से अछूत बन जायेगा | पूरी मीडिया और कांग्रेस सहित कुछ तथाकथित धर्मनिरपेक्षता के नाम पर अपनी दुकान चलाने वाली छोटी पार्टियां सब उसको साम्प्रदायिक घोषित कर देंगे | लेकिन यदि कोई सिर्फ मुस्लिम हित की ही बात करेगा तो वो धर्मनिरपेक्ष माना जायेगा | यहाँ मैंने "सिर्फ" इसलिए लिखा है क्योकि ओबैसी ने आजतक संसद मे सिर्फ मुस्लिम हित और मुस्लीमों के बारे मे ही मुद्दे उठाये है और सिर्फ मुस्लिम लोगो की ही मदद करते है यहाँ तक आसाम मे भी जो उन्होंने रिलीफ कैम्प लगाया उसके उपर लिख दिया " only for muslims" इन्होने सानिया मिर्जा को कई बार सम्मानित किया लेकिन जब एक पत्रकार ने इसने पूछा कि आप सानिया नेहवाल को कब सम्मानित करेंगे तो ये माइक फेक दिये |

मित्रों, आंध्रप्रदेश की कांग्रेस सरकार की ही आईबी हैदराबाद मे भडके कई दंगो के लिए ओबैसी बंधुओ को जिम्मेदार बताती है यहाँ तक की केन्द्र की ख़ुफ़िया एजेंसियों ने भी कई बार गृहमंत्रालय को ओबैसी के संदिग्ध गतिबिधियों के बारे मे चेतावनी दी है | लेकिन सब बेकार |
सोचिये क्या राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी नरेंद्र मोदी या तोगड़िया या अशोक सिंघल जी के साथ फोटो खिचवा सकते है ? नही क्योकि ये लोग तो हिन्दुवादी है और भारत मे हिन्दुवादी होना सबसे बड़ा अपराध है |

लेकिन वहीराहुल गाँधी और सोनिया गाँधी ओबैसी के साथ कई कई घंटो तक बैठते है और उसके साथ फोटो खिचवाते है | क्योकि सोनिया ने जो काला कानून "साम्प्रदायिक हिंसा निवारण बिल" बनाया था उसके अनुसार तोसिर्फ हिंदू ही दंगाई होते है, हिंदू हिंसक होते है और हर बार सिर्फ हिंदू ही पहले दंगे भड़काते है |

मित्रों, सबसे बड़ा सवाल ये है कि भारत की मीडिया और कांग्रेस की हिन्दुओ के बारे मे इस दोगली मानसिकता का जिम्मेदार कौन है ? 
मित्रों, इसके जिम्मेदार हम सब हिंदू  खुद ही है | ये हम हिंदू ही है जो सब कुछ जानते समझते हुए भी जतिपति और दूसरे छोटे छोटे मुद्दों और कांग्रेस के द्वारा दिये गए झूठे लालचो और प्रलोभनों के बहकावे मे आकर इस कांग्रेस को वोट देकर इसे मजबूत करते है | हिंदू मित्रों, अपने बारे मे तो नही कम से कम पचास साल बाद आने वाली अपनी हिंदू पीढियों के बारे मे सोचो | जो हाल पाकिस्तान, सीरिया, लेबनान, इंडोनेशिया, फिलीपींस और भारत मे कश्मीर, केरल और आसाम मे हिन्दुओ के साथ हुआ है और जो आज हिंदू इन जगहों पर पर अत्याचार झेल रहे है वही आज के पचास सालो के बाद पूरे भारत मे झेलेंगे |
           
                     जय हिंद !!! जय भारत !!! वन्देमातरम !!

Thursday 23 August 2012

यह एक ऐसे घोटाले की खबरे हैं जिसे पढ़ कर आप बरखा दत्त और वीर सांघवी के कर्म भूल जाएंगे। यह घोटाला करने का आरोप भी एनडीटीवी के चेयरमैन प्रणय राय पर है और इसे गंभीरता से लेने पर प्रणय राय हर्षद मेहता और केतन पारिख से ज्यादा अलग नजर नहीं आएंगे।


यह इल्जाम किसी आम आदमी ने नहीं लगाया। देश के सबसे सम्मानित पत्रकारों में से एक, भूतपूर्व सांसद, हेडलाइंस टुडे चैनल के मुखिया और संडे गार्जियन के संपादक एम जे अकबर ने बाकायदा लिख कर लगाया है और प्रणय राय और उनकी राधिका राय को चुनौती दी है कि इसका खंडन करे। यह घोटाला आईसीआईसीआई बैंक के साथ मिल कर किया गया बताया गया है।

