Thursday 3 May 2012

मित्रों गुजराती मे एक कहावत है की किसी रोती हुयी स्त्री और किसी हसते हुए पुरुष पर विश्वास मत करो | यदि कोई स्त्री रोते हुए अपनी बात कहे तो वो बात झूठी ही होगी ..और अगर कोई पुरुष हसते हुए कोई बात कहे तो वो बात झूठी होगी |


हर रोती हुयी स्त्री के पीछे एक त्रिया चरित्र और हर हसते हुए पुरुष के पीछे एक दर्द छुपा होता है |


फिर भी हमारी संसद एक रोती हुयी नौटंकीबाज महिला सांसद की बातों मे कैसे आ गयी ?

आज किसी भी भांड और नीच चैनल ने दाहोद की बदतमीज सांसद की असलियत नही दिखाई .
मित्रों ये चित्र देखिये ये बदतमीज सांसद कैसे एक महिला पुलिस सब इंस्पेक्टर की चोटी कसकर खीच रही है और वो बेचारी इन्सपेक्टर दर्द से कराह रही है |


फिर ये बदतमीज सांसद संसद मे जाकर घडियाली आँसू बहती है और पूरा संसद इस चालबाज और नौटंकीबाज की बातों मे कैसे आ जाता है ?

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