Friday 29 June 2012

एक राज्य का मुख्यमंत्री को एक बड़े सम्वैधानिक पद पर आसीन है तो क्या वो सरकारी कार्यक्रम मे अपना फोटो नही छपवा सकता ? फिर सोनिया गाँधी जो किसी भी पद पर नही है उनका फोटो जब केन्द्र सरकार अपने हर विज्ञापन मे छपवाती है तब नीच मीडिया खासकर एनडीटीवी अपनी छाती क्यों नही कूटता ?

 
 
 
 
सोनिया गाँधी वायुसेना के विमानों का अपने बाप का माल समझकर इस्तेमाल करती है ... जबकि वो भारत के किसी भी सम्वैधानिक पद पर नही है |

सोनिया गाँधी पिछले पांच सालो मे १८५० करोड रूपये अपने निजी विदेश यात्रा पर खर्च कर चुकी है ..

जो सोनिया गाँधी और उसका मंदबुद्धि ४३ साल का बालक राहुल गाँधी अपने हर सभा मे चिल्लाते है कि हमने इस देश से भ्रस्टाचार मिटाने का हथियार आरटीआई जैसा कानून दिया .. और जब सोनिया और राहुल के बारे मे आरटीआई से जानकारी मांगी जाती है तो या तो ये देने से इंकार कर देते है या मांगने वाले को इस दुनिया से उठा दिया जाता है या केन्द्र सरकार उस फाइल को अपने पिछवाड़े घुसेड़ कर बैठ जाती है |

तब भारत की नीच मीडिया कभी कोई टाकशो या पैनल डिस्कसन नही करती .. क्योकि ये मामला तो इन नीच मीडिया के कुत्ते के मालकिन सोनिया से जुड़ा हुआ है |

लेकिन जब एक राज्य का मुख्यमंत्री जिसका दर्जा भारत सरकार के प्रोटोकोल मे चौथे स्थान पर होता है अगर वो अपना फोटो छपवाए तो फिर इन कुत्तों को मिर्गी का दौरा पड़ने लगता है ..

वैसे मिर्गी का दौरा बिना जूता सूंघाए ठीक नही होता |

मित्रों सोचिये , केन्द्र सरकार के हर विज्ञापन मे मनमोहन सिंह के साथ सोनिया गाँधी का फोटो होता है ..हर एक कांग्रेस शासित राज्य का मुख्यमंत्री अपने हर विज्ञापन मे सोनिया का फोटो उसके तलवे चाटने के लिए छापता है तब इन नीच मीडिया खासकर एनडीटीवी की नजर उसपर क्यों नही पडती ?

संसद मे बलवीर पुंज के द्वारा पूछे गए एक सवाल कि आखिर केन्द्र सरकार किस हैसियत से सोनिया गन्दी का फोटो अपने विज्ञापन मे इस्तेमाल करती है और पिछले चार सालो से केन्द्र सरकार ने कितना पैसा सोनिया गंदी के फोटो छापने पर खर्च किये ?

केन्द्र सरकार ने संसद मे जबाब दिया कि ये केन्द्र सरकार की गलती है सोनिया गन्दी का फोटो सरकारी विज्ञापनों मे नही इस्तेमाल करना चाहिए .. और अब तक कुल तीन सौ करोड रूपये केन्द्र सरकार सोनिया गन्दी के फोटो छापने पर खर्च कर दिये है |

लेकिन नीच और सोनिया के फेके हुए टुकडो को चबाकर पलने वाली मीडिया इस खबर को नही दिखाएगी |

नीच मीडिया सनी लियोन की चड्डी दिखाएगी .. लेकिन चेतन भगत के पेज पर हुए सर्वे को नही दिखाएगी ..



कौन बने प्रधानमंत्री? [चेतन भगत ]

पिछले हफ्ते मैंने अपने पब्लिक फेसबुक पेज पर यूं ही एक सरल-सा पोल करवाया था। मैंने एक सरल प्रश्न पूछा था : भारत का प्रधानमंत्री किसे बनना चाहिए? विकल्प भी सरल थे : राहुल गांधी, नरेंद्र मोदी और इनमें से कोई नहीं। मेरा इरादा किसी तरह के पक्षपात का नहीं था। पेज पर देशभर के फेसबुक यूजर्स ने छह हजार से अधिक वोट दिए। राहुल गांधी को 5 फीसदी वोट मिले। नरेंद्र मोदी को 76 फीसदी वोट मिले। शेष प्रतिभागियों ने दोनों में से किसी को नहीं चुना। यह एक सार्वजनिक निर्णय था और मैं इसे नियंत्रित नहीं कर सकता था। इसे मेरे पब्लिक फेसबुक पेज www.facebook.com/chetanbhagat.fanpage पर देखा जा सकता है।

नहीं, मैं यह कहने की कोशिश नहीं कर रहा हूं कि यह देश का फैसला था। वास्तव में यह राष्ट्रीय जनादेश से बहुत अलग भी हो सकता है, क्योंकि फेसबुक का उपयोग करने वालों में युवा, समृद्ध और तुलनात्मक रूप से अधिक शिक्षित भारतीयों की संख्या अधिक है। जैसा कि कहा जाता है, फेसबुक का उपयोग करने वाले अधिकतर लोग तो चुनाव में वोट डालने भी नहीं जाते। वहीं मोदी के भी कुछ उत्साही समर्थक हैं, जो इस तरह के पोल होने पर उनका समर्थन करने पहुंच जाते हैं।

बहरहाल, इन आंकड़ों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देना भी मूर्खतापूर्ण होगा। सायबरस्पेस में नरेंद्र मोदी की हमेशा से ही एक तरह की फैन फॉलोइंग रही है, लेकिन इसके बावजूद 5 के बनाम 76 की बढ़त हासिल करना चौंकाने वाला है। इसका मतलब है कि मोदी के प्रशंसक वर्ग में पिछले दो साल में नाटकीय बढ़ोतरी हुई है। यह केवल गुजरात में चलाया गया सेंपल पोल नहीं था। यह राष्ट्रीय पोल था।

नरेंद्र मोदी की तुलना में राहुल गांधी राष्ट्रीय स्तर पर कहीं बेहतर ढंग से पहचाने जाने वाले ब्रांड हैं। वे युवा, सुंदर, सौम्य और कुछ मायनों में आकांक्षापूर्ण भी हैं। फिर देश के युवाओं ने उन्हें क्यों वोट नहीं दिए? और यदि नरेंद्र मोदी वास्तव में ही इतने दोषपूर्ण हैं, जैसा कि उन्हें बताया जाता है, तो लोग उन्हें वोट क्यों दे रहे हैं? नरेंद्र मोदी के उदय की क्या वजह है? और इससे भी अधिक जरूरी बात यह है कि क्या वे गुजरात और सायबर प्रदेश की पसंद होने के साथ ही 28 राज्यों की पसंद भी बन सकते हैं?

पहले राहुल गांधी के बारे में बात करते हैं। प्रथम परिवार की अनुकंपा की चाह रखने वाले कांग्रेसजनों और अंग्रेजी मीडिया ने राजनीति में राहुल के प्रवेश का जोर-शोर से स्वागत किया था। राहुल ने अपने पदार्पण पर कई उम्मीदें जगाईं, लेकिन वे एक ऐसे समय परिदृश्य पर उभरे, जब कांग्रेस का मुश्किल दौर चल रहा था। व्यापक पैमाने पर घोटाले हो रहे थे और सरकार दंभ का प्रदर्शन करते हुए भ्रष्टों को बचाने और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलनों को कुचलने की कोशिश कर रही थी।

राहुल ऐसे मौकों पर जनता के सामने नहीं आए। आलोचनाओं के समक्ष मौन धारण कर लेना आमतौर पर एक अच्छी रणनीति होती है, लेकिन केवल तभी, जब आलोचना बेबुनियाद हो। कांग्रेस नैतिक रूप से गलत थी और उसने आरोपों को स्वीकार करने से भी इनकार कर दिया। लोकपाल बिल को भुला दिया गया, सीबीआई ने सरकार का साथ दिया और न्याय प्रक्रिया की धीमी चाल से भी उसे फायदा हुआ। ऐसे में राहुल गांधी से ज्यादा की अपेक्षा करना शायद ज्यादती ही थी। राहुल को भारतीयों के बदलते सांस्कृतिक रुझानों के कारण भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

हालांकि भारतीय अब भी वंश परंपरा पर मुग्ध रहते हैं, लेकिन देश का शिक्षित तबका अब अधिकार बोध से जुड़े सवाल उठाने लगा है। कांग्रेस को अपने रवैये पर पुनर्विचार करना होगा। उसे सोचना होगा कि राहुल को मुश्किल हालात से दूर रखने से बेहतर तो यही होगा कि मुश्किल हालात पैदा होने की नौबत ही न आए।

दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी का कद निरंतर बढ़ता ही गया है। निश्चित ही अनेक लोग इसका श्रेय गुजरात में हुए विकास को देते हैं, लेकिन किसी व्यक्ति की ‘कल्ट फॉलोइंग’ के लिए विकास का रिकॉर्ड ही काफी नहीं होता। मोदी की लोकप्रियता का राज उनका व्यक्तित्व है। उनमें जिस तरह की त्वरा है, समृद्धि और निर्णयशीलता के प्रति उनके जो आग्रह हैं, वह देश के युवाओं की मानसिकता के अनुरूप हैं। आज अच्छे कॉलेजों में पर्याप्त सीट्स नहीं हैं और अच्छी कंपनियों में पर्याप्त जॉब्स नहीं हैं। युवा चाहते हैं कि इन समस्याओं का समाधान हो और उन्हें लगता है मोदी ऐसा कर सकते हैं।

