आज गुजरात के संदेश अखबार जिसका असल मलिक अहमद पटेल है उसने कल गाँधीनगर मे किसान सम्मेलन के नाम पर रैली निकाल रहे कांग्रेसियो जो आते जाते वाहनों को रोककर तोड़फोड़ कर रहे थे और उपचुनाव होने की वजह से चुनाव आयोग के आचार संहिता का खुलेआम उलंघन कर रहे थे उनको हटाने के लिए आँसू गैस के गोले छोड़े तो इसे मोदी सरकार का अत्याचार बता रहा है |
मित्रों , ये गुजरात के कांग्रेसी २३ साल से सत्ता से बाहर रहने के कारण "खुराक" नही मिलने की वजह से अपना मानसिक संतुलन खो बैठे है और गुजरात मे गुंडागर्दी पर उतर आये है |
इनलोगों ने सडको पर "मोदी सरकार जबाब दो हिसाब दो " नाम से एक लुक्खागिरी बाते कर रहे है ..
क्या झूठवाडिया और भागेला और पिघेल इन बातों का जबाब देंगे ?
१- अगर कांग्रेस को सच मे राज्य सरकार से जबाब चाहिए तो आपलोग क्या विधान सभा मे आलू छिलते है ? आजकल गुजरात विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है तो फिर आप विधान सभा मे सरकार से सवाल क्यों नही पूछते ? जब अन्ना ने कई पार्टियो के प्रतिनिधिओ को अपने मंच पर बुलाया था तब कांग्रेस ने कहा था कि कांग्रेस सिर्फ लोकत्रंत और संसद को मानती है सड़क को नही ..तो फिर आपलोग ये दोगली हरकते क्यों कर रहे है ? केन्द्र की कांग्रेस संसद को मानती है और गुजरात कांग्रेस सड़क को ये दोगलापन क्यों ?
२- जब राजबाला को आधी रात को लाठियो से पीट पीट कर मौत के घाट आपनी केन्द्र की कांग्रेस सरकार ने उतार दिया था तब कांग्रेस कहती है कि लोकतन्त्र मे धरना प्रदर्शन की इजाजत नही है और जो भी धारा १४४ तोडेगा वो उसकी सजा भुगतेगा .. फिर जब गुजरात कांग्रेस के लोग उपचुनाव होने की वजह से धारा १४४ तोडेगे तो क्या उन्हें फुल माला देनी चाहिए ?
३- कांग्रेसी हर साल गुजरात के किसी ना किसी योजना मे भ्रष्टाचार की शिकायत लेकर सोनिया गाँधी और उनके राजनितिक सचिव अहमद पटेल के दरबार मे गुहार लगाते रहते है और केन्द्र सरकार हर महीने किसी ना किसी केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल को गुजरात की किसी न किसी योजना का आडिट करने भेजता है |
आजकल पिछले एक हप्तो से जनरुम योजना मे कांग्रेस के द्वारा लगाये गए भ्रष्टाचार के आरोप की जाँच करने केन्द्र सरकार की विशेष टीम अहमदाबाद आयी है ..वो लोग निर्माण कार्य के जगह से सैम्पल लेकर उसकी फेरेंसिक जाँच तक करवा रहे है ताकि ये पता चल सके कितना सीमेंट है और कितना रेती और एक एक फाइलों और ठेके के कागजातों को केन्द्र सरकार खंगाल रही है ..लेकिन क्या मिला ?
इसके पहले गुजरात कांग्रेस ने सुजलाम सुफलाम योजना जिसमे गुजरात की नदियो को इंटरकनेक्ट किया गया है उसमे भ्रस्टाचार की शिकायत सोनिया गाँधी से की थी और मोदी जी वैसे भी सोनिया के आँखों मे रेती की तरह चुभते है . सोनिया गाँधी ने तुरंत १० सदस्यीय उच्च स्तरीय केद्रीय टीम गुजरात जाँच के लिए भेजी | लेकिन उसी टीम ने सुजलाम सुफलाम योजना की तारीफ करते हुए उसे दूसरे राज्यों को भी अपनाने की सलाह दी | बेचारे कांग्रेसी छूप गए थे |
फिर गुजरात कांग्रेस ने अहमदाबाद मे साबरमती रिवर फ्रंट योजना मे भ्रस्टाचार की शिकायत सोनिया गाँधी से की थी फिर तुरत केंद्रीय टीमआयी और चुपचाप जाँच करके वापस चली गयी |
मित्रों गुजरात कांग्रेस ने नेताओ की हालात हम उस कु.... से कर सकते है जो २३ साल से भूखा हों और उसके सामने मलाई रखी हों ... सोचिये बेचारो की क्या हालत होगी ?
४- गांधीनगर मे मानसा विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीख चुनाव आयोग घोषित कर चूका है . कांग्रेस को जिला कलेक्टर जो की चुनाव अखिकारी भी होते है उनसे सिर्फ एक किसान सम्मेलन की अनुमति मिली थी और खुद गुजरात कांग्रेस ने अपने आवेदन मे कलेक्टर से किसान सम्मेलन की अनुमति मांगी थी ..फिर उसके बाद हिंसक रैली निकालने लगे और उसे प्रतिवंधित छेत्र यानी विधानसभा का घेराव करने लगे फिर चुनाव अधिकारी के आदेश पर इनके उपर करवाई हुई है |
मित्रों , हम सब लोगो को गुजरात के कांग्रेस नेताओ के मानसिक बीमारी को जल्द से जल्द ठीक हो जाने की प्रार्थना ईश्वर से करनी चाहिए .. आप सोचिये २३ साल से सत्ता की तडप कितनी भयानक होगी ?
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