जिस जिस राज्यों मे कांग्रेस सत्ता पर है वहाँ कांग्रेस किसी मुस्लिम को मुख्यमंत्री क्यों नही बनाती ?
आज दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, केरल, असाम, सिक्किम, मणिपुर, जैसे राज्यों मे जिसमे कांग्रेस सत्ता पर है वहाँ कोई मुस्लिम कांग्रेस को इस लायक नही मिलता जिसे मुख्यमंत्री बनाया जा सके ?
मुसलमानों , कांग्रेस की नीच और गंदी चाल को समझो .. ये कांग्रेस सिर्फ यही चाहती है की मुस्लिम सोनिया और राहुल की सभाओ मे ताली बजाते रहे .. और फिर कांग्रेस उन्हें बजाने के लिए ऐसा झुनझुना दे जिसमे बजने के लिए कोई चीज ही न हो ..
जैसे कांग्रेस अच्छी तरह समझती थी की सम्विधान मे संसोधन किये बिना मुस्लिम आरक्षण देना सम्भव नही है . और सम्विधान मे तभी संसोधन हो सकता है जब दोनों सदनों के कांग्रेस का बहुमत हो .. कांग्रेस राज्यसभा मे बहुमत से कोसो दूर है फिर भी कांग्रेस ने मुसलमानों को मुर्ख समझते हुए मुस्लिम आरक्षण का झुनझुना थमा दिया जिस पर आन्ध्रप्रदेश हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया |
फिर कांग्रेस ने मुसलमानों को एक नया झुनझुना दिया है की मुस्लिम इलाको मे मुस्लिम पुलिस ही तैनात किये जाये ..
ये भी सम्भव नही है क्योकि पुलिस की तैनाती राज्य सरकारों का विशेषाधिकार है और सम्विधान के अनुसार केन्द्र या कांग्रेस किसी भी राज्यसरकार को ऐसे आदेश नही दे सकती .
यानी फिर कांग्रेस मुसलमानों को सिर्फ और सिर्फ मुर्ख बना रही है |
अगर कांग्रेस सच मे मुस्लिमो का हमदर्द है तो फिर राहुल गाँधी खतना करवाकर इस्लाम क्यों नही कुबूल कर लेते ? आखिर नकली गांधियो के खानदान मे सभी धर्मो के लोग है तो फिर राहुल गाँधी को इस्लाम कुबूल करने मे क्या परेशानी है ?
वैसे भी आज गाँधी खानदान मे कोई भी मुस्लिम सदस्य नही है .. राबर्ट ईसाई है .. सोनिया ईसाई है . मेनका सिख्ख है .. तो फिर मुसलमानों के साथ इतनी बेइंसाफी क्यों ?
अब वक्त आ गया है कोई भी मुस्लिम कांग्रेस को सही मायने के तभी मुसलमानों का हमदर्द मानेगा जब जामा मस्जिद मे जाकर राहुल गाँधी इस्लाम कुबूल करे |
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