युवाओं को भले ही स्वार्थी कहा जाए, लेकिन सच तो यही है कि वे इतिहास के किसी विवादित अध्याय की अधिक परवाह नहीं करते। जब आपका भविष्य संकट में हो, तब आप किसी और के अतीत की अधिक चिंता नहीं कर सकते। वास्तव में मोदी की लोकप्रियता का एक राज उनकी निरंतर होने वाली आलोचना भी है। कांग्रेस के मोदी-विरोधी आलाप ने मोदी की लार्जर दैन लाइफ छवि बना दी है।

एक समय था, जब मोदी का समर्थन करने का मतलब था सांप्रदायिक करार दिया जाना। लेकिन आज मोदी का समर्थन करने का मतलब है कांग्रेस की नीतियों का विरोध करना। और चूंकि लाखों लोग बदलाव चाहते हैं, इसलिए वे मोदी की ओर आकृष्ट हो रहे हैं। लेकिन क्या मोदी को मिलने वाला सायबर समर्थन देश की सड़कों तक पहुंच सकता है? कहना कठिन है। हो सकता है। इंटरनेट अक्सर आगामी घटनाओं की पूर्वसूचना देता है। अन्ना आंदोलन भी सड़कों पर उतर आने से पहले इंटरनेट पर फैल चुका था। यदि मोदी भाग्यशाली साबित हुए, यदि वे विनम्र बने रहे, अतीत की घटनाओं के लिए वास्तव में खेद प्रकट करते रहे और सही कदम उठाते रहे, तो यह उनके साथ भी हो सकता है।

मोदी की पार्टी भारतीय जनता पार्टी और उसके गठबंधन सहयोगियों को भी यह समझना चाहिए। उन्हें भी नरेंद्र मोदी पर दांव लगाना चाहिए, जो विवादों के बावजूद लोकप्रियता के सोपान चढ़ते जा रहे हैं। साथ ही उन्हें अंदरूनी कलह पर रोक लगाकर अगला चुनाव जीतने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए और जनसमर्थन जुटाना चाहिए। यदि वे ऐसा नहीं कर पाए तो उनका प्रधानमंत्री फेसबुक तक ही सीमित रह जाएगा।
(लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं।)

दिव्यभास्कर मे मशहूर गुजराती लेखक और विचारक कान्ति भट्ट के द्वारा लिखा गया आज एक लेख | "कांग्रेस ने अपने ६० सालो मे कितना भ्रस्टाचार किया" सच मे मीडिया को खरीदकर और झूठी धर्मनिरपेक्षता का लबादा ओढ़कर इस नीच कांग्रेस ने ६० सालो तक सिर्फ और सिर्फ इस देश को लुटा है और आज भी लूट रही है और आगे भी लुटती रहेगी


Monday 25 June 2012

कांग्रेस पार्टी और नेहरु गाँधी परिवार देश के लिए अभिशाप मित्रो जिस कांग्रेस पार्टी और नेहरु गाँधी परिवार ने इस देश पर राज किया हैं, वह इस देश के लिए अभिशाप हैं, और देश की हर समस्या के लिए जिम्मेदार हैं.


दोस्तों यहाँ पर में कुछ ऐसे बिंदु प्रकाशित कर रहा हूँ, जो की इस पार्टी व परिवार की
दें हैं.
१. यह पार्टी पूरी तरह से एक मुस्लमान परस्त पार्टी हैं.
२. अपने जन्म से ही यह पार्टी हिंदु विरोधी पार्टी हैं.
३. भगत सिंह को फांसी लगाने का विरोध नहीं किया.
४. खिलाफत आन्दोलन को समर्थन किया.
५. क्रांतिकारियों को आतंकवादी बताते थे.
६. सुभाष चन्द्र बोस को कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटने को मजबूर किया.
७. देश का बंटवारा मंज़ूर किया.
८. यदि बंटवारा हो ही गया था तो पूरी तरह से होना चाहिए था, परन्तु नेहरु-
-गाँधी के कारन से नहीं हो पाया.
९. कश्मीर समस्या नेहरु परिवार की दें हैं.
१०. धारा ३७० नेहरु परिवार की देन हैं.
११. जब भारतीय सेना आगे बढ़ रही थी तो युद्ध विराम घोषित किया.
१२. पूरा कश्मीर भारत के पास आ रहा था, तो नेहरु ने पाकिस्तान के पास एक हिस्सा छोड़ दिया.
१३ एक हिस्सा चीन के पास जाने दिया.
१४. तिब्बत तश्तरी में उठा के चीन को दे दिया.
१५. पाकिस्तान को ५६ करोड़ रूपये दिए.
१६. देश के विभाजन की जिम्मेदार मुस्लिम लीग को सरकार में साझा किया.
१७. कश्मीर में श्यामा प्रसाद मुखर्जी को जेल में डाल दिया, जहाँ पर उनकी संदेहास्पद
अवस्था में मौत हो गयी.
१८. १९६२ में चीन के सामने शर्मनाक रूप में समर्पण किया.
१९. १९७१ की जीत को इंदिरा ने १९७३ में भुट्टो के सामने हार में बदल दिया.
२०. देश में आपातकाल लागू किया.
२१. इंदिरा के मरने प् देश में १०००० सिक्खों का दर्दनाक क़त्ल कर दिया गया.
२२. स्वर्ण मंदिर पर हमला किया, और उसे नस्ट कर दिया गया.
२३. राजीव गाँधी ने अपने ही तमिल/हिंदु भाइयो पर हमला करने के लिए
श्रीलंका में सेना भेजी, जिसमे हमारे ३००० जवान मारे गए.
२४. मुस्लिमो को आरक्षण देना शुरू किया.
२५. रामजन्म भूमि का विरोध शुरू किया.
२५. राम सेतु को तुडवाना चाहा.
२६. साधू संतो का व हिंदु प्रतीकों का अपमान करना शुरू किया.
२७ हिंदु को गाली और दुसरे को समर्थन किया.
२८. एक लाख औरतो और बच्चो पर रात के समय लाठी व गोली चलवाई.
२९. भृष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए.
३०. महंगाई ने लोगो से भोजन भी छीन लिया.
३१. एक विदेशी औरत को हमारे सर पर बैठा दिया.
३२. प्रधानमंत्री की कुर्शी पर एक ही परिवार का राज हो गया.
३३. ओसामा को ओसामा जी व संतो को ठग बताते हैं.
३४. मुस्लिम्परस्ती के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए.
३५. हिंदु होना इस देश में एक गाली के समान हो गया हैं.


मित्रो तनिक विचार करो क्या होगा इस देश का, यह विदेशी गुलामी में चला
गया हैं, इसे एक नयी आज़ादी की ज़रूरत हैं, एक चाणक्य चाहिए, व एक चन्द्र गुप्त की ज़रूरत हैं.
दोस्तों नींद से जागो. सुंदर चहेरो के पीछे मत भागो, वह एक भ्रम हैं, सोच की हम क्या थे और
क्या हो गए हैं. अभी भी समय हैं जाग जाओ, वन्दे मातरम.

आरटीआई के जबाब मे मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार नितीश कुमार ने सन २०१० की इफ्तार पार्टी पर सरकारी खजाने से साठ लाख रूपये खर्च किये थे |



कुल 5000 लोग आये थे |

कुल चालीस बकरे मुख्यमंत्री के सरकारी आवास मे काटे गए थे |

मित्रों, ये है धर्मनिरपेक्षता की असली परिभाषा | एक मुख्यमंत्री सरकारी खजाने से मुसलमानों को इफ्तार पार्टी दे सकता है तब भी वो धर्मनिरपेक्ष कहलाता है |

सरकारी खजाने से इफ्तार पार्टी की शुरुआत इस देश मे सबसे पहले इंदिरा गाँधी ने की थी | अपने वोट बैंक के लिए और मुसलमानों को खुश करने के लिए उन्होंने सरकारी खजाने से पहली बार अपने निवास तीन मूर्ति भवन मे भव्य इफ्तार पार्टी दिया था | जिसमे हर इस्लामिक देशो के राजदूत और कई मुल्लो को बुलाया गया था |
इंदिरा गाँधी के इस इफ्तार पार्टी की चर्चा पूरे देश मे कई महीनों तक चली | मुस्लिम भी बोटी चबाकर खुश हो रहे थे .. और इंदिरा गाँधी का ये फार्मूला हीट हो गया |

फिर तो उसके बाद जो मंत्री, मुख्यमंत्री या राज्यपाल इफ्तार पार्टी न दे वो साम्प्रदायिक कहलाने लगा |

रामविलास पासवान, लालू यादव, मुलायम सिंह यादव, सी के जफर शरीफ, अब्दुल गनी खान चौधरी, आजम खान, जैसे हजारों लोगो ने सरकारी पैसे से भव्य इफ्तार पार्टी का आयोजन किया |

और हमारे उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी हर साल सरकारी पैसे से अपने सरकारी निवास मे भव्य इफ्तार पार्टी करते है |

मजे की बात ये है की आजतक किसी भी मुल्ले या मुफ्ती ने इस पर कोई फतवा जारी नही किया . क्योकि इफ्तार पार्टी इस्लाम के अनुसार गलत है |

कुरान के अनुसार गरीबो को खाना खिलाकर तब रोजा खोलना चाहिए .. लेकिन सरकारी इफ्तार पार्टी मे तो सिक्यूरिटी गार्ड गरीबो को बाहर से ही लात मारकर भगा देता है |
और इफ्तार मे खाने की बर्बादी नही होनी चाहिए लेकिन इन पार्टियो मे बेशुमार खाने की बर्बादी होती है | और इफ्तार पार्टी करने वाले को अपनी कमाई से करना चाहिए .. लेकिन आम जनता के टैक्स के पैसे से सरकारी इफ्तार हराम है |

लेकिन मुल्ले इन सरकारी इफ्तार पार्टियो मे जाते है और बकरे और मुर्गे की टांग चबाकर फिर दो तीन मंत्रियो के साथ फोटो खिचवाकर खुश हो जाते है |

लेकिन क्या इस भारत देश मे जहां ८०% हिंदू है सरकारी पैसे से होली या दिवाली की पार्टी हिन्दुओ के लिए हो सकती है ?