घोटाले का तौर तरीका बताता है कि आर आर आर आर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के पास एनडीटीवी के अपार शेयर पडे हैं। इन शेयरों की कीमत नकली खरीददारी कर के जुलाई और अक्टूबर 2008 के बीच बढ़ा चढ़ा कर 439 रुपए प्रति शेयर बताई गई। कहा गया कि शेयर बढ़ रहे हैं इसलिए कंपनी अपनी शेयर वापस खरीदना चाहती है मगर उसके पास नकदी नहीं है। ईमानदार एनडीटीवी ने इंडिया बुल्स फाइनेंस सर्विस से 9070297 शेयर गिरवी रख कर 363 करोड़ रुपए ले लिए। यह कर्ज था और जुलाई 2008 में लिया गया था। अगस्त 2008 को शेयर बाजार लुढ़क गया। इंडेक्स 22 हजार से घट कर दस हजार पर आ गया और एनडीटीवी के शेयर की कीमत 100 रुपए रह गई। इंडिया बुल्स ने एनडीटीवी से कहा कि हमारा पैसा वापस करो।

एनडीटीवी हमेशा की तरह कंगाल था। प्रणय राय ने अपनी साख का सहारा ले कर और शायद बरखा दत्त के टाटाओं, अंबानियों और राडियाओं से रिश्तों को इस्तेमाल कर के आईसीआईसीआई बैंक से अक्टूबर 2008 में 4741721 शेयरों के बदले 375 करोड़ रुपए का कर्ज लिया और ये वे शेयर थे जो आर आर आर आर नाम की अज्ञात कंपनी के पास थे। आईसीआईसीआई की चंदा कोचर जानबूझ कर अंधी हो गई और उन्होंने 100 रुपए का शेयर 439 रुपए का मान कर गिरवी रख लिया। यह पहला बड़ा घोटाला था।

इसके बाद एक और आर्थिक शातिर चाल में शेयर्स का दाम 23 अक्टूबर 2008 को 99 रुपए रह गया और 375 करोड़ के कर्जे के बदले बैंक के पास सिर्फ 47 करोड़ की गारंटी मौजूद रह गई और अब इस शून्य को भरना था। आर आर आर आर कंपनी के बारे में पता चला कि इसके मालिक प्रणय राय और राधिका राय हैं और जुलाई 2008 से पहले इसके पास एनडीटीवी का एक भी शेयर नहीं था और इसकी कुल पूंजी ही मात्र एक लाख रुपए थी। धंधा यह जरूर सैकड़ों का कर रही थी। केतन पारिख ने ये किया तो बेचारा जेल में और प्रणय राय देश को ज्ञान बांटने का पेशा कर रहे हैं।

अभी आघात खत्म नहीं हुए हैं। पैसा का हेर फेर हो जाने के कुछ ही दिन बाद पति पत्नी की चार बार आर नाम वाली कंपनी को चंदा कोचर की बैंक ने लगभग 74 करोड़ का कर्ज फिर दे दिया। यह गैर कानूनी था और अनैतिक भी। कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय भी खामोश रहा।

नवंबर में सीबीआई ने जब जीवन बीमा निगम और अन्य बैंकों के अधिकारियों को कुख्यात कर्ज घोटाले में पकड़ा तो पता चला कि एनडीटीवी विदेशों से भी मोटा कर्जा लेता रहता है और उसके बदले वही शेयर गिरवी रखता रहता है जो भारत में दूसरों के पास गिरवी रखे होते हैं। इसके लिए एनडीटीवी की विदेशों में कुछ फर्जी कंपनियां भी है।

अब बिक चुके एनडीटीवी इमेजिन के दस रुपए के शेयर 776 रुपए में बेचे गए। यह तब हुआ जब चैनल बिक जाने के बावजूद घाटे में हैं। मगर प्रणय राय ने नकली तौर पर बढ़ाए गए दामों का एक पैसा भारतीय शेयर धारकों को नहीं मिला। वैसे एनडीटीवी के शेयर लगातार लुढ़क रहे हैं और अब विदेशों से नाम भुनाने की कोशिश की जा रही है। जो कंपनियां एनडीटीवी के लिए विदेशों में काम कर रही है उनमें से एक का पता 90, हाई हॉल बॉर्न लंदन हैं और यह रैगरपुरा की तरह अपेक्षाकृत गरीब लोगों के रहने की बस्ती शायद इसी झोपड़पट्टी में प्रणय राय को अपना भविष्य नजर आ रहा हो।

नए नए नेताजी का चोला पहने केजरीवाल और उनकी एनजीओ माफिया गैंग के सामने बीजेपी का विरोध करना मजबूरी हो गया है | ये अपना नया नया दुकान चमकाने मे इतने अंधे हो गए है कि इनको ये नही दिखता कि देश का प्रधानमंत्री पद पर कौन सी पार्टी बैठी है ? कौन सी पार्टी सभी फाइलों पर दस्तखत करती है ? पीछे आठ सालो से देश क्या बीजेपी चला रही है ?




