कांग्रेस के सभी प्रवक्ता सिर्फ और सिर्फ सोनिया और राहुल गाँधी के पालतू कुत्ते है इससे ज्यादा अक्ल उनके पास नही है |
आखिर ये देश की जनता से झूठ क्यों बोल रहे है कि तेल की कीमते बढाने से
सरकार का कोई लेना देना नही है और ये बढोत्तरी तेल कम्पनियों ने अपने मर्जी
से किया है ..
अगर ऐसा है तो फिर संसद के बजट सत्र के दरमियान तेल की कीमते क्यों नही बढाई गयी ?
जब यूपीए के डिनर मे सोनिया, अहमद पटेल, आदि बीफ और पोर्क के बोर्बेकिउ
स्लाइस का मजा उड़ा रहे थे ..देश की आधी जनसंख्या भूखे मर रही है और ये
जश्ने हलाल मना रहे थे ..तब डिनर के समय क्यों नही तेल की मूल्यवृद्धि
क्यों नही की गयी ?
जब पांच राज्यों मे चुनाव थे तब तेल कम्पनियों ने कीमते क्यों नही बढाई ?
इंडियन आयल के चेयरमैन ने खोली सरकार की पोल ::
.
कांग्रेस के मंत्री और खुद मनमोहन सिंह का झूठ आज आई ओ सी के चेयरमैन ने
बेनकाब कर दिया .. कांग्रेस पार्टी झूठ हमेशा बोलती है ..लेकिन इस देश के
प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को इस देश की जनता से झूठ कैसे बोला जा सकता
है ..सरकार बार बार कहती है कि तेल की कीमतों पर उसका वश नहीं है ..लेकिन
जब एक पत्रकार परिषद मे पत्रकारों ने आई ओ सी के चेयरमैन से पेट्रोल के भाव
वृद्धि के बारे मे कई चुभते सवाल पूछने शुरू कर दिए तब उन्होंने साफ़ कर
दिया कि
आई ओ सी कोई प्राइवेट कंपनी नहीं है ..
इसका सम्पूर्ण मलिकी भारत सरकार के हाथ मे है
पेट्रोलियम मंत्री और वित्त मंत्री इसके पदेन निदेशक है
अगर सरकार कहे तो हम आज पेट्रोल की कीमत घटा दे .
उन्होंने साफ कर दिया की पेट्रो पदार्थों के दाम घटाने या बढ़ाने का
निर्णय लेने का सत्ता किसी भी तेल कंपनी के पास नहीं है....केबिनेट [EGoM] ही तेल
की कीमते निर्धारित करता है ..
फिर जब एक पत्रकार ने सवाल किया कि
प्रणव मुखर्जी तो कह रहे है सरकार नहीं बल्कि तेल कम्पनिय दाम बढाती
है....इस पर उन्होंने कहा कि जो भी ऐसा बोलता है वो झूठ बोल रहा है ..
मित्रों इस बारे मे दो महीने पहले ही टाइम्स नाउ ने एक आर टी आई करके
पेट्रोलियम मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय से ये पूछा था कि
१- तेल की कीमतों पर अंतिम निर्णय लेने का किसे अधिकार है ?
२- क्या कोई भी तेल कम्पनी को तेल की कीमते निर्धारित करने का अधिकार है ?
३- सरकार ने तेल उत्पादक देशों को कितनी क्रूड पूल गारंटी ओपेक के द्वारा दी है ?
जबाब खुद कांग्रेस के सफेद झूठ को बेनकाब कर दिया . इस जबाब की कॉपी चैनेल ने बकायदा टेलीकास्ट किया था ..
जबाब था .
१- तेल की कीमतों पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकर सिर्फ केबिनेट के पास है .
२- कोई भी तेल कंपनी अपने मर्जी से भाव निर्धारित नहीं कर सकती .
३- सरकार ने ४०० बिलियन डॉलर क्रूड गारंटी ओपेक को एडवास मे दी है ..जिससे
आज भी सरकार को क्रूड सिर्फ साठ डोलर प्रति बैरेल मे मिलता है ..
यानि अन्तराष्ट्रीय मार्केट मे क्रूड के दर मे वृद्धि का कोई प्रभाव नहीं
पड़ता ..क्योकि सरकार एडवांस मे ही ओपेक से क्रूड बुक करवा लेती है .