बिलकुल नही .. क्योकि ये साम्प्रदायिक पार्टी होगी | हिंदू तो घोर साम्प्रदायिक और दंगाई होते है ये मै नही सोनिया गाँधी का बनाया हुआ साम्प्रदायिक हिंसा निवारण बिल कहता है |

और अगर कोई हिदुओ के लिए होली या दिवाली की पार्टी दे भी तो सबसे पहले हम हिन्दुओ मे से ही कई गद्दार दलाल जयचंद की औलादे सुप्रीम कोर्ट मे रिट दाखिल कर देंगी .. की ये तो घोर साम्प्रदायिक है .. समाज को तोड़ने वाला है .. लोगो को भडकाने वाला है .आदि आदि |

और फिर शाम को कुछ कुत्ते और कुतियाए हर टीवी चैनेल पर छाती कूटते नजर आएँगी |

जागो हिन्दुओ जागो ... कब तक इन जयचंदों की औलादों के हाथो अपने भविष्य और मुस्तकबिल को बर्बाद करते रहोगे ? तुम्हारी आने वाली पीढ़ियों की हालात पाकिस्तान के हिन्दुओ से भी बदतर होने वाली है |


सोनिया गाँधी की बेशर्मी की हद या सोनिया ने बीरभद्र सिंह से अपना कमीशन खाया है ? आज सोनिया ने कहा की चार्जशीट दाखिल होने पर भी वीरभद्र सिंह को इस्थीपा देने की जरूरत नही है ..





आज शिमला कोर्ट ने एक आईएएस ऑफिसर से वीरभद्र सिंह की सीडी के रिकार्ड उस बातचीत के टेप को सही पाया है जिसमे वो पांच उद्योगपतियों से कमीशन लेने की बातचित करते है |

कोर्ट ने सीडी को दिल्ली स्थित केन्द्र सरकार ने फोरेंसिक लैब मे जाँच करवाई जिसमे दोनों के आवाज सत्य पाए गए |

मित्रों, किसी भी केस मे कोर्ट आरोप तभी तय करती है जब कोर्ट को अपराधी के खिलाफ पुख्ता सुबूत मिले | इस मामले मे कोर्ट ने पांच साल तक अपने सुपरविजन के जाँच करवाया और फिर सारे आरोपों को सत्य पाते हुए आरोप तय कर दिये |

वीरभद्र सिंह अपना इस्तीफा लेकर सोनिया गाँधी के पास गए लेकिन सोनिया गाँधी के कहा की आपको इस्थीपा देने की जरूरत नही है आप अभी सजा मिलने का इंतजार कीजिये |

मित्रों, सोनिया गाँधी और कांग्रेस ने बेशर्मी, बेहियाई और नीचता की हद कर दी है | इस बात से इस बात को पक्का बल मिलता है कि कांग्रेस मे कोई भी मंत्री इस देश का कितना भी खजाना लूटे लेकिन अगर नीच गाँधी खानदान को उसका हिस्सा दिया हो तो फिर उसे इस्तीफा देने की जरूरत नही है |

इसके पहले कृपाशंकर सिंह आज भी बेशर्मी से कांग्रेस मे है और चूँकि कृपाशंकर सिंह सोनिया गाँधी का कालाधन मुंबई मे इन्वेस्ट करता था इसलिए सोनिया गाँधी आज भी पूरी ताकत से कृपाशंकर सिंह के साथ खड़ी है |

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ शिमला की कोर्ट ने भ्रष्टाचार का केस चलाने के आदेश दिए हैं। वीरभद्र सिंह के साथ-साथ उनकी पत्नी पर भी कोर्ट ने केस चलाने के आदेश दिए हैं। ये मामला वही है जिसे लेकर टीम अन्ना वीरभद्र सिंह पर निशाना साध रही थी। कोर्ट के आदेश के बाद अब टीम अन्ना ने वीरभद्र से इस्तीफे की मांग की है।

दरअसल शिमला की अदालत को आज ये फैसला देना था कि वीरभद्र और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह पर भ्रष्टाचार के तहत केस चलाया जाए या नहीं। ये मामला 2009 का है जब कांग्रेस के ही एक पूर्व मंत्री विजय सिंह मनखोटिया ने एक सीडी रिलीज़ की थी जिसमें वीरभद्र उनकी पत्नी और पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह को एक आईएएस अफसर के साथ रिश्वत के लेनदेन को लेकर बातचीत टेप की गई थी।

केंद्रीय मंत्री वीरभद्र पर चलेगा आईएएस से घूस का केस

सीडी सामने आने के बाद हिमाचल विजिलेंस ने FIR दर्ज की और सीडी की फोरेंसिक जांच कराई। जांच में वीरभद्र समेत सभी आरोपियों की आवाजें मैच हो गई थी। वीरभद्र ने इस मामले को सीबीआई को सौंपने के लिए हिमाचल हाई कोर्ट में अर्जी भी दाखिल की थी जिसे खारिज कर दिया गया था। आज कोर्ट ने साफ कर दिया कि वीरभद्र और उनकी पत्नी पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत केस चलेगा।

हिमाचल में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं और वीरभद्र सिंह खुद को मुख्यमंत्री का दावेदार मान कर चल रहे हैं। लिहाज़ा आज कोर्ट में आया फैसला वीरभद्र और कांग्रेस पार्टी दोनों के लिए बहुत बड़ा झटका है। ये फैसला मनमोहन सरकार के लिए भी झटका है क्योंकि सरकार के एक कद्दावर मंत्री के खिलाफ अब कोर्ट में केस चल रहा होगा।

इस मामले के याचिकाकर्ता विजय सिंह मनखोटिया ने कहा कि कोर्ट के फैसले से मैं बहुत खुश हूं। पूरी सरकार का जोर मुझे दबाने के लिए और मेरी जुबान बंद करने के लिए रहा। मैं ये लड़ाई अकेला लड़ता रहा हूं। जब प्रदेश का मुखिया और उसकी बीवी ही भ्रष्टाचार में लिप्त होगी तो आम आदमी कहां जाएगा।

सच मे मानना पडेगा .... मैडम ने इटली से डॉग ट्रेनर बुलवाकर मीडिया के कुत्तों को बहुत अच्छी ट्रेनिंग दिलवाई है |




आज दो बड़ी खबरे ...

१- शिमला की एक अदालत के द्वारा एक केंद्रीय केबिनेट मंत्री के उपर पांच संगीन मामलो मे आरोप तय होते है ..

२- दो दो केंद्रीय केबिनेट मंत्री एक घोटालेबाज और भ्रस्टाचारी के तौर पर जाँच आयोग के सामने पेश होते है और दोनों अपने आप को सही ठहराते हुए दूसरे को चोर बोलते है |

लेकिन वाह रे भारत की नीच, हरामखोर, और कांग्रेस के फेके हुए हड्डियो पर पलने वाली कमीनी मीडिया एक १० मिनट इसे एक खबर के रूप मे दिखाकर किसी अनुशासित कुत्ते की तरह खामोश हो जाती है |

जब बीजेपी के विधायको के उपर पोर्न फोटो देखने का झूठा आरोप कांग्रेस लगती है जबकि किसी के पास कोई सुबूत नही तब ये नीच मीडिया चार चार दिनों तक अपनी माँ के पडोशी के साथ भाग जाने का विलाप अपनी छाती कूट कूट कर करती है |

लेकिन आज एक अदालत ने सुबूतो और दूसरे तथ्यों को सही पाते हुए वीरभद्र सिंह को प्रथम दृष्टया दोषी पाया है और उनके उपर आरोप तक तय करके चार्जशीट भी दाखिल कर दिये है |

फिर भी भांड मीडिया खामोश है ????

मित्रों, मीडिया को जानो और पहचानो .. एक अंतरराष्ट्रीय सर्वे मे भारतीय मीडिया को दुनिया का सबसे भ्रष्ट मीडिया बताया गया है .. भारत की मीडिया उसके पक्ष मे खड़ी होती है जो उसके आगे हड्डी फेके .

बीजेपी और खासकर बीजेपी मे नरेंद्र मोदी को इस नीच मीडिया ने रूपये के लिए कई बार ब्लैकमेल किया है लेकिन नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया की कुत्तों के भौकने से हाथी अपना रास्ता नही बदलती .तुम मीडिया वालो अपनी पूरी ताकत के मोदी के खिलाफ भौको ..मोदी को कोई फर्क नही पड़ने वाला .
क्योकि अब सोशल मीडिया के माध्यम से इस देश की आधी जनसंख्या भारत के नीच मीडिया के असली चेहरे को जान चुकी है |

कौन है धर्मनिरपेक्ष ??



-इस देश में ४००० सिखों की हत्या कर दी जाती है पर सजा एक को भी नहीं ?

