ये टाइम मैग्जीन किस भोदू युवराज से नरेंद्र मोदी की तुलना कर रहा है ?
मित्रों , अभी अपने ताजा अंक मे टाइम ने नरेंद्र मोदी जी की तुलना राहुल गाँधी से की है और लिखा है कि नरेंद्र मोदी अगर मुकाबले मे आ जाये तो राहुल गाँधी प्रधानमंत्री नही बन सकते है |
नरेंद्र भाई और राहुल की तुलना हास्यास्पद है मोदी जी ने अपनी प्रशासनिक योग्यता को प्रमाणित किया है , देश के विकास के लिए उनके पास स्पष्ट सोच है वे संकीर्ण बातो से उपर उठकर भारत के भविष्य का सपना देखते है उन्होने पिछले 10 सालो से गुजरात का सर्वांगींण विकास करके साबित कर दिया है की वे देश के नेतृत्व के लिए सबसे योग्य नेता है |
वही राहुल पिछले 10 सालो मे जनता को प्रभावित करने मे असफल रहे है | वे कॉंग्रेस के धूर्त और घाघ नेताओ के चंगुल मे फंसकर वोट बैंक की राजनीति मे उलझ गये है | राष्ट्र की ज्वलंत समस्याओ के बारे मे उनकी सोच स्पष्ट नही है , वे केवल लिखा हुआ भाषण पद सकते है | वे सोचते है की नेहरू गाँधी खानदानका करिश्मा ही उनको प्रधानमंत्री बनाने के लिए काफ़ी है | राहुल जी को यह समझ्न चाहिए की अब जनता की युवा शक्ति को बेवकूफ़ नही बना सकते यह बात बिहार और यू पी की जनता ने उनको बता दी है |
राहुल गाँधी की सबसे बड़ी योग्यता ये है कि उनके नाम मे "गाँधी " पैदा होते ही जुड़ गया इसके आलावा आज पूरे देश को राहुल गाँधी मे कोई योग्यता नजर नही आती | केम्ब्रिज युनिवर्सिटी ने उनकी एमफिल की डिग्री को फर्जी करार दिया है .. और एमफिल करने से पहले राहुल गाँधी ने अपनी मास्टर डिग्री कब कहा और किस संस्थान से ली है ये किसी को नही पता |
पिछले आठ सालो मे संसद मे सिर्फ तीन सवाल उन्होंने पूछे है | और अपनी सांसद विकास निधि का १०% भी वो विकास कामो पर खर्च नही कर पाए | जो इंसान अपने निर्वाचन छेत्र का विकास नही कर सका वो पूरे देश का विकास कैसे करेगा ? यही कारण है कि यूपी के चुनावो मे राहुल गाँधी अपनी परंपरागत जिले रायबरेली और अमेठी मे एक सीट नही जीत पाए |
वही दूसरी तरफ नरेंद्र भाई एक बहुत ही गरीब और पिछड़े जाति मे पैदा हुए और बचपन मे हर कदम पर संघर्ष किया | पिता जी वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते थे और मोदी जी भी उनके कामो मे हाथ बटाते थे | जब १९६२ मे चीन युद्ध हुआ तब मोदी जी १२ साल के थे और मेहसाना रेलवे स्टेशन पर सैनिको को पानी और चाय पिलाकर उनकी सेवा करते थे | इस काम के लिए उनको रेलवे से एक प्रशस्ति पत्र भी मिला |
इस तरह संघर्ष करते हुए उन्होंने एमए तक पढाई की |
फिर जब इंदिरा गाँधी ने इमरजेंसी लगाया तब मोदी जी को गिरफ्तार कर लिया गया था और वो पूरे १७ महीने जेल मे रहे और उस समय के जेलर ने लिखा है कि मोदी जी जेल मे खूब किताबे पढते थे |
