Monday, 9 July 2012

बरखा दत्त के ईशारे पर भडास फॉर मीडिया के सम्पादक यशवंत सिंह को झूठे केस मे गिरफ्तार किया गया है |



मित्रों, कई पत्रकारों ने अपनी तहकीकात मे पाया की असल मे यशवंत सिंह को बरखा दत्त ने अपने रुसूख का इस्तेमाल करके जेल भिजवाया है |
क्योकि बरखा दत्त और निरा रडिया के सारे टेपों को किसी भी मीडिया ने एनडीटीवी और केन्द्र सरकार के दबाव मे आकर नही दिखाया और नही सुनाया ..लेकिन हिम्मती और जुनूनी यशवंत सिंह ने अपनी साईट पर न सिर्फ बरखा दत्त की दलाली करती निरा रडिया से बातचीत बल्कि अमर सिंह के सभी टेपों को भी अपलोड किया और पूरी दुनिया ने इन्हें सुना .. और बेशर्म बरखा दत्त की असलियत पूरी दुनिया के सामने आ गयी ..

मित्रों, बरखा दत्त चूँकि असलियत मे पत्रकार नही बल्कि पत्रकार के भेष मे एक दल्ली और पैसे के लिए सब कुछ बेच देने वाली महिला है .. इसलिए उसका स्वभाव रहा है की वो अपने खिलाफ बोलने वालो से चुन चुन कर बदला लेती है ..

उसने अपने खिलाफ लिखने वाले एक ब्लोगर चैतन्य को ६० मुकदमो के फसा दिया जिससे वो बेचारा नीदरलैंड चला गया और वहाँ शरण ले ली

फिर इंडिया गेट पर एक टाक शो मे बरखा दत्त को हूटिंग और नारेबाजी करके चालू कार्यक्रम के दौरान भागने पर मजबूर करने वाले आईआईमसी के पत्रकारीता के छात्र योगेश शीतल को कोलेज से निकलवाने का आदेश करवा दिया |

असल मे बरखा दत्त के टेप के सामने आने से पूरी मीडिया जगत बदनाम हो गयी है | और फिर एनडीटीवी के चैयरमैन प्रणव रॉय के द्वारा बरखा दत्त को निकालने के बजाय प्रोमोशन दिये जाने से पूरी मीडिया जगत और भी ज्यादा बदनाम हो गयी ..

पूरे देश को पता चल गया कि हर रोज चैनलों मे दूसरे के कमियों को उजागर करने वाले, दूसरे को सद्चरित्र के उपदेश देने वाले , और दूसरे को सुधरने की बात करने वाले ये टाई वाले पत्रकार असल मे पत्रकार के भेष मे छुपे हुए एक दलाल है जिनका काम पत्रकारीता नही बल्कि पैसे और रुसूख के लिए सत्ता पक्ष की दलाली करना है |

मित्रों, जैसे गली के कुत्ते वैसे तो आपस मे लड़ते झगड़ते रहते है .. एक दूसरे पर भौकते रहते है .. लेकिन अगर कुत्तों के झुण्ड के सामने कोई शेर या दूसरा जानवर आ जाये तो ये सारे कुत्ते अपनी आपस की दुश्मनी भुलाकर एक हो जाते है ..आज ठीक यही हाल भारत के सारे चनेलो का है |

निरा रडिया के टेप से कुल तीन पत्रकारों के चेहरे से नकाब उतर गया . बरखा दत्त. प्रभु चावला और वीर संघवी .. लेकिन मीडिया जगत इनको सजा देने के बजाय पूरी शिद्दत से इन दलालों के साथ खड़े रहे |

अगर किसी नेता की कोई सीडी सामने आती है तो ये नीच चैनेल सारा दिन भौक भौक कर उसे इस्थीपा देने पर मजबूर कर देते है .. लेकिन जब पत्रकारों की सीडी सामने आती है और बकायदा फोरेंसिक जाँच मे सच पाई जाती है और उसी सीडी के आधार पर निरा रडिया पर करवाई होती है ए राजा और कनिमोझी जेल जाते है .लेकिन बरखा दत्त सहित दूसरे पत्रकार मजे से ऐश करते है

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