यानी मित्रों ये नीच कांग्रेसऔर इसके मंत्री पूरे देश को बरगलाने का काम कर रहे है |
कांग्रेस के सभी प्रवक्ता सिर्फ और सिर्फ सोनिया और राहुल गाँधी के पालतू कुत्ते है इससे ज्यादा अक्ल उनके पास नही है |
आखिर ये देश की जनता से झूठ क्यों बोल रहे है कि तेल की कीमते बढाने से सरकार का कोई लेना देना नही है और ये बढोत्तरी तेल कम्पनियों ने अपने मर्जी से किया है ..
अगर ऐसा है तो फिर संसद के बजट सत्र के दरमियान तेल की कीमते क्यों नही बढाई गयी ?
जब यूपीए के डिनर मे सोनिया, अहमद पटेल, आदि बीफ और पोर्क के बोर्बेकिउ स्लाइस का मजा उड़ा रहे थे ..देश की आधी जनसंख्या भूखे मर रही है और ये जश्ने हलाल मना रहे थे ..तब डिनर के समय क्यों नही तेल की मूल्यवृद्धि क्यों नही की गयी ?
जब पांच राज्यों मे चुनाव थे तब तेल कम्पनियों ने कीमते क्यों नही बढाई ?
इंडियन आयल के चेयरमैन ने खोली सरकार की पोल ::
.
कांग्रेस के मंत्री और खुद मनमोहन सिंह का झूठ आज आई ओ सी के चेयरमैन ने बेनकाब कर दिया .. कांग्रेस पार्टी झूठ हमेशा बोलती है ..लेकिन इस देश के प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को इस देश की जनता से झूठ कैसे बोला जा सकता है ..सरकार बार बार कहती है कि तेल की कीमतों पर उसका वश नहीं है ..लेकिन जब एक पत्रकार परिषद मे पत्रकारों ने आई ओ सी के चेयरमैन से पेट्रोल के भाव वृद्धि के बारे मे कई चुभते सवाल पूछने शुरू कर दिए तब उन्होंने साफ़ कर दिया कि
आई ओ सी कोई प्राइवेट कंपनी नहीं है ..
इसका सम्पूर्ण मलिकी भारत सरकार के हाथ मे है
पेट्रोलियम मंत्री और वित्त मंत्री इसके पदेन निदेशक है
अगर सरकार कहे तो हम आज पेट्रोल की कीमत घटा दे .
उन्होंने साफ कर दिया की पेट्रो पदार्थों के दाम घटाने या बढ़ाने का निर्णय लेने का सत्ता किसी भी तेल कंपनी के पास नहीं है....केबिनेट [EGoM] ही तेल की कीमते निर्धारित करता है ..
फिर जब एक पत्रकार ने सवाल किया कि प्रणव मुखर्जी तो कह रहे है सरकार नहीं बल्कि तेल कम्पनिय दाम बढाती है....इस पर उन्होंने कहा कि जो भी ऐसा बोलता है वो झूठ बोल रहा है ..
मित्रों इस बारे मे दो महीने पहले ही टाइम्स नाउ ने एक आर टी आई करके पेट्रोलियम मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय से ये पूछा था कि
१- तेल की कीमतों पर अंतिम निर्णय लेने का किसे अधिकार है ?
२- क्या कोई भी तेल कम्पनी को तेल की कीमते निर्धारित करने का अधिकार है ?
३- सरकार ने तेल उत्पादक देशों को कितनी क्रूड पूल गारंटी ओपेक के द्वारा दी है ?
जबाब खुद कांग्रेस के सफेद झूठ को बेनकाब कर दिया . इस जबाब की कॉपी चैनेल ने बकायदा टेलीकास्ट किया था ..
जबाब था .
१- तेल की कीमतों पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकर सिर्फ केबिनेट के पास है .
२- कोई भी तेल कंपनी अपने मर्जी से भाव निर्धारित नहीं कर सकती .
३- सरकार ने ४०० बिलियन डॉलर क्रूड गारंटी ओपेक को एडवास मे दी है ..जिससे आज भी सरकार को क्रूड सिर्फ साठ डोलर प्रति बैरेल मे मिलता है ..
यानि अन्तराष्ट्रीय मार्केट मे क्रूड के दर मे वृद्धि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता ..क्योकि सरकार एडवांस मे ही ओपेक से क्रूड बुक करवा लेती है .
1 comment:
throw the congressi bitch in to the bay of bengal & save our country. upa is always telling a lie on every issue. harami.
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