बीजेपी के मुख्यमंत्री ने कोल ब्लोक के मामले मे नीलामी के खिलाफ पत्र लिखा . लेकिन ये आधा सच है | पत्र मे ये लिखा कि राज्य सरकार के बिजलीघरों को बिना नीलामी कोयला देना चाहिए | किसी भी बीजेपी के मुख्यमंत्री ने ये नही लिखा कि निजी कम्पनियों को भी बिना नीलामी के कोयला देना चाहिए |

मजे की बात ये है कि जिस राज्य मे एक चम्मच भी कोयला नही होता उस राज्य राजस्थान की तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की बात कांग्रेस ने मान ली | लेकिन राजस्थान सरकार की सरकारी बिजली कम्पनियो को कोयला देने के बजाय निजी कम्पनियों को दे दिया |

लेकिन सबसे बड़ी बात ये है की अगर कांग्रेस की केन्द्र सरकार बीजेपी के मुख्यमंत्रियों के पत्रों से चलती है और प्रधानमंत्री सिर्फ बीजेपी के मुख्यमन्त्रियो के पत्रों पर ही निर्णय लेते है क्योकि प्रधानमंत्री के पास खुद की अपनी कोई बुद्धि नही है? 

तो मित्रों उसी केन्द्र सरकार को मोदी ने पोटा कानून की मंजूरी के लिए पांच पत्र लिखे | गुजरात के केरोसिन कोटे मे ३२% कमी करने के खिलाफ तीन पत्र लिखे, गुजरात प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अर्जुन मोधवाडिया ने एक बार मोदी जी और केबिनेट मंत्री आनंदी बेन पटेल को लेकर बहुत ही शर्मनाक और अश्लील बाते कही थी उस बारे मे मोदी जी ने सोनिया को पत्र लिखा | लेकिन तब केन्द्र सरकार एक मुख्यमंत्री के पत्र को मान्यता क्यों नही दी ?


मित्रों, आखिरी निर्णय लेने वाले खुद तत्कालीन कोयला मंत्री ही थे और उस समय कोयला मंत्रालय का कार्यभार भी खुद प्रधानमंत्री के पास था फिर इस मामले मे बीजेपी दोषी कैसे हुई ?

सीएजी ने अपने कई लाख पन्ने के रिपोर्ट मे एक लाइन भी बीजेपी के बारे मे नही लिखा है | बल्कि उसने कहा की बीजेपी के दो मुख्यमंत्री सिर्फ अपने राज्य के सरकारी फायदे के लिए पत्र लिखे थे न की निजी | अगर राजस्थान या छत्तीसगढ़ की सरकारी बिजली कम्पनी को कोयला सस्ता मिलता तो इसमें उनका निजी फायदा नही होता |

लेकिन ये कांग्रेस का दलाल केजरीवाल और उसकी गैंग बार बार बीजेपी का नाम् लेकर जनता को गुमराह कर रही है |
केजरीवाल जी, अगर किसी के पत्नी को बच्चा न हो रहा हो तो आप उसे पड़ोसी को दोष देंगे या उसके पति को ?

Sunday 19 August 2012

केंद्रीय पेट्रोलियम राज्यमंत्री आरपीएन सिंह, गुजरात कांग्रेस के नेताओ अर्जुन मोढवाडिया, शक्तिसिंह गोहिल .. क्या तुम सब गुजरात की जनता को अपने जैसा मुर्ख और बेवकूफ समझते हो ? क्या तुम गुजरात की जनता को अपने जैसा सोनिया का पाला हुआ गुलाम, चाटुकार चमचा समझते हो ? क्या गुजरात हाईकोर्ट झूठा है ? अरे मूर्खो , जब तुम इस देश के सीएजी को झूठा कह सकते हो तब तुम्हारे लिए तो पूरी कायनात झूठी है सिर्फ सोनिया का तलवा जिसे तुम चाटते हो वही सच्चा है |



ये मुर्ख कांग्रेसी नेता क्या जनता को भी अपने जैसा मुर्ख समझते है ? अगर ये सोनिया के तलवे चाटने वाले .. राहुल गाँधी के चरणों मे लोटने वाले चाटुकार, सत्ता के प्यासे और हवसखोर और एनडी तिवारी की नाजायज औलाद है तो क्या ये अपने जैसे पूरे देश की जनता को समझते है ?

मित्रों, ये नीच कांग्रेसी अब पूरे गुजरात की जनता की आँखों मे धुल झोकने निकले है | गत 25 जुलाई को गुजरात हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को आदेश दिया कि वो दिल्ली और मुंबई के भाव पर ही गुजरात को भी गैस दे | इस सुनवाई के लिए खुद भारत सरकार के असिस्टेंट सोलिसिटर जनरल पीएस चाम्पनेरी केन्द्र सरकार का पक्ष रख रहे थे .. लेकिन गुजरात हाईकोर्ट ने अपने आदेश मे साफ कहा कि दिल्ली और मुंबई के तर्ज पर गुजरात को भी गैस मिलना चाहिए | केन्द्र सरकार किसी भी राज्य के साथ सौतेला व्यहार नही कर सकती | केन्द्र सरकार को गुजरात को गैस की मात्रा उसके जनसख्या और मांग के अनुपात मे देनी ही होगी | इसके आलावा केन्द्र सरकार गुजरात को बीस रूपये ज्यादा दाम पर गैस देती है इसे हाईकोर्ट ने गलत ठहराते हुए गुजरात को भी मुंबई और दिल्ली के भाव मे गैस देने का आदेश दिया |

मित्रों, गुजरात हाईकोर्ट का ये फैसला पूरे गुजरात ही नही बल्कि देश के सभी प्रमुख अखबारों मे प्रमुखता के साथ छपा और साथ ही गुजरात बीजेपी ने गुजरात के साथ कांग्रेस द्वारा किये जा रहे इस सौतेलेपन को जनता के बीच उजागर करने के लिए एक एड कैम्पेन भी चलाया जिससे गुजरात की सत्ता की जन्मोजन्म से प्यासी गुजरात कांग्रेस किसी खजेले कुत्ते की तरह तडप उठी |

कल गुजरात कांग्रेस ने केंद्रीय तेल और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री आरपीएन सिंह को अहमदाबाद बुलाया था | और उन्होंने गुजरात कांग्रेस के लबाड नेताओ के साथ बैठकर कुछ कागज पर फर्जी आकड़े बनाये और बताने लगे की केन्द्र गुजरात के साथ कोई अन्याय नही कर रहा है , लेकिन जब वहाँ मौजूद पत्रकारों ने उन्हें गुजरात हाईकोर्ट का जजमेंट पढ़ने को दिया तब मंत्री महोदय की बोलती बंद हो गयी और पास बैठे गुजरात कांग्रेस के नेता एक दूसरे का मुंह देखने लगे |

और केंद्रीय मंत्री की हालात तब देखने जैसी हो गयी जब एक पत्रकार ने पूछा कि क्या आप एलान करते है कि गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ केन्द्र सरकार सुप्रीम कोर्ट ने नही जायेगी ? आखिर अगर आप गुजरात के साथ सौतेलापन नही करते तो फिर आपके सोलिसीटर जनरल ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को केन्द्र मे चुनौती क्यों देने जा रहे है ?

फिर तो बेचारे आरपीएन सिंह और जन्म जन्म के सत्ता के प्यासे और सत्ता के लिए तडप रहे गुजरात कांग्रेस के नेताओ के पास कोई जबाब नही सुझा ... पांच मिनट की ख़ामोशी के बाद आरपीएन सिंह ने कहा की ये तो आप कानूनमंत्री से पूछिए |

मित्रों, सत्ता की प्यासी दोगली कांग्रेस को अपना दोगलापन नही दिखता .. वो सत्ता के लिए इतनी तडप रही है कि उसे पिछले महीने ही गुजरात हाईकोर्ट का फैसला भी नही दिखता |







 

मै सपनों के सौदागर गुजरात कांग्रेस के सभी नेताओ से पूछना चाहता हूँ कि तुम जब 35 साल सत्ता पर थे तब तुम्हे घरविहीन लोगो को घर देने की याद क्यों नही आयी ? कांग्रेस चाहे तो आज गुजरात के घरविहीन लोगो को घर दे सकती है .. केन्द्र मे तो कांग्रेस की ही सत्ता है केन्द्र के कोटे से तुम घर क्यों नही दिलाते ? क्यों कहते हो की जब कांग्रेस गुजरात मे सत्ता पर आएगी तभी घर दिया जायेगा ?


मित्रों, पहले आप इस कागज के टुकड़े पर नजर डालिए जिसे लेकर कांग्रेस हमारे वोट खरीदने निकली है ..


१- आखिर इसमें किसी का सिगनेचर क्यों नही है ? क्या कोई फॉर्म बिना किसी अथारिटी के हो सकता है ?
२- चलो अगर कांग्रेस सच मे गम्भीर है तो इसके साथ कांग्रेस के ही प्रधानमंत्री द्वारा  गारंटी क्यों नही लगा है ?
३-इस फॉर्म पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के दस्तखत क्यों नही है ?
४- हर फॉर्म के नीचे उसके मुद्रक का नाम और किसके द्वारा मुद्रित हुआ उसका नाम लिखा होता है .. इसमें क्यों नही है ?

मित्रों, गुजरात कांग्रेस के ठगों से चेतो .. ये सिर्फ तुम्हे तुम्हारे वोट के लिए झूठे सपने और झूठे वायदे लेकर आये है | 
अगर इनको सच मे घरविहीन लोगो की चिंता है तो फिर ये चिंता सिर्फ गुजरात मे ही क्यों ? ये नीच कांग्रेस जीन राज्यों मे सत्ता पर है वहाँ के घरविहीन लोगो को घर क्यों नही दे रही है ?  मित्रों दूर की बात छोडो , गुजरात से सटे हुए संघ शासित प्रदेश दमन और दिवू मे कांग्रेस घरविहीन लोगो को घर क्यों नही दे रही है ?

