इस प्रोग्राम में एक घोर हिन्दू विरोधी और नरेंद्र मोदी का घोर विरोधी संजय पवार नामक लेखक और तथाकथिक दलित ठेकेदारी की दुकान चलाने वाला भी था |
मजे की बात ये है की ये चैनल मराठी भाषा में है और महाराष्ट्र में चलता है लेकिन सेटटॉप की वजह से कई जगहों पर देखा जा सकता है | लेकिन इसमें अचानक से महाराष्ट्र से हटकर मुद्दा गुजरात और नरेंद्र मोदी हो गये | आजकल सारे दलाल मीडिया वाले बात बात में मोदी और गुजरात जबरजस्ती घुसा देते है | इस संजय पवार ने कहा की गुजरात में लोकतंत्र है ही नही .. वाह रे दोगलो !! अभी कुछ दिन पहले ही गुजरात में चुनाव हुए और लोगो ने मोदी को वोट दिए .. अब दोगले निखिल वागले को इस तथाकथिक लेखक संजय पवार से पूछना चाहिए की भाई तुम्ही बताओ की लोकतंत्र की परिभाषा क्या होती है ? अगर नरेंद्र मोदी चुनाव जीते तो तानाशाही और अगर कांग्रेस जीते तो लोकत्रंत ? वाह रे दलालों !! भाई १० जनपथ से फेके जाने वाले बोटियो में कितनी ताकत होती है की आज के नीच और दोगले पत्रकार और लेखक लोकत्रंत की परिभाषा और मायने तक बदल देते है |
लेकिन एंकर बना निखिल वागले उसको और उकसाता रहा .. आजकल टीवी चैनेलो के एंकरों में एक न्य ट्रेंड देखने को मिल रहा है ..जब भी कोई बीजेपी वाला बोले तो उसे बीच बीच में टोकते रहो .. और साथ ही दो कांग्रेसी, दो कांग्रेस के फेके हुए टुकड़े पर पलने वाले दलाल पत्रकार, एक तथाकथित मोदी विरोधी बुद्धिजीवि, एक या दो वामपंथी, फिर ये सभी दोगले एक होकर बीजेपी के प्रवक्ता पर सवालों की बौछार छोड़ देते है और दोगला एंकर भी इन दलालों का साथ देता है |
फिर ये संजय पवार यही तक नही रुका | उसने कहा की गुजरात में आज भी आमिर खान की फिल्मे दिखाने पर प्रतिबन्ध है क्योकि आमिर खान ने मोदी के खिलाफ कई बार बोला है |
मित्रो, एक टीवी चैनेल पर यदि कोई पूर्वाग्रहों से ग्रसित मानसिक विकलांग व्यक्ति कुछ भी बोले तो एंकर को उसमे स्पष्टीकरण देना चाहिए | और ये दोगले देते भी है लेकिन जब कोई बीजेपी का प्रवक्ता नीच गाँधी खानदान या कांग्रेस के खिलाफ कोई बात कहे .. फिर तो ये तुरंत कहने लगते है की ये चैनेल के विचार नही है |
मित्रो, एंकर निखिल वागले संजय पवार की झूठी बातो में हाँ में हाँ मिलाता रहा | जबकि ये बात पूरी तरह से झूठ है |
मित्रो, गुजरात में नर्मदा डैम की ऊंचाई बढ़ाने के मुद्दे पर कुछ साल पहले नरेद्र मोदी जी ने अनशन किया था जिसके दबाव में आकर केंद्र सरकार ने नर्मदा डैम की ऊंचाई बढ़ाने की अनुमति दे दी | फिर इसके खिलाफ दिल्ली में जन्तर मन्तर पर मेघा पाटकर अनशन पर बैठ गयी | अब भला डैम की ऊंचाई बढ़ाने से मेघा पाटकर को क्या समस्या हो गयी ? हद तो तब हो गयी जब आमिर खान भी मेघा पाटकर के साथ अनशन पर बैठ गया और उसने भी नर्मदा डैम की उचाई बढ़ाने को गलत बताया |
मित्रो नर्मदा नदी गुजरात के लिए जीवन दायिनी नदी है | गुजरात में कहा जाता है "नर्मदे -सर्वदे ..गुजरात को जल दे"|
मित्रो, उसी दरम्यान आमिर खान की फिल्म "फना" रिलीज हुई | लेकिन आमिर खान के गुजरात विरोधी वलन से नाराज गुजरात सिने एंड मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ने फना को गुजरात में न दिखाने का फैसला किया | जबकि इस फैसले से गुजरात सरकार का कोई लेना देना नही था | गुजरात सरकार ने कहा था की जो भी सिनेमा हाल फना दिखाना चाहेंगे राज्य सरकार उनको पूरी सुरक्षा देगी | लेकिन गुजरात के किसी भी सिनेमा हाल ने फना लगाने से इंकार कर दिया | एक दिन के बाद जामनगर के कांग्रेसी सांसद विक्रम माडम ने एलान किया की उनके सिनेमा हाल में फना रिलीज होगी | राज्य सरकार ने उनके सिनेमा हाल को पूरी सुरक्षा दी | लेकिन दो दिनों के बाद विरोध स्वरुप एक युवक ने सांसद महोदय के सिनेमा हाल के अंदर खुद को आग लगाकर आत्मदाह कर लिया |
चूँकि वो युवक ब्राम्हण समुदाय से था इसलिए सांसद महोदय को लगा की इस घटना से ब्राम्हण उनके खिलाफ हो जायेंगे क्योकि जामनगर में ब्राम्हण अच्छीखासी तादाद में है इसलिए सांसद महोदय ने गुजरात की जनता से माफ़ी मांगते हुए फना फिल्म को उतार लिया |
मित्रो, ये सभी घटनाक्रम पब्लिक डोमेन में आ चुकी है लेकिन दुःख इस बात का है की भारत के लोगो का यादाश्त बहुत कमजोर होता है |
मित्रो, सोचिये दोगले मीडिया वाले देश की जनता को किस कदर बरगलाते है और झूठ पर झूठ बोलकर गुजरात और नरेंद्र मोदी को बदनाम करने का कोई मौका नही छोड़ते भले ही इसके लिए झूठ का सहारा लेना पड़े |
3 comments:
True...
ekdam sahi
I live in Surat, and seen Amir khan 3 idots, Talash in Surat. Where is ben?
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