-इस देश में काश्मीर विस्थापित ५०००० हिन्दू अपने ही वतन में शरणार्थी है |


-इस देश के मुल्ला-मौलवियों और मदरसों के लिए सरकारी खजाने से पैसा दिया जाता है और हिंदुओं के मंदिरों का धन सरकार के अधीन होता है |


-इस देश की जामा मस्जिद के शाही इमाम को देश की २५० अदालतें एक सम्मन तक तामील नहीं करा पाती जबकि कांची कामकोठी पीठ के शंकराचार्ये श्री जयेन्द्र सरस्वती को आधी रात में उनके ५००० शिष्यों के बीच से गिरफ्तार कर कातिलों- डकैतों की कोठरी में डाल दिया जाता है |


- इस देश में हज-यात्रा की सब्सिडी के लिए सारी राजनैतिक पार्टियां राजी हो जाती हैं जबकी अमरनाथ-यात्रा का समय कम कर दिया जाता है और कोई चर्चा तक नहीं |


-गुजरात के दंगों पर हरदम राजनीति पर गोधरा में मार दिए गये रामभक्तों पर कोई बात नहीं |


- हैदराबाद में हिन्दू मंदिरों में घंटे बजाने पर रोक लगाना धर्मनिरपेक्षता है ?


-रमजान के महीने में इफ्तार पार्टियों में सभी भारतीय राजनैतिक दलों के नेता अपने सिर पर मुल्ला टोपी रख शामिल हो कर अपने आप को धर्म-निरपेक्ष साबित करते है पर क्या “नवरात्र” में कोई मुसलमान नेता हिंदुओं को फलाहार पार्टी में बुलाता है ?


-आज भारत के नेता जैसे नरेन्द्र मोदी को कटघरे में खड़ा कर रहे है क्या किसी मुस्लिम संगठन ने या नेता ने अफजल गुरु और कसाब को जल्द फाँसी देने की माँग की ?



सवाल बहुत है दोस्तो जिसका कोई जबाब नहीं है इन छद्म धर्मनिरपेक्षता वादियों के पास |

निर्णय आपको करना है ?

Sunday 17 June 2012

दुर्योधन झूठवाडिया, वर्णशंकर भागेला और अशक्ति जाहिल ... ये हाल तुम्हारे कांग्रेस द्वारा शासित राज्य हरियाणा का रोज का है | तुम सब चंगु मंगू अब गुजरात की जनता को बरगलाना बंद करो | और पहले कांग्रेस द्वारा शासित राज्यों की बद से बदतर होती हालात को सुधारों |




देश की राजधानी दिल्ली जहां तुम्हारी मालकिन सोनिया रहती है जिसके दर पर सजदे करना तुम लोग अपना सौभाग्य समझते हो .. जिसके गटर मे लोट कर तुम अपने आपको पवित्र मानते हो उसी दिल्ली की जनता दो महीने से एक एक बूंद पानी के लिए तरस रही है | हर रोज १२ घंटे बिजली की कटौती दिल्ली मे हो रही है |

अजीब बात है तुम जिसके लिए गुजरात मे अपनी छाती कुटते हो वो तुम्हारे कांग्रेस शासित राज्यों मे हर रोज एक दस्तूर की तरह हो रहा है |

हर रोज दिल्ली मे औसतन आठ बलात्कार हो रहे है जिसमे दो बलात्कार हे रोज दिनदहाड़े सरेराह चलती लड़की को उठाकर हो रहे है | पूरे देश मे सबसे ज्यादा गायब बच्चे दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, और राजस्थान से होते है .. तुम लोग खालीपीली गुजरात मे छाती कुटते रहते हो |
गुजरात की जनता भ्रमणशील है और वो इन राज्यों मे जब जाती है तब यहाँ की सड़के, बिजली, पानी , कानून व्यवस्था आदि देखकर तुम कांग्रेसियों को बीस गाली देती है |

दिल्ली मे महज ७० किमी दूर रोहतक के अपना घर मे जो हैवानियत का गंदा खेल पिछले ८ सालो से खेला जा रहा था वो मानवता को शर्मशार करने वाला है |

तुम्हारे कांग्रेस ने आज महाराष्ट्र को बर्बाद कर दिया है .. मंत्री जमीनों की बंदरबांट मे लगे है और एक मंत्री छगन भुजबल तो हाइवे पर अवैध तरीके से चार चार जगहों पर टोल बूथ खोलकर जनता से गलत तरीके से टोल वसूलने लगे उनके खिलाफ कोर्ट के आदेश पर केस भी दर्ज हो गया |

तुम लोग गुजरात की जनता को बरगलाने के बजाय विकास यात्रा मे सहभागी बनो | गुजरात की जनता को मुर्ख मत समझो ..

गुजरात की जनता पहले ३५ सालो तक कांग्रेसी शासन देख चुकी है | जब हर रोज कर्फू लगा रहता था | हर रोज लतीफ जैसे डॉन बलात्कार और वसूली का खेल कांग्रेस से मिलकर खेलते थे |

एक तरफ इस देश की राजधानी दिल्ली मे बह रही यमुना नदी का दृश्य है ... और दूसरी तरफ एक प्रदेश गुजरात के अहमदाबाद मे बह रही साबरमती का दृश्य है |



मुझे समझ मे नही आता की नीच और मुर्ख कांग्रेसी बार बार कहते है की जब सोनिया का बाप इटली से दिल्ली पैसे भेजता है फिर दिल्ली से केन्द्र सरकार सोनिया के बाप के भेजे हुए पैसे को गुजरात भेजती है तब जाकर सोनिया के बाप के भेजे पैसे से गुजरात का विकास होता है |

अरे मूर्खो .. तुम्हारे सोनिया का बाप इटली से सिर्फ बीजेपी शासित राज्यों को ही क्यों पैसे भेजता है ?

असल मे कांग्रेसी उन हिजडो और नपुंसको की तरह है जो खुद बच्चा पैदा करने के सक्छम नही होने पर दूसरे के पास अपनी बीबी को भेजे देते है फिर उस बच्चे को लेकर गांव मे घूमकर कहते है की ये तो मेरा बच्चा है !!!

अगर मुस्लिम अपनी कट्टर सोच नही बदलेंगे तो फिर १००% आरक्षण देने से भी कुछ नही होगा



चित्र में जिसे को आप देख रहे है उसका नाम है मोहम्मद अब्दुल कादीर है. यह भूतपूर्व पुलिस कांस्टेबल है.
१९९० में हैदराबाद में दंगा हुआ उस दंगे में जब इसका सीनियर इसे एक दंगाई मुस्लिम भीड़ पर गोली चलाने का आदेश दिया तो ये भीड़ पर गोली चलाने के बजाय उस सीनियर पर ही गोली चला दी. न्यायालय के द्वारा इसे आजीवन कारावास की सजा मिली है लेकिन अभी इसकी क्षमा याचना रास्ट्रपति के पास है. इसको छुड़ाने के लिए बहुत से मुस्लिम संगठन लगे हुए है. यह चित्र उस समय का है जब उसे उसकी माँ के देहांत पर पेरोल पर  ७ दिनों के लिए छोड़ा गया था.

अब आप सोचिये की मुलायम उत्तरप्रदेश दरोगा भरती में मुसलमानों को १८% आरक्षण देने जा रहे है!! सोचिये!!
ज्यादा जानकारी के लिए google पर सर्च कर सकते है.|

मित्रों , सीरिया, लेबनान, अफगानीस्तान, यमन आदि कई देशो मे तो मुस्लिम १००% है वहाँ की सेना मुस्लिम, पुलिस, प्रधानमंत्री राष्ट्रपति आदि सभी मुस्लिम है .. फिर भी क्यों हर रोज सैकडो बेगुनाह मुस्लिम इन देशो मे मारे जा रहे है ? 

क्या इसका जबाब मुलायम सिंह या आजम खान दे सकते है ?

Saturday 16 June 2012

किसी सीईओ की तरह गुजरात का विकास कर रहे है नरेंद्र मोदी ..



न्‍यूयॉर्क, लंदन, सैनफ्रांसिसको और दुबई के बाजारों में मजबूत पैठ बनाने वाले विश्‍व के सबसे प्रसिद्ध ब्रोकरेज मार्केट सीएलएसए ने गुजरात के विकास को भारत में सर्वश्रेष्‍ठ करार दिया है। सीएलएसए के मैनेजिंग डायरेक्‍टर व प्रसिद्ध आर्थिक समीक्षक क्रिस्‍टोफर वुड ने कहा है कि नरेंद्र मोदी गुजरात को मुख्‍यमंत्री से ज्‍यादा एक सीईओ के रूप में चला रहे हैं। यही कारण है कि गुजरात विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

क्रिस्‍टोफर वुड ने 31 मई के न्‍यूजलेटर 'ग्रीड एंड फियर' में लिखा है कि इसमें कोई शक नहीं है कि आज हर जगह गुजरात की चर्चा है। यह इसलिए क्‍योंकि मुख्‍यमंत्री मोदी राज्‍य को एक सीईओ की तरह चला रहे हैं। यही कारण है कि राज्‍य की क्षमता दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। सबसे बड़ी खासियत यह है कि गुजरात में निवेश को सरकारी रजामंदी बड़े ही त्‍वरित गति से मिल जाती है। यहां तक राज्‍य के अधिकारी भी निजी कंपनियों के लिए हमेशा तत्‍पर रहते हैं।

वुड ने लिखा कि इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के मामले में गुजरात भारत में शीर्ष पर है। अहमदाबाद को देखें वहां की सड़कें, इमारतें और सार्वजनिक स्‍थान विकास की दास्‍तां बयां करते हैं। यहां बिजली जरूरत से ज्‍यादा उपलब्‍ध है। लगभग सभी क्षेत्रों से जुड़ी कंपनियां इस राज्‍य में आपको मिलेंगी। पत्रिका ने लिखा है कि लगभग छह ऑटो कंपनियां गुजरात में अपनी इकाईयां स्‍थापित करने की योजना बना रही हैं। इससे राज्‍य को आगे चलकर बहुत फायदा होने वाला है। खास तौर से मोदी के डीएमआईसी प्रोजेक्‍ट को।

