Wednesday, 9 November 2011

प्रधानमंत्री को उनकी औकात एक मिनट ने बता दी सी ए जी विनोद रॉय ने ...

प्रधानमंत्री को उनकी औकात एक मिनट ने बता दी सी ए जी विनोद रॉय ने ...
मित्रों कल एक बहुत ही सनसनीखेज खुलासा आर टी आई के द्वारा हुआ है ..


... आप लोगो को याद होगा कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संपादकों के साथ बैठक किया था ..जिसमें उन्होंने रोज नए घोटाले सामने लाने वाले सीएजी के रवैये की आलोचना की।

और कहा था कि आज से पहले कोई भी सी ए जी ने कभी प्रेस कांफ्रेस नहीं की. कोई सी ए जी इतना एक्टिव नहीं हुआ जितना आज के सी ए जी है ..

फिर तो इसके बाद बहुत ही ईमानदार और खुद्दार विनोद जी ने प्रधानमंत्री को एक बहुत ही कड़ी और थप्पड़ वाली भाषा मे एक पत्र लिखा .. और साथ मे भारत के संम्विधन कि एक किताब भी उनको भेजी और कहा कि आप पहले भारत का सम्विभन ठीक से पढ़ ले .. आप किसी के गुलाम हों सकते है लेकिन मै नही ..हों सकता है कि मेरे से पहले सीएजी को अपने कर्तब्यो का बोध ना हों .. आप पहले अपनी कमजोरियों को दूर करे फिर किसी भी संवैधानिक संस्था पर ऊँगली उठाये ..सच तो ये है कि आप आजाद भारत के सबसे कमजोर प्रधानमंत्री साबित हुए है ..

अगर आपको अपने कर्तव्यों का बोध होता तो सुप्रीम कोर्ट आज बार बार नीतिगत निर्णय नहीं लेता .. आज जितने भी घोटाले के आरोपी जेल मे है वो आपकी सरकार की वजह से नहीं है बल्कि सुप्रीम कोर्ट और सुब्रमण्यम स्वामी की सक्रियता की वजह से है ..

इसके बाद ये सख्त चिट्ठी लिखी गई जिसे सूचना के अधिकार कानून का इस्तेमाल करते हुए एनडीटीवी के संवाददाता सिद्धार्थ पांडे ने हासिल किया।

शायद आज तक प्रधानमंत्री को इतना सख्त और कड़ा पत्र लिखने की हिम्मत किसी ने नही किया हों ..लेकिन आज मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री पद की गरिमा को इतना गिरा दिया है फिर हर कोई मंदिर मे टंगे घंटे की तरह वहाँ से गुजरने पर एक बार जरूर बजा देता है

http://khabar.ndtv.com/2011/11
/09001458/CAG-PM-letter-2G.htm
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