कहते है कि कोई भी पुण्य का काम किसी शर्तों का मोहताज नही होता फिर ये कांग्रेस पहले शर्त क्यों रखी है कि जब कांग्रेस सत्ता मे आएगी तभी घर मिलेगा ?
यानी कांग्रेस चाहे तोगुजरात के हर निवासी को निजी जेट देने का भी फॉर्म बाँट सकती है क्योकि उसे मालूम है कि वो सत्ता पर वैसे भी आने वाली नही है तो फिर "वचनंम् किम् दरिद्रम् " 

आज कांग्रेस ११ राज्यों मे सत्ता पर है .. दिल्ली मे लगातार तीन बार और महाराष्ट्र मे लगातार दो बार से सत्ता पर है तो फिर वहाँ कांग्रेस घरविहीन लोगो के लिए घर देने की योजना क्यों नही चला रही है ?

मित्रों, अब जानिए इस योजना के पीछे का असली सच 
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असल मे कांग्रेस की मीडिया पीआर एजेन्सी ने यूपी मे समाजवादी पार्टी के सत्ता पर आने का पूरा रिसर्च किया तो पता चला कि २०% लोगो ने सपा के लुभावने वायदे पर विश्वास करके वोट दिये थे |
इसलिए मुलायम सिंह की उसी तिकडमबाजी को कांग्रेस गुजरात मे आजमाना चाहती है | लेकिन मित्रों याद रखो यूपी मे क्या हुआ ? सत्ता पाने के बाद अखिलेश यादव ने यूपी की जनता को ठेंगा दिखा दिया | और तो और वीं क्लास मे पढ़ने वाले दो छात्रों ने जब अखिलेश यादव को एसएमएस भेजकर पूछा कि सर हमे आप लैपटॉप कब देंगे तो अखिलेश यादव ने उन्हें धमकी देने के आरोप मे गिरफ्तार करवा दिया |

आखिर कांग्रेस इस योजना का ब्लूप्रिंट क्यों नही देती ??
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मित्रों, जब भी कोई पत्रकार गुजरात के कांग्रेसी नेताओ से पूछता है कि आप इतनी जमीन कहाँ से लायेंगे कि सबको घर मुफ्त मे दे सके ? इतना पैसा कहा से लायेंगे ? तो ये जबाब देने के बजाय बगलें झाँकने लगते है |


मित्रों, "एक का तीन वाली" इस ठग मंडली यानी गुजरात कांग्रेस से चेतो .. इनके वायदों पर कभी विश्वास मत करो | केन्द्र के सत्ता लेने के लिए इन्होने कहा था कि हम १०० दिनों मे मंहगाई कम करेंगे , लेकिन क्या हुआ ?  कभी इंदिरा गाँधी ने भी एक बहुत खूबसूरत नारा "गरीबी हटाओ" देकर सत्ता हासिल की थी लेकिन क्या हुआ ? 
पिछले आठ सालो ने मनमोहन सिंह स्वतंत्रता दिवस पर हर साल लालकिले की प्राचीर से वायदों की झड़ी लगा देते है .. क्या एक भी वायदा पूरा किया ?

मित्रों, अब तो बस एक गाना याद आता है "क्या हुआ तेरा वादा .. वो कसम वो इरादा ?"

Thursday 16 August 2012

नरेंद्र मोदी जी के द्वारा अहमदाबाद मे साबरमती रिवरफ्रंट के पहले चरण मे बने ११ किमी वाक वे और नदी मे कई वाटर स्पोर्ट का लोकार्पण

एयर बबल मे एंज्वाय करते लोग
लोकार्पण के समय हो रही आतिशबाजी
पहले चरण के ११ किमी बने खूबसूरत वाक वे का लोकार्पण करने केबाद विशाल जनसभा को समबोधित करते मोदी जी
रात मे समय मे साबरमती रिवरफ्रंट का अद्भुत नजारा
वाक वे पर जोगिंग करते अहमदाबादी
बारिश मे रिवर फ्रंट का खूबसूरत नजारा
लोकार्पण के बाद स्पीडबोट मे घूमकर लोगो का अभिवादन स्वीकार करते मोदी जी
सच मे ऐसा स्थान जहां बैठकर आप सुकून और प्रकृति को पाकर धन्य महसूस करेंगे



मित्रों, भारत का अपने तरह का पहला और अनूठा प्रोजेक्ट "साबरमती रिवरफ्रंट" का पहला चरण पूरा हो गया | जिसमे ११ किमी मे बने वाक वे का लोकार्पण मोदी जी ने किया |


पहले साबरमती नदी के किनारे गंदगी का अम्बार लगा रहता था | दोनों तरफ कई झोपड़पट्टी बनी हुई थी .. और महानगर का सारा कचरा वहाँ फेका जाता था | साबरमती नदी का पट  कई तरह की गैरकानूनी गतिविधियों जैसे अवैध शराब बनाना , देह व्यापार , चोरी का सामान बेचना आदि का केन्द्र बन गया था |