वुड ने लिखा है कि देश में तमाम लोग ऐसे हैं जो 61 वर्षीय मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि गुजरात को देख कर लगता है कि भविष्‍य में भारत में भारी निवेश होने वाला है। यहां पर न तो भ्रष्‍टाचार है और न अपराध, लिहाजा कोई भी मल्‍टीनेशनल कंपनी आसानी से निवेश करने के लिए आगे आ सकती है। वहीं देश के अन्‍य राज्‍यों की परिस्थितियां अलग हैं। वुड ने आगे लिखा कि केंद्र में यूपीए सरकार दुष्क्रियाशील हो चुकी है। ऐसे में मोदी के राष्‍ट्रीय नेतृत्‍व के लिए एक अच्‍छे विकल्‍प के रूप में आगे आने की संभावनाएं अधिक हैं।

ऐसा पहली बार नहीं है कि मोदी को अंतर्राष्‍ट्रीय मंच पर सराहना मिली हो। इससे पहले अमेरिकी कांग्रेस की थिंक टैंक ने नरेंद्र मोदी को 'किंग ऑफ गवर्नेन्‍स' करार दिया था। वहीं टाइम पत्रिका ने कवर पेज पर प्रकाशित किया। ब्रूकिंग्‍स के विलियम एंथोलिस ने भी मोदी की जमकर सराहना की। और तो और फाइनेंशियल टाइम्‍स ने हाल ही में लिखा था कि देश के युवाओं के लिए मोदी प्रेरणा के स्रोत बन चुके हैं।
 

प्रियंका गाँधी ने शिमला के पास कुफरी मे बन रहे अपने सपनों के महल को पसंद नही आने पर पांचवी बार पूरी तरह जमींदोज करवा दिया |


मित्रों, बचपन की सुनी एक कहानी याद आ गयी | एक बार एक आदमी अपने फिजूलखर्च बेटे को पांच रूपये दिये और कहा बेटा जा इसे कुँए मे फेक दे .. बेटा तुरंत फेक दिया ... ऐसा उस बाप ने तीन चार बार अपने बेटे को पैसा देता और कहता जा बेटा कुँए के फेक दे और बेटा आराम से फेक देता |
फिर दो दिन के बाद बाप ने बेटे से कहा जा बेटा थोडा पैसा तू खुद कमाकर ला ..बेटा स्टेशन गया और कुली का काम करके पांच रूपये कमाए . फिर बाप ने कहा बेटा जा अब इस पैसे को कुँए मे फेक दे .. बेटा रोने लगा और कहा पापा मैंने ये पैसे बहुत मेहनत से पसीना बहाकर कमाए है मै इन्हें कैसे फेक दूँ ?
इस पर पिता ने कहा बेटा अब सोचो मै कितने मेहनत से पैसे कमाता हूँगा ?
मित्रों, ठीक यही हाल इस नकली नीच गाँधी खानदान का है .. ये अगर अपने मेहनत से पैसे कमाए तो इन्हें पता चले की पैसे का क्या कीमत होता है |

अब तक प्रियंका ने अपने सपनों के महल पर दो सौ करोड रूपये खर्च कर चुकी . लेकिन उनको पांच बार जमींदोज करवा दिया |

एक बार तो उनको बाथरूम छोटा लगा तो उन्होंने डायनामाइट से पूरा बन चूका बंगला उडवा दिया . प्रियंका गाँधी के इस तरह बने बनाये बंगले को पांच पांच बार तोड़े जाने पर हिमाचल सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है | मुख्यमंत्री ने धूमल ने कहा की एक तरफ भारत के २०% लोग छत के लिए तरस रहे है और वही दूसरी तरफ प्रियंका गाँधी खुलेआम पैसों की बर्बादी कर रही है .. जितना सीमेंट प्रियंका गाँधी ने बर्बाद किया उतने मे २०० घर बन सकते थे |

मित्रों, प्रियंका गाँधी के इस सपने के बंगले के लिए हिमाचल की पूर्व कांग्रेस सरकार ने सारे नियम कानून , सारे पर्यावरण कानूनों की धज्जियाँ उड़ा कर चार चार पहाडियों को पूरे तीन महीनों तक डायनामाइट के ब्लास्ट से उडाकर जमीन दिया था |

इस बंगले के लिए तात्कालीन कांग्रेसी हिमाचल सरकार ने रातोंरात अपने पांच कानूनों को बदल दिया था .. और इतना ही नही बिना विधानसभा की मंजूरी से हिमाचल पर्यावरण एक्ट को बदल दिया था |

सोनिया गाँधी खुद दो दो बार प्रियंका के सपनों के बंगले का निरीक्षण करने जा चुकी है |
गरीबो के नाम पर बड़ी बड़ी बाते करने वाला ये दोगला खानदान पैसे की क्या इज्जत करता है ये अब देश की जनता जान चुकी | असल मे इनको कभी मेहनत से तो पैसे कमाने नही पड़ते . इन्होने इस देश को इस कदर लुटा है और अभी भी लूट रहे है इसलिए इनको पैसे के महत्व के बारे मे क्या सोचना ?

मित्रों, असल मे ये नकली गाँधी खानदान अपने आपको इस देश का राजा समझता है और सारे कांग्रेसी मुख्यमंत्री, मंत्री आदि उसके दरबार के पालतू कुत्ते जैसे ही है .. जैसे कुत्ता अपने मालकिन को देखकर दूम हिलाता है वैसे ही सारे कांग्रेसी अपनी इस मालिकन के सामने सिर्फ दूम हिलाते है

अगर कोई बीजेपी का नेता अपने बंगले को पांच पांच बार जमींदोज करता तो आज क्या भारत की नीच मीडिया खामोश रहती ?

भारत के सारे टीवी चैनेल आज कांग्रेस के पालतू कुत्ते जैसे व्यहार करने लगे है .. इनको समय समय पर चबाने के लिए बोटी चाहिए जो सोनिया इनके सामने फेकती रहती है |


किसी भी मीडिया ने इस खबर को नही दिखाया .. लेकिन कुछ अखबारों मे किसी कोने के ये खबर जरूर छपी है आप गूगल पर जाकर विस्तृत जानकारी ले सकते है |
http://www.deccanherald.com/content/155711/priyankas-summer-cottage-being-dismantled.html
http://india.nydailynews.com/article/56ce647f411e092a28f27f494899516f/priyanka-s-dream-cottage-to-come-up-again

Sunday 10 June 2012

नेहरु ने संसद मे कहा था कि आज़ाद हिंद फ़ौज एक आतंकवादी फ़ौज है .. इसके सेनानियों को कोई सुविधा नही मिलनी चाहिए


 


आप अन्ना और रामदेव को कांग्रेस द्वारा भ्रष्ट कहने पर चौक जाते है ? नीच कांग्रेस ने संसद मे आज़ाद हिंद फ़ौज को गद्दार कहते हुए आज़ाद हिंद फ़ौज के पूर्व फौजियो को सेना की तरह पेंशन और दूसरे सुविधाए देने से मना कर दिया था |

जी हाँ मित्रों, आज की पीढ़ी ये सुनकर हिल जायेगी की कांग्रेस की नजर मे इस देश के लिए अपना बलिदान देने वाले मतवाले आज़ाद हिंद फ़ौज के फौजी गद्दार है |

ये संसद के रिकार्ड मे दर्ज है |

जब डॉ श्यामा प्रशाद मुखर्जी ने नेहरु से आजाद हिंद फ़ौज के पूर्व सैनिको को भारतीय सेना के मानदंड पर पेंशन और भारतीय सेना अपने सैनिको को रिटायर के बाद जो सुविधा देती है वो सब देने का प्रस्ताव रखा था |

लेकिन नेहरु ने कहा की "मै आजाद हिंद फ़ौज को मान्यता नही देता , ये एक आतंकवादी कृत्य था . मै किसी निजी सेना बनाने के खिलाफ हूँ भले ही उसका इस्तेमाल देश के लिए हो , इसलिए मै ऐसे किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार नही करूँगा |"

मित्रों, ये संसद के रिकार्ड मे है | 

फिर भी लोग इस नीच कांग्रेस को वोट क्यों देते है ?
 

ओह .. वाह रे कांग्रेस की हिन्दुओ को अपमानित करने की पालिसी .. मित्रों, कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार एनडीटीवी के पूर्व सम्पादक पंकज पचौरी को पत्र लिखा कि प्रधानमंत्री के विदेश दौरे के लिए जाने वाले पत्रकारों जिसे जेंकेट कहा जाता है उसमे मुस्लिम पत्रकारों को ज्यादा से ज्यादा संख्या मे शामिल किया जाये | प्रधानमंत्री कार्यालय ने सलमान खुर्शीद के इस सुझाव पर तुरंत अमल करने का फैसला किया और आने वाले हप्ते मे प्रधानमंत्री ने जी २० बैठक मे रियो डी जेनेरियो जाने वाले जेंकेट मे कुल ७८ पत्रकारों मे से कुल ३८ मुस्लिम पत्रकार चुने गए है |





हैरानी की बात ये है की ३ पत्रकार एक ही घर से है .. टीम अन्ना की सदस्य शाजिया इल्मी और उनके दो भाइयो को भी इस जेंकेट मे शामिल किया गया है |

मित्रों, क्या इस देश मे अब धर्म निरपेक्षता की नई परिभाषा गढ़ी जायेगी ? अगर कोई मुस्लिम मुसलमानों के लिए आवाज उठाये तो उसे धर्म निरपेक्ष माना जायेगा और अगर कोई हिंदू हिंदुत्व की बात करेगा तो उसे साम्प्रदायिक माना जाएगा ?

