Wednesday 9 November 2011

लोकतांत्रिक तरीके से तो कांग्रेस मोदी को इस जन्म मे नहीं हटा सकती ::: अब तो बस कुटिल चाल का ही सहारा है कांग्रेस के पास

लोकतांत्रिक तरीके से तो कांग्रेस मोदी को इस जन्म मे नहीं हटा सकती ::: अब तो बस कुटिल चाल का ही सहारा है कांग्रेस के पास..

गुजरात में लोकायुक्त : लेकिन कांग्रेस सात साल से आर ए मेहता ही को क्यों बनाना चाहती है ?

मित्रों गुजरात मे लोकायुक्त का कानून बीजेपी ने ही पास करवाया था . और लोकायुक्त के नियुक्ति की एक क़ानूनी और संवैधानिक प्रक्रिया है , जिसके तहत राज्य सरकार विपक्ष के नेता , चीफ जस्टिस और केबिनेट [मुख्यमंत्री] की सहमति से राज्यपाल लोकायुक्त की नियुक्ति करते है .
... अतीत मे नरेंद्र मोदी ने सात बार विपक्ष के नेता को लोकायुक्त की चयन प्रक्रिया के लिए बुलाया जिनमे वो सिर्फ तीन बार आये . लेकिन कांग्रेस सिर्फ जस्टिस आर ए मेहता के नाम पर अडी हुयी है . और फिर बाद मे वही हुआ जो कांग्रेस चाहती थी यानि कांग्रेस के ईशारे पर गुजरात की राज्यपाल जो कभी कांग्रेस की नेता थी और आज भी वो राजभवन को कांग्रेस का कार्यालय बना दी है , उन्होंने बिना केबिनेट और मुख्यमंत्री की सहमति से आर ए मेहता को लोकायुक्त पद पर नियुक्ति का वारंट जारी कर दिया ..
आइये जरा आर ए मेहता के बारे मे जान ले
मित्रों जब अन्ना हजारे ने मोदी की खूब तारीफ की थी तब मोदी और हिंदुत्व विरोधी लोग जल भून गए थे और उन लोगो ने अन्ना को गुजरात बुलाया था . जिंसमे मल्लिका साराभाई , मुकुल सिन्हा , तीस्ता जावेद सेतलवाड , जकिया जाफरी , अग्निवेश , शबनम हाश्मी और पूर्व जस्टिस आर ए मेहता भी थे . अन्ना हजारे को तीन दिन आर ए मेहता के बंगले मे ही ठहराया गया था . और अन्ना को मोदी के बारे मे खूब पट्टी पढाई गयी .
आर ए मेहता मूलतः कांग्रेसी है और कांगेस के नेताओ से उनकी खूब दोस्ती है . ये खुलेआम कई बार गुजरात सरकार और मोदी जी के लिए कई बार बयानबाजी कर चुके है .

असल मे गुजरात मे कांग्रेस के नेता सत्ता के बिना तड़प रहे है जैसे कोई खटमल खून चूसने के लिए तडपता है और कांग्रेस ये बात बहुत अच्छी तरह समझ चुकी है की वो लोकतान्त्रिक तरीके से चुनाव के द्वारा इस जन्म मे तो मोदी को कभी हरा नहीं सकती , इसलिए उसने अब बहुत ही घिनौना खेल खेलना शुरू कर दिया है .
मै गुजरात कांग्रेस के नेताओ से निम्न सवाल पूछता हूँ
१- आखिर सिर्फ और सिर्फ आर ए मेहता ही क्यों ? कांग्रेस का आर ए मेहता मे क्या स्वार्थ है ?
२- दिल्ली के लोकायुक्त ने दिल्ली सरकार के तीन मंत्री और खुद शीला दिछित को हटाने की सिपारिश की है इस पर कांग्रेस क्यों नहीं कोई कदम उठती है ?
३- गुजरात कांग्रेस के नेता बार बार सी ए जी के द्वारा कुछ आपतियो को एक बड़े भ्रष्टाचार के तौर पर प्रचारित कर रहे है लेकिन महाराष्ट्र , आंध्र और दिल्ली सरकार पर खामोश क्यों है ? सी ए जी तो इस सरकारों पर भी आपत्ति उठा चुकी है ?

असल मे गुजरात में राज्यपाल के द्वारा कांग्रेस के आदमी को लोकायुक्त के पद पर नियुक्ति आगामी चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस की ओर से चला गया ऐसा गन्दा और कुटिल राजनीतिक दांव है जिसका इस्तेमाल वह 2012 में होनेवाले चुनाव में करना चाहती है. .
राज्य में मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को घेरने के लिए करीब एक लाख करोड़ के झूठे और फर्जी घोटालों की लिस्ट तैयार की गई है और हो सकता है इसमें से चुनाव से पहले कुछ घोटालों की जांच लोकायुक्त शुरू कर दें.

कांग्रेस की असली मंसा अपने पसंद के लोकायुक्त से मोदी को किसी ना किसी झूठे मामले मे फंसाकर मोदी को बदनाम करना है लेकिन कांग्रेस अपनी चालबाजी मे कभी कामयाब नहीं हों पायेगी . क्योकि सुप्रीम कोर्ट ने ठीक इसी तरह के एक मामले सी वी सी की नियुक्ति को लेकर मनमोहन सिंह को फटकार लगा चुकी है .
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले मे साफ साफ कहा है की किसी भी संवैधानिक पद पर नियुक्ति पूरी की पूरी संवैधानिक प्रक्रीया के द्वारा ही हों सकती है .

No comments: