Wednesday, 9 November 2011

अफजल गुरु की फांसी की फाइल को सात साल बाद राष्ट्रपति के पास भेजने की असली वजह...

अफजल गुरु की फांसी की फाइल को सात साल बाद राष्ट्रपति के पास भेजने की असली वजह
मित्रों अभी २७ जुलाई को चितंबरम साहब के गृह मंत्रालय ने संसद पर हमलों का दोषी अफजल गुरु की दया अर्जी की फाइल सात सालो के बाद राष्ट्रपति के पास भेजी .. मै ही नहीं पूरा देश खुश हों गया की क्या कांग्रेस को भगवान ने सदबुद्धि दे दी ? क्या कांग्रेस अब वोट बैक की गन्दी राजनीती को छोड़कर सिर्फ देशहित की राजनीती करेगी ? लेकिन इसक...ी असली वजह बाद मे पता चली ..
दरअसल कांग्रेस का कोई हृदयपरिवर्तन नहीं हुआ .. असल मे राष्ट्रपति महोदया राजीव गाँधी हत्याकांड के तीन मुजरिमो की फांसी की सजा पर अपनी अंतिम मुहर लगा चुकी थी लेकिन सरकार इसको लेकर बहुत पेशोपेश मे थी .. सरकार और कांग्रेस दोनों इस बात से परेशान हों गए की देश के सामने बीजेपी ही नहीं सभी संगठन यही कहेंगे की राजीव गाँधी के मुजरिमों को इतनी जल्दी सिर्फ इसलिए फासी दी जा रही है क्योंकि वे हिंदू है ..
राष्ट्रपति ने मुरुगन, संथन एवं पेरारिवलन की दया याचिका ख़ारिज कर दी . तो कांग्रेस जो सात साल से अफजल की फाइल पर कुंडली मारकर बैठ गयी थी उसके पास अब अफजल की फाइल को राष्ट्रपति के पास भेजना राजनितिक मज़बूरी बन गयी थी .
राज्यसभा मे बीजेपी के सांसद प्रकाश जावडेकर ने सरकार से सवाल पूछा की क्या सरकार मुजरिमों को एक क्रम से फासी देती है ? क्या इस देश मे कोई ऐसा कानून है जो ये कहता है की राष्ट्रपति के पास क्रम से दया की फाइल भेजी जाये ?
इस गृह मंत्री ने जो जबाब दिया उससे कांग्रेस के झूठ की पोल खुल गयी . गृहमंत्री के कहा की सरकार अपने विवेक से किसी को भी फांसी पहले दे सकती है और दया याचिका मे भी कोई क्रम नहीं होता है ..
चलिए राजीव गाँधी के हत्या के मुजरिमो की फांसी की सजा ने एक काम तो नेक किया .. उनके बहने ही सही इस देश के संसद पर खुनी खेल करने वाले वो अब जल्द फांसी होगी .

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