आखिर इस देश मे इस मामले मे मीडिया और कांग्रेस इतना दोगला रवैया क्यों अपना रहे है ?

मित्रों, कहावत है की जब अपना ही सिक्का खोटा हो तो फिर दूसरों को दोष नही देना चाहिए | मै इस मामले मे कांग्रेस, मीडिया या सलमान खुर्शीद के बजाय हिन्दुओ को हो दोषी मानता हूँ |

इतने अपमान और इतने लात खाने के बाद भी आजतक हिंदू वोट बैंक नही बना .. सोचिये मुस्लिम आरक्षण के लिए क़ानूनी खर्च मे ही सलमान खुर्शीद ने करीब दो करोड रूपये अपने मंत्रालय से दिये .. फिर हाईकोर्ट ने हारने के बाद केन्द्र सरकार सुप्रीम कोर्ट मे गयी |

एक तरफ मुसलमानों को सरकारी पैसे से हज करवाया जा रहा है और वहीँ दूसरी तरफ हिन्दुओ को अपने पैसे से भी अमरनाथ यात्रा पर जाने मे कई परेशानिय खड़ी की जा रही है | हर साल कांग्रेस एक सोची समझी साजिश के तहत अमरनाथ यात्रा के दिनों मे १० दिन की कटौती करती जा रही है और आने वाले पांच साल मे बाद कांग्रेस अमरनाथ यात्रा को बंद कर देगी |

सोचिये, जब एक मुस्लिम मंत्री सलमान खुर्शोद खुलेआम इस देश के सम्विधान और चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहता है की मै मुसलमानों को आरक्षण देकर रहूँगा जिसको जो करना है वो कर ले | तब उसे मीडिया साम्प्रदायिक क्यों नही कहती ?

अगर यही बयान कोई हिंदू हिन्दुओ के लिए देता तो अब तक उसके खिलाफ बीस पचीस केस दर्ज करके जेल मे डाल दिया गया होता और उसे साम्प्रदायिक घोषित कर दिया जाता |

अगर भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है तो भारत का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह क्यों कहता है की इस देश के सभी संशाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है ? अगर ये बयान नरेंद्र मोदी हिन्दुओ के लिए देते तो अब तक गुजरात सरकार बर्खास्त हो चुकी होती . और मोदी के खिलाफ पूरे देश मे हजारों केस दर्ज हो चुके होते |

आखिर कब तक इस देश मे धर्मनिरपेक्षता की दोगली परिभाषा रचती जाती रहेगी ?

अगर ऐसे ही गाढ़ निद्रा मे हिंदू सोता रहेगा , अपने जातिवादी निम्न मानसिकता से बाहर निकलकर समस्त हिंदू समाज के हित की नही सोचेगा तो फिर सिर्फ १० साल के बाद इस देश मे हिन्दू एक दोयम दर्जे का नागरिक बन कर ही जियेगा |

फिर भारत मे हिन्दुओ के साथ वही सब होगा जो पाकिस्तान मे हिन्दुओ के साथ हो रहा है |


मेरे हिंदू मित्रों, उठो, जागो और अपने जातिपाती , अगडे पिछड़े , दलित स्वर्ण, प्रान्त छेत्र , आदि तुच्छ और निम्न मानसिकता से उपर उठो, और अपने लिए नही तो कम से कम अपने आने वाली पीढियो के बारे मे सोचो .. 

कहीं ऐसा न हो की हमारी आने वाली पीढिया हमे ठीक वैसे ही गाली दे जैसे आज पाकिस्तान के हिंदू अपने पूर्वजो को कोसते है की उन्होंने इस बारे मे पहले ही क्यों नही सोचा ?

दुनिया के हिन्दुओ .. एक हो जाओ
 

Saturday 9 June 2012

राहुल गाँधी .. तुम जैसे दोगले को अब इस देश की जनता पहचान चुकी है .. क्या हुआ तेरा वादा .. वो कसम वो इरादा ?





भोदू युवराज उर्फ राहुल गाँधी ... किस बील मे दुबके हो ? कहा गया तुम्हारा वो गर्जना की मै बिना यूपी को बदले यहाँ से जाऊंगा नही चाहे हारूँ या जीतू ?

कहाँ गया तुम्हारा वो नौटंकी जिसमे तुम किसी दलित मे घर रात रुकने की घटिया नौटंकी करके उसके जले पर नमक छिडकते थे ?

तुम कहते थे की मै एक महीने मे भूमि सुधार बिल  और जमीन अधिग्रहण बिल पास करवाऊंगा ..
सत्ता के प्यासे राहुल जी तुम्हारे वादे को कल ठीक एक साल तीन महीने हो जायेगा .. जब तुमने भट्टा परसौल मे अपने गुरु घंटाल दिग्विजय सिंह के साथ बाइक पर जाकर अनशन की नौटकी की थी |

अब तुम क्यों नही यूपी मे किसी दलित के घर रुकते हो ? अब तुम क्यों नही यूपी मे किसानो के हक की लड़ाई करने की बात करते हो ?

मुर्ख ..तेरी असलियत अब इस देश की जनता जान चुकी है | तू और तेरा नकली खानदान सिर्फ सत्ता का प्यासा है .. तुम सत्ता के लिए ऐसे ही तडपते हो जैसे कोई ड्रेकुला इंसान का कहूँ चूसने के लिए तडपता है |

मेरे मित्रों, अब ये भोदू युवराज गुजरात मे आकर फिर ठीक वही सब नौटंकी करेगा और वही सारे रटे रटाये डायलोग गुजरात मे बोलेगा जो ये यूपी मे बोलता था |

कल मैंने इसे एक चैनेल पर देखा .. क्लीन शेव करवा कर चिकना बन गया है .. लेकिन यूपी चुनाव के दौरान ये नौटंकीबाज दाढ़ी बढ़वाकर नकली एंग्रीओल्डमैन बन कर घूम रहा था |


















आज की नीच , और बिकी हुयी मीडिया कभी इस तश्वीर को नही दिखाएगी |


आज के कांग्रेस के जो नेता गुजरात दंगो पर अपनी छाती कुटते है और विधवा विलाप करते है वो दिल्ली मे कांग्रेस द्वारा प्रायोजित सिख्ख विरोधी दंगो को क्यों भूल जाते है ?

ये तश्वीर दिल्ली के शिख विरोधी दंगो की है जिसमे पुलिस वाले कांग्रेस के ईशारे पर एक निरीह सिख्ख महिला को बुरी तरह लाठियो से पीट रहे है

कांग्रेस के लिए की गयी दलाली की "बक्शीश" मांग रही है शाजिया इल्मी



मित्रों ये शाजिया इल्मी स्टार न्यूज़ की पूर्व पत्रकार है .. स्टार न्यूज़ मे दलाली से पेट नही भरा तो टीम अन्ना मे शामिल हो गयी .. लेकिन यहाँ इसका एक एक ही काम है .मोदी जी के नाम पर छाती कुटना .. या सिमी के आन्दोलन मे शामिल होना ..

मित्रों, जब मोदी जी ने सद्भावना उपवास का कार्यक्रम रखा था तब ये स्टार न्यूज़ पर एक टाक शो मे बदतमीजी , बेहियाई की हद कर दी थी ..

मीडिया के सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार टीम अन्ना की एक महत्वपूर्ण सदस्य शाजिया इल्मी ने सरकार को पत्र लिख कर अनुरोध किया है कि उन्हें प्रधानमंत्री की ‘फ्री जन्केट’ में शामिल कर लिया जाये. प्रधानमंत्री की ‘फ्री जन्केट’ में वे पत्रकार शामिल होते हैं जो प्रधानमंत्री के विदेश दौरों के दौरान उनके साथ सरकारी खर्च पर यात्रा करते हैं.

ये स्टार न्यूज़ आधिकारिक रूप से अपने आपको कांग्रेस का ऑफिसियल चैनेल क्यों नही घोषित कर देता ? इसका मुख्य सम्पादक और कोंटेन्ट हेड शाजी जमां एक कट्टर मुस्लिम है और खानदानी कांग्रेसी है





आज के बंद पर एक बहस मे अंजना ओम कश्यप ऐसे ऐसे सवाल उठा रही थी जैसे मैडम दूर से उसे बोटी दिखाकर ललचा रही हो ..

सोचिये भारत की मीडिया कितनी नीच है ..

जब सरकार कोई जनविरोधी फैसला करती है तब ये अपनी छाती ये कहकर कुटते है की बीजेपी क्या कर रही है ? क्यों नही बीजेपी के नेता एसी कमरों से बाहर निकलते ?

और जब आज बंद हुआ तब ये मीडिया ये कहकर अपनी छाती कूट रही है की बंद से क्या हासिल हुआ ?

दोगलेपन की भी हद होती है लेकिन मीडिया वालो के दोगलेपन की कोई हद नही है ..

ये नीच मीडिया आकड़ा दे रही थी की आज के बंद से कितना नुकसान हुआ .. लेकिन जब ये केन्द्र सरकार सोने पर आयातकर थोपती है और पूरे देश का सोनी बाज़ार महीनों तक बंद रहता है और देश को कुल तीन लाख करोड का नुकसान होता है तब ये मीडिया अपनी छाती क्यों नही कूट रही थी ?

एनडीए के शासन मे कुल १२ बार तेल के दाम बढे और ८ बार घटे .. सबसे ज्यादा १.४० पैसे बढे थे .

लेकिन कांग्रेस ने दौरान कुल ५७ बार दाम बढे और दो बार कम हुए ..