फिर मोदी जी ने 2005 मे साबरमती रिवर फ्रंट बनाने की घोषणा  की |

क्या है साबरमती रिवरफ्रंट 
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मित्रों, ये एक ऐसा प्रोजेक्ट है जो पूरा बने बिना ही देश विदेश के कुल २० पुरस्कार पा चूका है | इसमें नदी के दोनों तरफ कंक्रीट का किनारा बनाकर और वहाँ पेड पौधे, रेस्टोरेंट , आदि बनाकर इसे खुबसूरत बनाना था | फिर नदी मे एम्फिबियन बस, छोटे क्रूज शिप, तैरते होटल , वाटर स्पोर्ट आदि का प्रावधान होगा |

शुरू मे कांग्रेस के द्वारा खड़ी की गयी कई अडचने 
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मित्रों, इसे बनाना इतना आसान नही था , क्योकि कांग्रेस को ये डर सताने लगा कि यदि ये प्रोजेक्ट बनेगा तो मोदी जी की लोकप्रियता मे बहुत ही वृद्धि होगी और देश विदेश मे उनकी ख्याति और बढ़ेगी | इसलिए कांग्रेस ने इसके खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट मे अब तक कुल 15 केस दाखिल किया | पहले कांग्रेस ने कोर्ट मे ये कहा की ये नदी को खत्म कर देगा | फिर नदी के किनारे बने झोपडपट्टी को मुद्दा बनाया | जबकि गुजरात सरकार पहले ही ये एलान कर चुकी थी कि जितने भी झोपडपट्टी वाले विस्थापित होंगे उनको बहुत ही अच्छा फ़्लैट दिया जायेगा |

लोकार्पण के समय मोदी जी ने कहा कि गुजरात कांग्रेस सिर्फ "हवन मे हड्डी" डालती है | गुजरात कांग्र्रेस गुजरात का विकास नही चाहती बल्कि गुजरात को १७वीं सदी मे वापस ले जाना चाहती है . क्योकि नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर परियोजना पर भी कांग्रेस ने बहुत ही ज्यादा अडंगे डाले .. लेकिन जब केन्द्र मे अटल जी कि सरकार आई तब जाकर सरदार सरोवर परियोजना मे तेजी आई और आज पूरा गुजरात इस परियोजना के माध्यम से बने केनाल के द्वारा सिंचाई की सुविधा से युक्त है |


साबरमती रिवरफ्रंट को अब तक कई पुरस्कार मिले जिनमे मुख्य है -- बेस्ट इनोवेटिव प्रोजेक्ट ऑफ इयर, प्रधानमंत्री का बेस्ट पुरस्कार , बेस्ट आर्कीटेक्ट ओड़ द इयर, बेस्ट सिविल प्रोजेक्ट ऑफ द इयर आदि

Sunday 12 August 2012

कल मुंबई के दंगे मे सीएसटी स्टेशन के बाहर हमारे देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले अमर जवानो की स्मृति मे बनी अमर जवान ज्योति को नष्ट करता एक मुस्लिम युवक ...



आखिर मीडिया इस तश्वीर को क्यों नही दिखा रहा है ? क्योकि ये युवक एक मुस्लिम संगठन का सदस्य है .. 
क्या इस देश मे मुस्लिम संगठनो की इतनी हिम्मत बढ़ चुकी है कि वो हमारे देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले हमारी सेना के बहादुर जवानो की स्मृति मे बनाये गए अमर जवान ज्योति को तहस नहस कर दे ?
आखिर इतने के बाद भी इन दंगाईयों पर देशद्रोह और देश के खिलाफ युद्ध का अपराध का केस क्यों नही दर्ज हो रहा है ?

मित्रों, जब कुछ लोगो ने एक बार बंगलौर ने पब मे तोड़ फोड की थी तब मीडिया के कुत्ते उसे बजरंग दल, श्रीराम सेना , विहिप आदि का नाम जोड़कर महीनों तक उसे दिखाते रहे |

लेकिन, कल की घटना का आज किसी भी मीडिया मे कोई खबर नही है ..

Saturday 11 August 2012

कांग्रेस आलकमान के दबाव मे महाराष्ट्र सरकार मुंबई के आज़ाद मैदान के मुस्लिम दंगाईयों से कई धाराएँ हटा ली | सिर्फ तोड़फोड़ और महिला कांस्टेबल से छेड़खानी जैसी मामूली धाराओं मे ही २३ लोग गिरफ्तार हुए



कांग्रेस आलकमान के दबाव मे महाराष्ट्र सरकार मुंबई के आज़ाद मैदान के मुस्लिम दंगाईयों से कई धाराएँ हटा ली |

मित्रों, कल आज़ाद मैदान मे म्यांमार के मामले को लेकर जिस तरह से मुस्लिम संगठनो ने हिंसा और दंगे का नंगा नाच खेला और मुंबई पुलिस चुपचाप पिटती रही इस मामले मे आज पुलिस मे २३ लोगो को गिरफ्तार किया लेकिन मजे की बात है की उनके उपर हत्या, दंगे, दंगे की साजिश पहले से रचने, सामूहिक आगजनी के केस नही लगाई |

