Monday 25 June 2012

सोनिया गाँधी की बेशर्मी की हद या सोनिया ने बीरभद्र सिंह से अपना कमीशन खाया है ? आज सोनिया ने कहा की चार्जशीट दाखिल होने पर भी वीरभद्र सिंह को इस्थीपा देने की जरूरत नही है ..





आज शिमला कोर्ट ने एक आईएएस ऑफिसर से वीरभद्र सिंह की सीडी के रिकार्ड उस बातचीत के टेप को सही पाया है जिसमे वो पांच उद्योगपतियों से कमीशन लेने की बातचित करते है |

कोर्ट ने सीडी को दिल्ली स्थित केन्द्र सरकार ने फोरेंसिक लैब मे जाँच करवाई जिसमे दोनों के आवाज सत्य पाए गए |

मित्रों, किसी भी केस मे कोर्ट आरोप तभी तय करती है जब कोर्ट को अपराधी के खिलाफ पुख्ता सुबूत मिले | इस मामले मे कोर्ट ने पांच साल तक अपने सुपरविजन के जाँच करवाया और फिर सारे आरोपों को सत्य पाते हुए आरोप तय कर दिये |

वीरभद्र सिंह अपना इस्तीफा लेकर सोनिया गाँधी के पास गए लेकिन सोनिया गाँधी के कहा की आपको इस्थीपा देने की जरूरत नही है आप अभी सजा मिलने का इंतजार कीजिये |

मित्रों, सोनिया गाँधी और कांग्रेस ने बेशर्मी, बेहियाई और नीचता की हद कर दी है | इस बात से इस बात को पक्का बल मिलता है कि कांग्रेस मे कोई भी मंत्री इस देश का कितना भी खजाना लूटे लेकिन अगर नीच गाँधी खानदान को उसका हिस्सा दिया हो तो फिर उसे इस्तीफा देने की जरूरत नही है |

इसके पहले कृपाशंकर सिंह आज भी बेशर्मी से कांग्रेस मे है और चूँकि कृपाशंकर सिंह सोनिया गाँधी का कालाधन मुंबई मे इन्वेस्ट करता था इसलिए सोनिया गाँधी आज भी पूरी ताकत से कृपाशंकर सिंह के साथ खड़ी है |

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ शिमला की कोर्ट ने भ्रष्टाचार का केस चलाने के आदेश दिए हैं। वीरभद्र सिंह के साथ-साथ उनकी पत्नी पर भी कोर्ट ने केस चलाने के आदेश दिए हैं। ये मामला वही है जिसे लेकर टीम अन्ना वीरभद्र सिंह पर निशाना साध रही थी। कोर्ट के आदेश के बाद अब टीम अन्ना ने वीरभद्र से इस्तीफे की मांग की है।

दरअसल शिमला की अदालत को आज ये फैसला देना था कि वीरभद्र और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह पर भ्रष्टाचार के तहत केस चलाया जाए या नहीं। ये मामला 2009 का है जब कांग्रेस के ही एक पूर्व मंत्री विजय सिंह मनखोटिया ने एक सीडी रिलीज़ की थी जिसमें वीरभद्र उनकी पत्नी और पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह को एक आईएएस अफसर के साथ रिश्वत के लेनदेन को लेकर बातचीत टेप की गई थी।

केंद्रीय मंत्री वीरभद्र पर चलेगा आईएएस से घूस का केस

सीडी सामने आने के बाद हिमाचल विजिलेंस ने FIR दर्ज की और सीडी की फोरेंसिक जांच कराई। जांच में वीरभद्र समेत सभी आरोपियों की आवाजें मैच हो गई थी। वीरभद्र ने इस मामले को सीबीआई को सौंपने के लिए हिमाचल हाई कोर्ट में अर्जी भी दाखिल की थी जिसे खारिज कर दिया गया था। आज कोर्ट ने साफ कर दिया कि वीरभद्र और उनकी पत्नी पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत केस चलेगा।

हिमाचल में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं और वीरभद्र सिंह खुद को मुख्यमंत्री का दावेदार मान कर चल रहे हैं। लिहाज़ा आज कोर्ट में आया फैसला वीरभद्र और कांग्रेस पार्टी दोनों के लिए बहुत बड़ा झटका है। ये फैसला मनमोहन सरकार के लिए भी झटका है क्योंकि सरकार के एक कद्दावर मंत्री के खिलाफ अब कोर्ट में केस चल रहा होगा।

इस मामले के याचिकाकर्ता विजय सिंह मनखोटिया ने कहा कि कोर्ट के फैसले से मैं बहुत खुश हूं। पूरी सरकार का जोर मुझे दबाने के लिए और मेरी जुबान बंद करने के लिए रहा। मैं ये लड़ाई अकेला लड़ता रहा हूं। जब प्रदेश का मुखिया और उसकी बीवी ही भ्रष्टाचार में लिप्त होगी तो आम आदमी कहां जाएगा।

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