जब तेल के दाम बढते है तब सरकार ये कहती है की उसका कोई लेना देना नही ये तो तेल कम्पनियों के हाथ मे है ..

लेकिन जब तेल के दाम घटते है तो सरकार कहती है की उसने घटाया ..

एक तरफ सरकार कहती है की तेल कपंनियों को घाटा हो रहा है ..

आप एक बार ओनजीसी सहित सभी तेल कम्पनियों की वेवसाईट देखिये ..

और सोचिये की कौन ज्यादा दोगला है ?

मीडिया की सरकार ?

ओनजीसी का मुनाफा - १९९% बढा

भारत पेट्रोलियम का मुनाफा तो रिकार्ड ३००% बढा

इंडियन ऑयल का मुनाफा १७२% बढा

हिन्दुस्तान पेट्रोलियम का मुनाफा ६७% बढा .

मित्रों एक बार गाँधी जी ने व्यापारियो से कहा था की बिजनस मे १०% से ज्यादा मुनाफा कमाना हराम है ..

और ये दोगली कांग्रेस सरकार ३००% मुनाफा कमा रही है .. और नीच और दोगली मीडिया सरकार को घेरने की बजाय विपक्ष पर सवाल उठा रही है

सोनिया गाँधी भारत के मुस्लिम इलाके मे मुस्लिम पुलिस की तैनाती का आदेश देने के पहले कम से कम ये तो सोचा होता कि सीरिया, लेबनान, अफ़गानिस्तान, इराक, यमन, आदि देशो मे राष्ट्रपति, सेना, पुलिस, प्रधानमंत्री, मंत्री से लेकर संतरी आदि सभी मुस्लिम ही थे ..



फिर भी हर रोज हजारों मुस्लिम इन देशो मे मारे जा रहे है |

सोनिया जी .. हम सबको मालूम है कि आपके पूर्वज गयासुद्दीन गाजी का कर्ज आपको उतरना है . और गयासुद्दीन गाजी का कर्ज उसके परपोते जवाहर लाल नेहरु ने पहले ही इस देश के तीन टुकड़े करके उन्हें इस्लामिक देश बनाकर अदा कर चुके है |

मेहरबानी करके आप और इस देश को धर्म के आधार पर मत बाटिये |

लड़ाई और दंगे की प्रवृति इंसान के दिमाग के होती है .. किसी खास एरिया मे खास धर्म के पुलिस तैनात कर देने भर से क्या इस देश का भला हो जायेगा ?

सोनिया जी अगर ऐसा ही है तो फिर आप सेना मे एक मुस्लिम रेजिमेंट बनाइए जिसे पाकिस्तान बार्डर पर तैनात करिये .इससे पाकिस्तान का विश्वास आपके कांग्रेस मे और गहरा होगा |

और फिर सोनिया जी मुस्लिम इलाके मे सिर्फ मुस्लिम पुलिस अधिकारी ही क्यों ? आप इस देश मे मुसलमानों के लिए अलग से कोर्ट बनाइए जिसमे सिर्फ मुस्लिम जज होंगे .. अलग से ट्रेन चलाइए जिसके ड्राइवर, टीटी, गार्ड, लाइनमेन, आदि सब मुस्लिम हो |

इस देश मे आप अलग से जेल भी बनवाइए जिसके जेलर, संतरी आदि सभी मुस्लिम हो |

मित्रों, जब इस देश का हिंदू गहरी निद्रा मे सो रहा है .. और वोट देने के समय मे अपनी जाति, और प्रान्त, भाषा उपजाति आदि देखकर वोट देता है तो फिर इस देश के हिन्दुओ के साथ कांग्रेस ऐसे ही भद्दे मजाक करेगी ..

मित्रों, आज मैंने नवभारतटाइम्स की साईट पर इस खबर के नीचे एक मुस्लिम का कोमेंट पढा तो मन खिन्न हो गया .. किसी मुस्लिम ने कमेन्ट किया था कि "बेचारे कुछ हिन्दुओ के .... मे आग लग चुकी है . इससे ज्यादा ये मुर्ख कर भी क्या सकते है ? हम तो एक और पाकिस्तान लेकर रहेंगे और हमारी संगठित वोट बैंक की ताकत हमे और मजबूत रखेगी "

आज हम वोट देने के पहले अपनी बिरादरी, जाति आदि देखकर वोट देते है और ये नीच कांग्रेस हमे इसी तरह बाँटकर हमारी एकता को कमजोर करती रहेगी और हमारे सीने पर ऐसे ही मूंग दलती रहेगी

मित्रों, एक बार सोचो कि आज इंडोनेशिया के बाली मे जहां सिर्फ २० साल पहले ९०% हिंदू थे आज सिर्फ २०% रह गए है .. यही हाल अफगानीस्तान का है ..

मित्रों अब हमे ये नारा देना होगा

"दुनिया के हिन्दुओ . एक हो जाओ "


जो कौम इतिहास से नही सीखती वो बर्बाद होकर मिट्टी मे मिल जाती है |







जो हिंदू इस घमंड मे जी रहे है कि अरबो सालो से सनातन धर्म है और इसे कोई नही मिटा सकता मै उन्हें मुर्ख और बेवकूफ ही समझता हूँ |


आखिर अफगानीस्तान से हिंदू क्यों मिट गया ?

काबुल जो भगवान राम के पुत्र कुश का बनाया शहर था आज वहाँ एक भी मंदिर नही बचा |

गंधार जिसका विवरण महाभारत मे है जहां की रानी गांधारी थी आज उसका नाम कंधार हो चूका है और वहाँ आज एक भी हिंदू नही बचा |

कम्बोडिया जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट बनाया आज वहा भी हिंदू नही है |

बाली द्वीप मे २० साल पहले तक ९०% हिंदू थे आज सिर्फ २०% बचे |

कश्मीर घाटी मे सिर्फ २० साल पहले ५०% हिंदू थे , आज एक भी हिंदू नही बचा |

केरल मे १० साल पहले तक ६०% जनसंख्या हिन्दुओ की थी आज सिर्फ १०% हिंदू केरल मे है |

नोर्थ ईस्ट जैसे सिक्किम, नागालैंड , आसाम आदि मे हिंदू हर रोज मारे या भगाए जाते है या उनका धर्मपरिवर्तन हो रहा है |

मित्रों, १५६९ तक ईरान का नाम पारस या पर्शिया होता था और वहाँ एक भी मुस्लिम नही था सिर्फ पारसी रहते थे .. जब पारस पर मुस्लिमो का आक्रमण होता था तब पारसी बूढ़े बुजुर्ग अपने नौजवान को यही सिखाते थे की हमे कोई मिटा नही सकता .

लेकिन ईरान से सारे के सारे पारसी मिटा दिये गए .. धीरे धीरे उनका कत्लेआम और धर्मपरिवर्तन होता रहा .. एक नाव मे बैठकर २१ पारसी किसी तरह गुजरात के नवसारी जिले के उद्वावाडा गांव मे पहुचे और आज पारसी सिर्फ भारत मे ही गिनती की संख्या मे बचे है |

कांग्रेस के लोग कृपा करके सोनिया गाँधी को समझाये की वो विभाजन काल की ग़लती को ना दुहराएँ. जो इतिहास से कुछ सीखता नही वो मिट जाता है.


सूरहावर्दी ने 1946 मे कलकत्ता मे हिंदुओं का क़त्ले आम करने के लिए 24 मे से 22 पुलिस थाने मुस्लिम अधिकारीओं और 2 अन्ग्लो इंडियन अधिकारीओं के हवाले किया था यही हाल पूरे बंगाल का था. हमारे केंद्रीय गृह सचिव यदि किसी महा भयंकर षड्यंत्र को नही समझते तो उन्हे पद पर बना रहने का अधिकार नही है.


26/11 के पाकिस्तानी हमले के समय कौन था मुंबई का पुलिस सर्वोच्च अधिकारी और कहाँ बैठा था क्या कर रहा था ज़रा सोचिए गंभीरता से. इसकी भयानकता के बारे मे अंदाज लगाना ही है तो इस देश की देशभक्त जनता पर उपकर करने के लिए श्री माधव गोड़बोले आइ ए एस भू. पु. केंद्रीय गृह सचिव की लिखित "दी हॉलोकास्ट ऑफ इंडियन पार्टीशन: एन इंक्वेस्ट" यह किताब पूरी संजीदगी से पढ़ें जिसमे एक भी लफ़्ज बिना आधार के काल्पनिक नही लिखा गया; आप आज उसी पद पर हैं. यह आदेश जारी करके हिंदुओं के भावी क़त्ले आम की सुविधा कर रहे हैं.

डिस्क्लेमर :- ये फोटो मै सिर्फ इसलिए पोस्ट कर रहा हूँ क्योकि आज मैंने आईबीएन-7 पर एंकर साक्षी जोशी कापड़ी द्वारा चिल्ला चिल्लाकर बीजेपी और मोदी से पांच सवाल पूछे देखा ..




हर बार ये कहती की क्या मोदी और बीजेपी इन सवालों का जबाब देंगे ?

मित्रों, ये नीच मीडिया वाले आखिर अपने आपको क्या समझते है ? ये जब कामलीला और पाप लीला करे तो ये कहते है की ये हमारा निजी मामला है ..

तो क्या बीजेपी का मामला निजी नही है ? क्या किसी पार्टी अध्यक्ष को ये अधिकार नही होता की वो किसी का निष्काशन, प्रोमोशन, ट्रांस्फर, या सस्पेंसन कर सकता है ?

क्या आपने इसके पहले किसी भी पार्टी ने अंदरूनी मसले को इस तरह से जोर शोर से उछालते देखा है ?

