Saturday 11 August 2012

कांग्रेस आलकमान के दबाव मे महाराष्ट्र सरकार मुंबई के आज़ाद मैदान के मुस्लिम दंगाईयों से कई धाराएँ हटा ली | सिर्फ तोड़फोड़ और महिला कांस्टेबल से छेड़खानी जैसी मामूली धाराओं मे ही २३ लोग गिरफ्तार हुए



कांग्रेस आलकमान के दबाव मे महाराष्ट्र सरकार मुंबई के आज़ाद मैदान के मुस्लिम दंगाईयों से कई धाराएँ हटा ली |

मित्रों, कल आज़ाद मैदान मे म्यांमार के मामले को लेकर जिस तरह से मुस्लिम संगठनो ने हिंसा और दंगे का नंगा नाच खेला और मुंबई पुलिस चुपचाप पिटती रही इस मामले मे आज पुलिस मे २३ लोगो को गिरफ्तार किया लेकिन मजे की बात है की उनके उपर हत्या, दंगे, दंगे की साजिश पहले से रचने, सामूहिक आगजनी के केस नही लगाई |

असल मे पहले पुलिस ने ये सारे धाराए लगाई थी लेकिन आलाकमान के आदेश ये ये धाराए हटा ली गयी और कहा गया कि यदि हम ये सारे धाराए लगाएंगे तो मुस्लिमो के अंदर एक कांग्रेस विरोधी लहर उठ सकती है और कई राज्यों के महत्वपुर्ण चुनाव सामने है .. चूँकि जब ये मामला कोर्ट ने जायेगा या कोई भी इस मामले मे जनहित याचिका दायर करेगा तो कोर्ट खुद ही स्वत: संज्ञान लेते हुए ये सारे धाराए लगायेगी तब मुस्लिमो मे ये संदेश जायेगा कि इन कठोर धाराओं मे केस कांग्रेस सरकार ने नही बल्कि कोर्ट ने किया है |
मित्रों, कल मुंबई मे हिंसा और दंगा का नंगा नाच पूरी दुनिया ने टीवी पर देखा लेकिन महारास्ट्र सरकार ने इन लोगो पर सिर्फ तोड़फोड़ का ही केस दर्ज किया है | जबकि एक पुलिस इंस्पेक्टर को दंगाईयों ने पकड़कर इतना बुरी तरह से पीटा कि वो ब्रीचक्रेंदी अस्पताल मे बेहद गम्भीर हालात मे जिंदगी और मौत के बीच है तो इन दंगाईयों पर हत्या की कोशिश का मामला का केस क्यों नही दर्ज किया गया ?

दो लोगो की मौत हुई जिनमे एक दंगाई और एक राहगीर है तो फिर हत्या का मामला क्यों नही दर्ज किया गया ?

चूँकि मुंबई मे दंगाई मुस्लिम थे और दिल्ली के रामलीला मैदान मे सो रहे लोग हिंदू थे :-
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मित्रों, सोचिये कांग्रेस के दोगलेपन की मुंबई हिंसा मे कुल 55 लोग अस्पताल मे घायल अवस्था मे भर्ती है जिनमे 49 पुलिस कर्मी है | आखिर इतनी बड़ी संख्या मे पुलिस कर्मी घायल क्यों हुए ?
क्योकि इन्हें दंगाईयों पर बल प्रयोग करने की इजाजत नही थी |

वहीँ दूसरी तरह दिल्ली के रामलीला मैदान मे बाबा रामदेव के अनशन को खत्म करने के लिए कांग्रेस की ही दिल्ली पुलिस रात को दो बजे सो रहे बच्चे, बूढ़े और औरतो पर एक वहशी की तरह टूट पड़ी थी और उन्हें चारो ओर से घेरकर लाठियों, आग के गोलों, और गोलियो से मारा गया | कुल 60 लोग घायल हुए थे जिनमे एक भी पुलिसकर्मी नही था और 1महिला राजबाला को लाठियो से पीट पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया था | क्योकि ये सभी लोग हिंदू थे |

जागो हिन्दुओ जाओ ,, संगठित हो जाओ और अपने जातिपाती को भुलाकर एक बृहद हिंदुत्व भी भावना मन मे जगाओ नही तो भारत मे आने वाला समय हिन्दुओ के लिए बेहद खतरनाक होने वाला है जिसका आभास अभी से कश्मीर, केरल, आसाम पश्चिमी यूपी और अब मुंबई की घटना ने दे दिया है |

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