-इस देश में ४००० सिखों की हत्या कर दी जाती है पर सजा एक को भी नहीं ?
-इस देश में काश्मीर विस्थापित ५०००० हिन्दू अपने ही वतन में शरणार्थी है |
-इस देश के मुल्ला-मौलवियों और मदरसों के लिए सरकारी खजाने से पैसा दिया जाता है और हिंदुओं के मंदिरों का धन सरकार के अधीन होता है |
-इस देश की जामा मस्जिद के शाही इमाम को देश की २५० अदालतें एक सम्मन तक तामील नहीं करा पाती जबकि कांची कामकोठी पीठ के शंकराचार्ये श्री जयेन्द्र सरस्वती को आधी रात में उनके ५००० शिष्यों के बीच से गिरफ्तार कर कातिलों- डकैतों की कोठरी में डाल दिया जाता है |
- इस देश में हज-यात्रा की सब्सिडी के लिए सारी राजनैतिक पार्टियां राजी हो जाती हैं जबकी अमरनाथ-यात्रा का समय कम कर दिया जाता है और कोई चर्चा तक नहीं |
-गुजरात के दंगों पर हरदम राजनीति पर गोधरा में मार दिए गये रामभक्तों पर कोई बात नहीं |
- हैदराबाद में हिन्दू मंदिरों में घंटे बजाने पर रोक लगाना धर्मनिरपेक्षता है ?
-रमजान के महीने में इफ्तार पार्टियों में सभी भारतीय राजनैतिक दलों के नेता अपने सिर पर मुल्ला टोपी रख शामिल हो कर अपने आप को धर्म-निरपेक्ष साबित करते है पर क्या “नवरात्र” में कोई मुसलमान नेता हिंदुओं को फलाहार पार्टी में बुलाता है ?
-आज भारत के नेता जैसे नरेन्द्र मोदी को कटघरे में खड़ा कर रहे है क्या किसी मुस्लिम संगठन ने या नेता ने अफजल गुरु और कसाब को जल्द फाँसी देने की माँग की ?
सवाल बहुत है दोस्तो जिसका कोई जबाब नहीं है इन छद्म धर्मनिरपेक्षता वादियों के पास |
निर्णय आपको करना है ?
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