Saturday 26 May 2012

मुर्ख कांग्रेसियो मोदी को वैट कम करने के पहले अपनी नीच केन्द्र सरकार से कहो कि वो जो पेट्रोल पर ४२% विभिन्न टैक्स वसूलती है पहले उसे तो हटाये ..



गुजरात मे तो तो २३% वैट है .. आंध्रप्रदेश मे ४५% वैट है .. महाराष्ट्र मे ३२% वैट है ..

कल महाराष्ट्र के कांग्रेसी मुख्यमंत्री ने साफ साफ कहा कि महाराष्ट्र वैट तभी कम करेगा जब केन्द्र गांरटी दे कि जितने का नुकसान होगा उतने की भरपाई करेगा |


पोती दादी को सीख दे और खुद मजे करे !!!
[राज्य पेट्रो प्रोडक्ट पर वैट कम करे ..केन्द्र नहीं करेगा !!]

सभी मुर्ख कांग्रेसी  पोस्ट कर रहे  है की गुजरात सरकार गैस और पेट्रोल पर राहत क्यों नहीं दे रही है ..


इसके लिए सबसे पहले टैक्स स्ट्रक्चर को समझना होगा ..केंद्र राज्य आयोग के नियम के तहत कुछ टैक्स केंद्र सरकार लेती है और कुछ टैक्स राज्य सरकार ..


लेकिन गैस और पेट्रोल पर २१% एक्साइज ,१३ इम्पोर्ट ड्यूटी ५% तेल के टेंकरों से पोर्ट टैक्स , तथा ७% रिफाइनरीग टैक्स खुद केंद्र सरकार वसूलती है .. राज्य सरकार ८% -३५ % वैट वसूलते है .. अब केंद्र सरकार खुद अपने द्वारा वसूलने वाले टैक्स में कोई राहत क्यों नहीं दे रही है ?? वो राज्यों को क्यो सीख दे रही है ?? इसका जबाब है आज १८ राज्यों में कांग्रेस सत्ता से बहार है और चार राज्यो में वो गठबंधन से सरकार चला रही है .. इसलिए उसने राज्य सरकारों को बदनाम करने के लिए ये सलाह दी है .. अगर कांग्रेस को जनता की चिंता होती तो वो खुद केंद्र सरकार द्वारा वसूले जाने वाले टैक्स को खत्म कर देती ..

अब रही बात गुजरात की .. सब जानते है की यहाँ शराब बंदी है .. दूसरे राज्य जहा शराब बिकती है वहाँ राज्य सरकारे २३% आबकारी कर तथा खरबो रूपये लाइसेन्स फ़ीस के रूप में वसूलती है .. दिल्ली , यूपी महाराष्ट्र या राजस्तान का कुल टैक्स क्लेक्शन का ४०% आय सिर्फ शराब से आता है .. इसलिए यदि ये राज्य पेट्रो प्रोडक्ट पर वैट खत्म भी कर दे तो इनकी आय पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा .. लेकिन गुजरात में सरकार के पास आय का सिर्फ वैट ही एक साधन है इसलिए यदि गुजरात सरकार पेट्रो प्रोडक्ट पर वैट घटाए तो फिर राज्य के विकास के उपर बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा ..

जब गुजरात में शराब बंदी का कानून कांग्रेस के शासन में लागू हुआ था तो एक समझौता केन्द्र और गुजरात सरकार के बीच में हुआ था .. जिसके तहत गुजरात सरकार के कुल खर्च का २१% केंद्र सरकार देगी .बदले में गुजरात सरकार को शराब बंदी लागू करना होगा ..

जब तक गुजरात में कांग्रेस की सरकार थी तब तक तो केंद्र ने अपना वायदा निभाया .. लेकिन अब गुजरात की मोदी सरकार कांग्रेस की आंख में रेती के कण की तरह चुभ रही है , इसलिए केंद्र की कांग्रेस सरकार ने अब समझौते को आगे बढाने से इंकार कर दिया .. ताकि राज्य के सारे विकास के कम रुक जाये और मोदी सरकार को बदनाम करने का मौका मिल जाये ..


लेकिन कांग्रेस ये मानती है की विकास के फंड में से करीब पचास प्रतिशत कांग्रेस के नेता खा जाते है जो गुजरात में नहीं होने पाता .. इसलिए अब उसने गुजरात सरकार की आय को कम करने के लिए एक नया शगूफा छोड़ा है ..


चलो एक पल को मान लेते है कि २१% वैट वसूलने वाली मोदी सरकार जनता को राहत नही दे रही है ..तो फिर ४६% टैक्स वसूलने वाली केन्द्र सरकार क्या सोनिया और राहुल के तलवे चाट रही है ?

आज अगर कांग्रेस चाहे तो गुजरात मे पचास रूपये प्रति लीटर पेट्रोल सस्ता हो सकता है .. फिर चोरों का सरदार अहमद पटेल क्यों नही कम करता ?

मुर्ख कांग्रेसियो दूसरे को सीख देने से अच्छा है कि तुम खुद उसे अमल करो . जनता अब तुम्हारी लुच्चाई समझ चुकी है



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