सुषमा स्वराज जी के राजघाट पर देश भक्ति के गीत पर नृत्य करने पर कांग्रेसियों और ख़ास कर दिग्विजय सिंह ने बहुत हल्ला मचाया था और भाजपा को नचनियों... की पार्टी तक कह डाला था |
मुझे उसी समय राजघाट की एक घटना स्मरण हो आई ... बात 2 मार्च 2006 की है जब जार्ज बुश भारत यात्रा पर था और दिल्ली में उसने राजघाट पर गाँधी की समाधि पर फूल चडाने जाना चढाने जाना था उसके वहां पहुचने से लघभग 2 घंटे पहले अमेरिका ख़ुफ़िया एजेंसियों ने बम निरोधक दस्ते के खोजी कुत्तों के पुरे राज घाट को खाली करा कर वहां तलाशी अभियान शुरू कर दिया हद तो तब हो गयी जब खोजी कुत्ते गाँधी समाधी को सूंघ सूंघ कर उसकी तलाशी लेते रहे और वहां मोजूद कांग्रेसी और भारतीय अधिकारी आपस में ठहाके लगाते रहे | उस दिन मुझे पहली बार लगा था की किसी भी दिन ये कांग्रेसी अपनी माँ बहिन को बेच कर विदेश भाग सकते है क्योकि जिस गांधी के दम पर ये आज तक राज करते आये है उस गाँधी को इन्होने कुत्तों के लिए छोड़ दिया और साथ ही विश्व भर में भारत के तथाकथित राष्ट्रपिता का अपमान करा कर भारत की नाक कटवा दी ||
इतना ही नही इन स्निफर कुत्तों को गाँधी जी के समाधि पर चढाकर भी सूंघाया गया |
आज जब इस घटना का स्मरण हुआ तो सोचा की आप सब को इस घटना के विषय में बता दूँ ||
खुद सोचिये जो कांग्रेस गांधी की ना हो सकी वो आपकी ,मेरी या आम गरीब जनता की क्या होगी ??
मुझे उसी समय राजघाट की एक घटना स्मरण हो आई ... बात 2 मार्च 2006 की है जब जार्ज बुश भारत यात्रा पर था और दिल्ली में उसने राजघाट पर गाँधी की समाधि पर फूल चडाने जाना चढाने जाना था उसके वहां पहुचने से लघभग 2 घंटे पहले अमेरिका ख़ुफ़िया एजेंसियों ने बम निरोधक दस्ते के खोजी कुत्तों के पुरे राज घाट को खाली करा कर वहां तलाशी अभियान शुरू कर दिया हद तो तब हो गयी जब खोजी कुत्ते गाँधी समाधी को सूंघ सूंघ कर उसकी तलाशी लेते रहे और वहां मोजूद कांग्रेसी और भारतीय अधिकारी आपस में ठहाके लगाते रहे | उस दिन मुझे पहली बार लगा था की किसी भी दिन ये कांग्रेसी अपनी माँ बहिन को बेच कर विदेश भाग सकते है क्योकि जिस गांधी के दम पर ये आज तक राज करते आये है उस गाँधी को इन्होने कुत्तों के लिए छोड़ दिया और साथ ही विश्व भर में भारत के तथाकथित राष्ट्रपिता का अपमान करा कर भारत की नाक कटवा दी ||
इतना ही नही इन स्निफर कुत्तों को गाँधी जी के समाधि पर चढाकर भी सूंघाया गया |
आज जब इस घटना का स्मरण हुआ तो सोचा की आप सब को इस घटना के विषय में बता दूँ ||
खुद सोचिये जो कांग्रेस गांधी की ना हो सकी वो आपकी ,मेरी या आम गरीब जनता की क्या होगी ??
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