मोदी जी को अब तक जितनी भी जिम्मेदारीयां दी गयी है वो उन्होंने बखूबी निभाई है चाहे संघ मे प्रचारक की जिम्मेदारी हों या बीजेपी मे संगठन की | जब उनको गुजरात बीजेपी का महामंत्री बनाया गया था तब उन्होंने अपने कुशल लीडरशिप और संगठन के दम पर पहली बार गुजरात मे बीजेपी को पूर्ण बहुमत दिलाई थी | और केशुभाई पटेल मुख्यमंत्री बने .. लेकिन कुछ समय के बाद बीजेपी के ही एक सांसद शंकर सिंह वाघेला जो कांग्रेस के एक एजेंट बन गए थे उनको कांग्रेस ने केशूभाई पटेल के पीठ मे छुरा भोकने के लिए राजी कर लिया था और शंकर सिंह वाघेला ने ४० विधायको के साथ केशूभाई के खिलाफ बगावत करवा दी | हलाकि बाद मे सुरेश मेहता को मुख्यमंत्री बनाकर इस बगावत को शांत कर दिया गया |
फिर नरेन्द्र मोदी जी बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री और गुजरात राज्य के मुख्य सगठन प्रभारी बना दिये गए . और अगले चुनाव मे गुजरात मे बीजेपी ने फिर से पूर्ण बहुमत हासिल किया और केशूभाई पटेल मुख्यमंत्री बने |
लेकिन जब गुजरात मे भयानक भूकम्प आया तो गुजरात मे पूरी तरह से अव्यवस्था फ़ैल गयी . इसलिए पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया |
मुख्यमंत्री बनते ही मोदी जी ने स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रण मे ले लिया और रात दिन भूकम्प प्रभावित छेत्रो का दौरा करते रहे |
सूरत मे आयी भयंकर बाढ़ के समय भी मोदी जी पूरे चार दिनों तक बोट पर पूरे सूरत मे राहत कार्यों का जायजा लेते रहे |
मित्रों , टाइम मैग्जीन ने ये भी लिखा है जिसकी चर्चा गुजरात के लोग अक्सर करते है कि मोदी जी के सगे भाई गुजरात सरकार के एक विभाग मे क्लर्क है और आजतक उन्होंने मुख्यमंत्री ऑफिस का दरवाजा तक नही देखा होगा | उनके एक भाई राशन की दुकान चलाते है .. उनके दोनों भाइयो के पास अपना खुद का कोई वाहन तक नही है और वो लोग सिटी बस मे सफर करते है | मोदी जी सिर्फ अपने माँ से ही मिलते है |
टाइम ने लिखा है कि आज जब भारत के सभी राजनेता भारत को लूटने के व्यस्त है और हर एक राजनेता के भाई भतीजे सत्ता की मलाई चाट रहे है ऐसे मे मोदी जी का ये कार्य एक उदाहरण है और पूरे विश्व के नेताओ को मोदी जी से ये सीख लेनी चाहिए |
मित्रों , कुछ समय पूर्व गुजरात मोदी जाति समाज के अध्यक्ष ने कहा था कि वो एक बार मोदी जी से मोदी समाज भवन के निर्माण के लिए मिलने गए थे . लेकिन मोदी जी ने कहा कि वो ऐसी किसी भी जातिवादी कार्यों को पसंद नही करते |
आज राहुल गाँधी ने इस देश या अपनी खुद की पार्टी के लिए ऐसा क्या किया है कि उनको लोग याद करे ? हर समय अहमद पटेल जैसे दलाल चमचो और दिग्विजय सिंह जैसे देशद्रोही लोगो से घिरे रहने वाले राहुल गाँधी को हर राज्यों मे ठुकराया गया है |
बिहार मे राहुल गाँधी ने खूब नौटकीं की और सिर्फ ४ सीटें आई | इसके पहले गुजरात मे भी राहुल गाँधी ने खूब नौटकीं की थी ..और अभी हाल मे यूपी मे तो राहुल गाँधी ने नौटकींबाजी की पराकाष्टा कर दी थी और जिसके कारण उन्हें करारी हार का मुंह देखना पड़ा |
अब इस देश की जनता जागृत हों चुकी है और उसे मीडिया और न्यू मीडिया के माध्यम से सच्चाई का पता चल जाता है इसलिए अब इस देश मे हर एक नौटकींबाज़ नेता का हाल राहुल गाँधी जैसा ही होगा |