मित्रों, ये एंकर साक्षी जोशी जब इंडिया टीवी मे थी तब इंडिया टीवी के मुख्य सम्पादक विनोद कापड़ी जो पहले से ही शादीशुदा और दो बच्चो का बाप था उसके साथ ही सारी मर्यादाये भूलकर चालू हो गयी |

एक दिन ये दोनों सहारनपुर के एक गेस्ट हाउस मे मजे कर रहे थे तभी इनके साथी कैमरामैन ने इनकी कई तश्वीरे ले ली .. और उसने सार्वजनिक भी कर दिये .. खूब बवाल मचा .. साक्षी जोशी का पिता उमाशकर जोशी भी बड़ा पत्रकार था उसने दबाव बनाया और विनोद कापड़ी को अपनी बीबी को तलाक देकर साक्षी जोशी से शादी करनी पड़ी |

ये अपने कुकर्मो को अपना निजी मामला बताते है .. और दुसरो की जिंदगी मे ये किस मुंह से ताकझाक या टीका टिप्पड़ी करते है ?

पूरी दुनिया ने प्रत्रकारिता के मुंह पर एक तमाचा समान बरखा दत्त को दलाली खाते उसकी असली आवाज मे सुना ... कितनी बेशर्मी से वो निरा राडिया से कह रही थी की राजा और कनिमोझी की सेटिंग करवा दो ... बरखा दत्त निरा रादिया से कह रही थी की मेरा कमीशन कितना होगा ?

लेकिन आज भी वो बेशर्म बरखा दत्त एनडीटीवी पर दलाली करती है और मुझे लगता है की बेशर्म बरखा दत्त नही बल्कि मै खुद हूँ जो इसको एक राष्ट्रिय चैनेल पर आते चुपचाप देख रहा हूँ |

क्या ये एनडीटीवी इसका हिसाब देगा ?

प्रभु चावला आज भी बेशर्मी से आईबीएन पर आता है . उसने भी निरा राडिया से कमीशन की बात किया और पूरी दुनिया ने देखा . उसका लड़का एक जमाने मे दिल्ली का सबसे बड़ा दलाल था और उसके उपर कई केस दर्ज हुए |

मित्रों, इन नीचों और बेशर्मो की लिस्ट बहुत बड़ी है , लेकिन क्या जब ये दूसरों से जबाब मांगते है तो इनकी आत्मा इनको कचोटती नही होगी ? क्या ये खुद अपने मन मे ये नही सोचते होंगे की दुनिया के सबसे बड़े पापी, कामी. ऐयाश, दलाल, नीच, लालची तो हम ही है फिर हम किस मुंह से दूसरों से हिसाब या जबाब मांगते फिर रहे है ?


Friday 8 June 2012

सुशील मोदी जी दस साल से नितीश कुमार की गोद मे बैठे हो कभी अपने दम पर बिहार मे बीजेपी को सत्ता मे लाकर फिर मोदी जी पर टीका टिप्पड़ी करो |




आज सुशील कुमार मोदी जो नितीश कुमार की गोद मे बैठकर बिहार के उपमुख्यमंत्री का मजा ले रहे है उन्होंने बिहार मे अब तक क्या किया ?


असल मे इस सत्ता के लालची को ये लगने लगा की चूँकि जेडीयू के पास इतनी सीटें है की अगर नितीश चाहे तो सुशील मोदी जैसे लोगो को भागकर अपने द
म पर बिहार मे सरकार चला सकते है

चूँकि नितीश कुमार मुस्लिम वोट के लिए नरेंद्र मोदी से दूर रहना चाहते है इसलिए ये सुशील मोदी अपनी पार्टी को भूलकर नितीश कुमार के सुर मे सुर मिलाने लगा |

सिर्फ कांग्रेस मे ही बिना पेंदे के लोटे नही है .. कई बिना पेंदे के लोटे बीजेपी मे भी है |

बिहार के बीजेपी नेता आज तक बीजेपी को इस लायक नही बना सके की वो अपने दम पर तो दूर दूसरे से मिलकर भी अपना मुख्यमंत्री बना सके ..फिर भी ये सुशील मोदी नरेंद्र मोदी की आलोचना कर रहा है |

सूप हसे तो हसे ... चलनीयों हसे जेमे बहत्तर छेद

कांग्रेस सिर्फ मुसलमानों को मुर्ख बनाती रहती है ..



जिस जिस राज्यों मे कांग्रेस सत्ता पर है वहाँ कांग्रेस किसी मुस्लिम को मुख्यमंत्री क्यों नही बनाती ?

आज दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, केरल, असाम, सिक्किम, मणिपुर, जैसे राज्यों मे जिसमे कांग्रेस सत्ता पर है वहाँ कोई मुस्लिम कांग्रेस को इस लायक नही मिलता जिसे मुख्यमंत्री बनाया जा सके ?

मुसलमानों , कांग्रेस की नीच और गंदी चाल को समझो .. ये कांग्रेस सिर्फ यही चाहती है की मुस्लिम सोनिया और राहुल की सभाओ मे ताली बजाते रहे .. और फिर कांग्रेस उन्हें बजाने के लिए ऐसा झुनझुना दे जिसमे बजने के लिए कोई चीज ही न हो ..

जैसे कांग्रेस अच्छी तरह समझती थी की सम्विधान मे संसोधन किये बिना मुस्लिम आरक्षण देना सम्भव नही है . और सम्विधान मे तभी संसोधन हो सकता है जब दोनों सदनों के कांग्रेस का बहुमत हो .. कांग्रेस राज्यसभा मे बहुमत से कोसो दूर है फिर भी कांग्रेस ने मुसलमानों को मुर्ख समझते हुए मुस्लिम आरक्षण का झुनझुना थमा दिया जिस पर आन्ध्रप्रदेश हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया |

फिर कांग्रेस ने मुसलमानों को एक नया झुनझुना दिया है की मुस्लिम इलाको मे मुस्लिम पुलिस ही तैनात किये जाये ..

ये भी सम्भव नही है क्योकि पुलिस की तैनाती राज्य सरकारों का विशेषाधिकार है और सम्विधान के अनुसार केन्द्र या कांग्रेस किसी भी राज्यसरकार को ऐसे आदेश नही दे सकती .

यानी फिर कांग्रेस मुसलमानों को सिर्फ और सिर्फ मुर्ख बना रही है |

अगर कांग्रेस सच मे मुस्लिमो का हमदर्द है तो फिर राहुल गाँधी खतना करवाकर इस्लाम क्यों नही कुबूल कर लेते ? आखिर नकली गांधियो के खानदान मे सभी धर्मो के लोग है तो फिर राहुल गाँधी को इस्लाम कुबूल करने मे क्या परेशानी है ?

वैसे भी आज गाँधी खानदान मे कोई भी मुस्लिम सदस्य नही है .. राबर्ट ईसाई है .. सोनिया ईसाई है . मेनका सिख्ख है .. तो फिर मुसलमानों के साथ इतनी बेइंसाफी क्यों ?

अब वक्त आ गया है कोई भी मुस्लिम कांग्रेस को सही मायने के तभी मुसलमानों का हमदर्द मानेगा जब जामा मस्जिद मे जाकर राहुल गाँधी इस्लाम कुबूल करे |
 

आज इस कांग्रेस के ९८% नेता कभी न कभी लात मारकर कांग्रेस से भगाए गए है और आज कई मंत्री बने है


१- कपिल सिब्बल - कभी लालू यादव की पार्टी से राज्यसभा सांसद थे .. ये दिल्ली मे नारे लगाते थे गली गली मे शोर है राजीव गाँधी चोर है |

२- प्रणव मुखर्जी -- कभी राजीव गाँधी को भ्रष्ट और तानाशाह कहा था पार्टी ने लात मारकर भगा दिया था फिर इन्होने अपनी खुद की दुकान खोली थी \

३- पी चितंबरम -- कभी जनता दल मे थे फिर कांग्रेस मे गए फिर जीके भुपनार के साथ मिलकर तमिल मनील कांग्रेस बनाई और राजीव सोनिया को दुनिया का सबसे भ्रष्ट इंसान बोला था |

४- रेणुका चौधरी - कांग्रेस से तीन बार भगाई जा चुकी है | कभी चन्द्र बाबू नायडू के साथ रही और उस समय टीवी डिबेट पर तेलगु देशम की तरफ से कांग्रेस के प्रवक्ताओ से बकायदा हाथापाई पर उतर आती थी | आज कांग्रेस की प्रवक्ता है |

५- जयपाल रेड्डी -- बीपी सिंह के निकट सहयोगी ,, सारी उम्र कांग्रेस को गाली देते रहे .. आज उसी कांग्रेस मे केबिनेट मंत्री है |

६- सुबोधकांत सहाय -- ये भी बीपी सिंह, फिर चंद्रशेखर के साथ रहे .. सारी उम्र कांग्रेस को गाली देते रहे .. आज केबिनेट मंत्री है |

७- पवन कुमार बंसल - तीन बार कांग्रेस छोड़ चुके थे आज मंत्री है 

८- बेनी प्रशाद बर्मा -- सारी उम्र मुलायम के साथ कांग्रेस से लड़ते रहे . कांग्रेस को भ्रस्तो की जमात कहते थे आज उसी कांग्रेस की गोद मे बैठकर मंत्री है |

९- रीता बहुगुणा जोशी -- तीन पार्टी बदल चुकी . सपा मे रही और सोनिया को विदेशी ताकतों का एजेंट कहती थी आज फिर कांग्रेस मे है |

मित्रों, ऐसे कांग्रेस मे सैकडो नाम है .. लेकिन नीच मीडिया इसे नही बताती .. क्योकि उसे मैडम से चबाने ले लिए हर रोज हड्डी चाहिए