असल मे पहले पुलिस ने ये सारे धाराए लगाई थी लेकिन आलाकमान के आदेश ये ये धाराए हटा ली गयी और कहा गया कि यदि हम ये सारे धाराए लगाएंगे तो मुस्लिमो के अंदर एक कांग्रेस विरोधी लहर उठ सकती है और कई राज्यों के महत्वपुर्ण चुनाव सामने है .. चूँकि जब ये मामला कोर्ट ने जायेगा या कोई भी इस मामले मे जनहित याचिका दायर करेगा तो कोर्ट खुद ही स्वत: संज्ञान लेते हुए ये सारे धाराए लगायेगी तब मुस्लिमो मे ये संदेश जायेगा कि इन कठोर धाराओं मे केस कांग्रेस सरकार ने नही बल्कि कोर्ट ने किया है |
मित्रों, कल मुंबई मे हिंसा और दंगा का नंगा नाच पूरी दुनिया ने टीवी पर देखा लेकिन महारास्ट्र सरकार ने इन लोगो पर सिर्फ तोड़फोड़ का ही केस दर्ज किया है | जबकि एक पुलिस इंस्पेक्टर को दंगाईयों ने पकड़कर इतना बुरी तरह से पीटा कि वो ब्रीचक्रेंदी अस्पताल मे बेहद गम्भीर हालात मे जिंदगी और मौत के बीच है तो इन दंगाईयों पर हत्या की कोशिश का मामला का केस क्यों नही दर्ज किया गया ?

दो लोगो की मौत हुई जिनमे एक दंगाई और एक राहगीर है तो फिर हत्या का मामला क्यों नही दर्ज किया गया ?

चूँकि मुंबई मे दंगाई मुस्लिम थे और दिल्ली के रामलीला मैदान मे सो रहे लोग हिंदू थे :-
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मित्रों, सोचिये कांग्रेस के दोगलेपन की मुंबई हिंसा मे कुल 55 लोग अस्पताल मे घायल अवस्था मे भर्ती है जिनमे 49 पुलिस कर्मी है | आखिर इतनी बड़ी संख्या मे पुलिस कर्मी घायल क्यों हुए ?
क्योकि इन्हें दंगाईयों पर बल प्रयोग करने की इजाजत नही थी |

वहीँ दूसरी तरह दिल्ली के रामलीला मैदान मे बाबा रामदेव के अनशन को खत्म करने के लिए कांग्रेस की ही दिल्ली पुलिस रात को दो बजे सो रहे बच्चे, बूढ़े और औरतो पर एक वहशी की तरह टूट पड़ी थी और उन्हें चारो ओर से घेरकर लाठियों, आग के गोलों, और गोलियो से मारा गया | कुल 60 लोग घायल हुए थे जिनमे एक भी पुलिसकर्मी नही था और 1महिला राजबाला को लाठियो से पीट पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया था | क्योकि ये सभी लोग हिंदू थे |

जागो हिन्दुओ जाओ ,, संगठित हो जाओ और अपने जातिपाती को भुलाकर एक बृहद हिंदुत्व भी भावना मन मे जगाओ नही तो भारत मे आने वाला समय हिन्दुओ के लिए बेहद खतरनाक होने वाला है जिसका आभास अभी से कश्मीर, केरल, आसाम पश्चिमी यूपी और अब मुंबई की घटना ने दे दिया है |

आज जो कुछ मुंबई मे हुआ वो किसी अनजान भीड़ ने नही किया, बल्कि हर महीने भारत सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय से करोडो रूपये अनुदान पाने वाली संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन ने किया था | इस संस्था जिसका रजिस्ट्रेशन एक ऐसी संस्था के रूप मे हुआ है जो मुसलमानों के शिक्षा के लिए काम करती है लेकिन इस संस्था का असली मकसद भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है |


देखिये, आज जो कुछ मुंबई मे हुआ वो किसी अनजान भीड़ ने नही किया, बल्कि हर महीने भारत सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय से करोडो रूपये अनुदान पाने वाली संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन ने किया था |

इस संस्था जिसका रजिस्ट्रेशन एक ऐसी संस्था के रूप मे हुआ है जो मुसलमानों के शिक्षा के लिए काम करती है लेकिन इस संस्था का असली मकसद भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है |


मित्रों, केन्द्र सरकार ने बिना संसद मे पेश किये ही केबिनेट से एक ऐसा बिल बना दिया है जिससे भारत की सभी अल्पसंख्यक संस्थाओ और संगठनो को जो सरकार से पैसा अनुदान के रूप मे लेती है उन्हें आरटीआई के दायरे से मुक्त कर दिया गया है | मतलब ये संस्थाए अब आज़ाद है ये हमारे ही टैक्स के पैसे से चाहे बम खरीदे चाहे गोले और उनसे हमारी ही सम्पत्ति को आग लगाये उनसे अब कोई भी जानकारी नही ले सकता |


आज जिस संस्था ने मुंबई मे भीड़ जुटाकर करोडो रूपये की सम्पत्ति को आग लगाई और कई लोगो को मारकर घायल किया उसे इसी साल अल्पसंख्यक मंत्रलाय ने पांच करोड बीस लाख रूपये अनुदान दिया था |
 
मुंबई मेसीएसटी स्टेशनपरपाकिस्तानी झंडा फहराते मुस्लिम
 भारत मे अब हिन्दुओ को डर डर कर ही जीना पडेगा | न जाने कब कुछ मुल्लो की हिंसक और दंगाई भीड़ किसी भी शहर की शांति को बर्बाद कर दे |

मित्रों, आज मुसलमानों के एक अजनान से गुट ने आसाम हिंसा और म्यांमार हिंसा पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मुसलमानों से आज़ाद मैदान इक्कठा होकर जुलुस निकालने का कार्यक्रम रखा था |


इसके लिए बकायदा फेसबुक और ट्विटर के साथ मुंबई के हर मस्जिदों के बाहर बड़े बड़े बैनर लगाये गए थे | आसाम मे तो खुद बंगलादेशी मुस्लिम ही हिंसा कर रहे है तो फिर ये आसाम हिंसा का विरोध किस मुंह से कर रहे है ?


मै खुद कई हप्तो से फेसबुक पर कई मुल्लो को मस्जिदों के बाहर बैनर पकड़े जिस पर लिखा था "चलो मुस्लिमो अपने हुकूक के लिए चलो आज़ाद मैदान" फोटो खिचवाते देख रहा था .. तो फिर मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकार को क्या इनके बदइरादों के बारे मे पता नही चला ?


ये पचास हज़ार की बड़ी संख्या मे मुंबई के सबसे बड़े बिजनेस केन्द्र दक्षिण मुंबई मे जमकर कर उत्पात मचाये .. बीस के ज्यादा न्यूज़ चनेलो की ओबी वैन और दस पुलिस की गाडियो के आग लगा दी | इतना ही नहीं हिन्दुओ की कई दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया | कई पुलिस कर्मी और मीडिया कर्मी गम्भीर रूप से घायल हुए |


चूँकि ये प्रदर्शन मुसलमानों का था और दंगा मुसलमान कर रहे थे इसलिए महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकार ने पुलिस को इन पर बल प्रयोग करने की इजाजत नही दी थी | पुलिस को कहा गया था की ये चाहे जितना उत्पात मचाये, चाहे जितना आग लगाये लेकिन इनके उपर कोई बल प्रयोग नही करना है |


असल मे महाराष्ट्र सरकार राजस्थान के गोपालगढ़ की घटना से डरी हुई थी | गोपालगढ़ मे ऐसी ही हिंसक और दंगाई भीड़ को काबू करने के लिए राजस्थान पुलिस ने गोली चलाई थी जिससे १२ मुस्लिम दंगाई मारे गए थे | फिर तो कांग्रेस आलकमान और खासकर राहुल गाँधी ने अशोक गहलोत की खूब खबर ली थी और राजस्थान के गृहमंत्री की कुर्शी चली गयी थी |


मतलब कांग्रेस आलकमान ने कांग्रेसी राज्यों को साफ साफ संदेश दे दिया है की अगर कोई हिंदू भीड़ शांत होकर भी धरना प्रदर्शन करे जैसे पिछले साल रामलीला मैदान मे बाबा रामदेव के अनशन मे हुआ था तो आप उस भीड़ पर एके ५६ से भी गोली चला सकते है और सोये हुए बच्चो और महिलाओ को लाठियो से पीट पीटकर मौत के घाट उतार सकते है तो आपका प्रोमोशन होगा, लेकिन यदि आप किसी हिंसक और दंगाई भीड़ जिसमे मुस्लिम हो यदि उसको काबू मे करने के लिए गोली चलाएंगे तो आपकी कुर्सी जायेगी |


मित्रों, आज ये जो उत्पात और हिंसा का नंगा नाच हुआ वो किसी दूर दराज के एरिया मे नही हुआ था बल्कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई मे हुआ और इसके लिए कई हप्तो से बकायदा एलान किया था |


सोचो मित्रों, यदि हम और इस कांग्रेस को बर्दास्त करते रहेंगे तो जैसे आजकल पाकिस्तान से हिंदू भागकर भारत आकर शरण ले रहे थे कुछ सालो बाद भारत से हिन्दुओ को भागकर दूसरे मुल्को मे शरण लेना पडेगा
 
 
मुस्लिमो की भीड़ ने मीडिया की ओबी बैन को आग लगा दी
ये पाकिस्तानी झंडे कश्मीर मे नही बल्कि मुंबई मे लहराए जा रहे है 
 
 
फेसबुक और ट्विटर पर ऐसे फोटो लगभग हर मुस्लिम के वाल पर है