मित्रों , अभी अपने ताजा अंक मे टाइम ने नरेंद्र मोदी जी की तुलना राहुल गाँधी से की है और लिखा है कि नरेंद्र मोदी अगर मुकाबले मे आ जाये तो राहुल गाँधी प्रधानमंत्री नही बन सकते है |
नरेंद्र भाई और राहुल की तुलना हास्यास्पद है मोदी जी ने अपनी प्रशासनिक योग्यता को प्रमाणित किया है , देश के विकास के लिए उनके पास स्पष्ट सोच है वे संकीर्ण बातो से उपर उठकर भारत के भविष्य का सपना देखते है उन्होने पिछले 10 सालो से गुजरात का सर्वांगींण विकास करके साबित कर दिया है की वे देश के नेतृत्व के लिए सबसे योग्य नेता है |
वही राहुल पिछले 10 सालो मे जनता को प्रभावित करने मे असफल रहे है | वे कॉंग्रेस के धूर्त और घाघ नेताओ के चंगुल मे फंसकर वोट बैंक की राजनीति मे उलझ गये है | राष्ट्र की ज्वलंत समस्याओ के बारे मे उनकी सोच स्पष्ट नही है , वे केवल लिखा हुआ भाषण पद सकते है | वे सोचते है की नेहरू गाँधी खानदानका करिश्मा ही उनको प्रधानमंत्री बनाने के लिए काफ़ी है | राहुल जी को यह समझ्न चाहिए की अब जनता की युवा शक्ति को बेवकूफ़ नही बना सकते यह बात बिहार और यू पी की जनता ने उनको बता दी है |
राहुल गाँधी की सबसे बड़ी योग्यता ये है कि उनके नाम मे "गाँधी " पैदा होते ही जुड़ गया इसके आलावा आज पूरे देश को राहुल गाँधी मे कोई योग्यता नजर नही आती | केम्ब्रिज युनिवर्सिटी ने उनकी एमफिल की डिग्री को फर्जी करार दिया है .. और एमफिल करने से पहले राहुल गाँधी ने अपनी मास्टर डिग्री कब कहा और किस संस्थान से ली है ये किसी को नही पता |
पिछले आठ सालो मे संसद मे सिर्फ तीन सवाल उन्होंने पूछे है | और अपनी सांसद विकास निधि का १०% भी वो विकास कामो पर खर्च नही कर पाए | जो इंसान अपने निर्वाचन छेत्र का विकास नही कर सका वो पूरे देश का विकास कैसे करेगा ? यही कारण है कि यूपी के चुनावो मे राहुल गाँधी अपनी परंपरागत जिले रायबरेली और अमेठी मे एक सीट नही जीत पाए |
वही दूसरी तरफ नरेंद्र भाई एक बहुत ही गरीब और पिछड़े जाति मे पैदा हुए और बचपन मे हर कदम पर संघर्ष किया | पिता जी वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते थे और मोदी जी भी उनके कामो मे हाथ बटाते थे | जब १९६२ मे चीन युद्ध हुआ तब मोदी जी १२ साल के थे और मेहसाना रेलवे स्टेशन पर सैनिको को पानी और चाय पिलाकर उनकी सेवा करते थे | इस काम के लिए उनको रेलवे से एक प्रशस्ति पत्र भी मिला |
इस तरह संघर्ष करते हुए उन्होंने एमए तक पढाई की |
फिर जब इंदिरा गाँधी ने इमरजेंसी लगाया तब मोदी जी को गिरफ्तार कर लिया गया था और वो पूरे १७ महीने जेल मे रहे और उस समय के जेलर ने लिखा है कि मोदी जी जेल मे खूब किताबे पढते थे |
मोदी जी को अब तक जितनी भी जिम्मेदारीयां दी गयी है वो उन्होंने बखूबी निभाई है चाहे संघ मे प्रचारक की जिम्मेदारी हों या बीजेपी मे संगठन की | जब उनको गुजरात बीजेपी का महामंत्री बनाया गया था तब उन्होंने अपने कुशल लीडरशिप और संगठन के दम पर पहली बार गुजरात मे बीजेपी को पूर्ण बहुमत दिलाई थी | और केशुभाई पटेल मुख्यमंत्री बने .. लेकिन कुछ समय के बाद बीजेपी के ही एक सांसद शंकर सिंह वाघेला जो कांग्रेस के एक एजेंट बन गए थे उनको कांग्रेस ने केशूभाई पटेल के पीठ मे छुरा भोकने के लिए राजी कर लिया था और शंकर सिंह वाघेला ने ४० विधायको के साथ केशूभाई के खिलाफ बगावत करवा दी | हलाकि बाद मे सुरेश मेहता को मुख्यमंत्री बनाकर इस बगावत को शांत कर दिया गया |
फिर नरेन्द्र मोदी जी बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री और गुजरात राज्य के मुख्य सगठन प्रभारी बना दिये गए . और अगले चुनाव मे गुजरात मे बीजेपी ने फिर से पूर्ण बहुमत हासिल किया और केशूभाई पटेल मुख्यमंत्री बने |
लेकिन जब गुजरात मे भयानक भूकम्प आया तो गुजरात मे पूरी तरह से अव्यवस्था फ़ैल गयी . इसलिए पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया |
मुख्यमंत्री बनते ही मोदी जी ने स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रण मे ले लिया और रात दिन भूकम्प प्रभावित छेत्रो का दौरा करते रहे |
सूरत मे आयी भयंकर बाढ़ के समय भी मोदी जी पूरे चार दिनों तक बोट पर पूरे सूरत मे राहत कार्यों का जायजा लेते रहे |
मित्रों , टाइम मैग्जीन ने ये भी लिखा है जिसकी चर्चा गुजरात के लोग अक्सर करते है कि मोदी जी के सगे भाई गुजरात सरकार के एक विभाग मे क्लर्क है और आजतक उन्होंने मुख्यमंत्री ऑफिस का दरवाजा तक नही देखा होगा | उनके एक भाई राशन की दुकान चलाते है .. उनके दोनों भाइयो के पास अपना खुद का कोई वाहन तक नही है और वो लोग सिटी बस मे सफर करते है | मोदी जी सिर्फ अपने माँ से ही मिलते है |
टाइम ने लिखा है कि आज जब भारत के सभी राजनेता भारत को लूटने के व्यस्त है और हर एक राजनेता के भाई भतीजे सत्ता की मलाई चाट रहे है ऐसे मे मोदी जी का ये कार्य एक उदाहरण है और पूरे विश्व के नेताओ को मोदी जी से ये सीख लेनी चाहिए |
मित्रों , कुछ समय पूर्व गुजरात मोदी जाति समाज के अध्यक्ष ने कहा था कि वो एक बार मोदी जी से मोदी समाज भवन के निर्माण के लिए मिलने गए थे . लेकिन मोदी जी ने कहा कि वो ऐसी किसी भी जातिवादी कार्यों को पसंद नही करते |
आज राहुल गाँधी ने इस देश या अपनी खुद की पार्टी के लिए ऐसा क्या किया है कि उनको लोग याद करे ? हर समय अहमद पटेल जैसे दलाल चमचो और दिग्विजय सिंह जैसे देशद्रोही लोगो से घिरे रहने वाले राहुल गाँधी को हर राज्यों मे ठुकराया गया है |
बिहार मे राहुल गाँधी ने खूब नौटकीं की और सिर्फ ४ सीटें आई | इसके पहले गुजरात मे भी राहुल गाँधी ने खूब नौटकीं की थी ..और अभी हाल मे यूपी मे तो राहुल गाँधी ने नौटकींबाजी की पराकाष्टा कर दी थी और जिसके कारण उन्हें करारी हार का मुंह देखना पड़ा |
अब इस देश की जनता जागृत हों चुकी है और उसे मीडिया और न्यू मीडिया के माध्यम से सच्चाई का पता चल जाता है इसलिए अब इस देश मे हर एक नौटकींबाज़ नेता का हाल राहुल गाँधी जैसा ही होगा |
No comments:
Post a Comment