Saturday, 31 March 2012

महाझूठा झूठवाडिया ने फिर ओरल डायरिया किया है की गुजरात सरकार गोवा की तरह गैस और डीजल पेट्रोल पर राहत क्यों नहीं दे रही है ..


झूठवाडिया पहले अपने केन्द्र सरकार को तो बोलो वो पेट्रो प्रोडक्ट पर वसूलने वाले अपने टैक्स खत्म कर दे ..


मित्रों एक खबर जो नही बताई जा रही है कि गोवा सरकार के आमदनी का सबसे बड़ा स्रोत केसिनो पर लगने वाले टैक्स है .. जिसमे विदेशी से ४०० रूपये और भारतीय से १२० रूपये सरकार प्रवेश शुल्क वसूलती है |

फिर केसिनो मे जितने वाली रकम पर सरकार ४५% विदेशियों से और २१ % भारतीयों से टैक्स वसूलती है |

झूठवाडिया पहले ये तो बताओ की कांग्रेस शाषित राज्यों मे कांग्रेस पेट्रो प्रोडक्ट पर वैट क्यों वसूल रही है ? क्या दिल्ली , महाराष्ट्र , हरियाणा , राजस्थान मे डीजल या पेट्रोल गुजरात से सस्ता है ?

पोती दादी को सीख दे और खुद मजे करे !!!

[राज्य पेट्रो प्रोडक्ट पर वैट कम करे ..केन्द्र नहीं करेगा !!]

इसके लिए सबसे पहले टैक्स स्ट्रक्चर को समझना होगा ..केंद्र राज्य आयोग के नियम के तहत कुछ टैक्स केंद्र सरकार लेती है और कुछ टैक्स राज्य सरकार ..

लेकिन गैस और पेट्रोल पर २१ % एक्साइज ,१३ इम्पोर्ट ड्यूटी ५% तेल के टेंकरों से पोर्ट टैक्स , १२% सैनवेट २% एडुकेशनल सेस तथा ७% रिफाइनरीज मार्जिन टैक्स तथा ४% डीलर कमीशन खुद केंद्र सरकार वसूलती है ..

इतना ही नही क्रूड का कोई भी बाई प्रोडक्ट फेका नही जाता बल्कि कई बाई प्रोडक्ट तो पेट्रोल से भी महंगे बेचे जाते है |

बेंजीन , टालूइन , कोलतार , केरोसिन , पॉलिएस्टर फाइबर आदि चीजे बेच कर केन्द्र सरकार पेट्रोल और डीजल की कई गुणा कीमत पहले ही वसूल लेती है ..

इसका सीधा गणित है :-

एक बैरल [९८६ लीटर ] क्रूड जो आज १०२ $ का है

इसमें कुल

२०९ लीटर केरोसिन
३ लीटर बेंजीन
१५८ लीटर पेट्रोल
१९० लीटर डीजल
२९ घन मीटर गैस
४० किलो कोलतार
२० लीटर एटीएफ्

मिलते है .. फिर आप सोचिये की कांग्रेस हमे कैसे मुर्ख बनाती है ?

अलग अलग राज्य सरकार २१ % -२८ % वैट वसूलते है ..

केवल गोवा को छोडकर जहां सिर्फ .८% ही वैट है |

अब केंद्र सरकार खुद अपने द्वारा वसूलने वाले टैक्स में कोई राहत क्यों नहीं दे रही है ?? वो राज्यों को क्यो सीख दे रही है ?? इसका जबाब है आज १८ राज्यों में कांग्रेस सत्ता से बहार है और चार राज्यो में वो गठबंधन से सरकार चला रही है .. इसलिए उसने राज्य सरकारों को बदनाम करने के लिए ये सलाह दी है .. अगर कांग्रेस को जनता की चिंता होती तो वो खुद केंद्र सरकार द्वारा वसूले जाने वाले टैक्स को खत्म कर देती ..

अब रही बात गुजरात की .. सब जानते है की यहाँ शराब बंदी है .. दूसरे राज्य जहा शराब बिकती है वहाँ राज्य सरकारे २३% आबकारी कर तथा खरबो रूपये लाइसेन्स फ़ीस के रूप में वसूलती है .. दिल्ली , यूपी महाराष्ट्र या राजस्तान का कुल टैक्स क्लेक्शन का ४०% आय सिर्फ शराब से आता है .. इसलिए यदि ये राज्य पेट्रो प्रोडक्ट पर वैट खत्म भी कर दे तो इनकी आय पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा .. लेकिन गुजरात में सरकार के पास आय का सिर्फ वैट ही एक साधन है इसलिए यदि गुजरात सरकार पेट्रो प्रोडक्ट पर वैट घटाए तो फिर राज्य के विकास के उपर बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा ..

जब गुजरात में शराब बंदी का कानून कांग्रेस के शासन में लागू हुआ था तो एक समझौता केन्द्र और गुजरात सरकार के बीच में हुआ था .. जिसके तहत गुजरात सरकार के कुल खर्च का २१% केंद्र सरकार देगी .बदले में गुजरात सरकार को शराब बंदी लागू करना होगा ..

जब तक गुजरात में कांग्रेस की सरकार थी तब तक तो केंद्र ने अपना वायदा निभाया .. लेकिन अब गुजरात की मोदी सरकार कांग्रेस की आंख में रेती के कण की तरह चुभ रही है , इसलिए केंद्र की कांग्रेस सरकार ने अब समझौते को आगे बढाने से इंकार कर दिया .. ताकि राज्य के सारे विकास के कम रुक जाये और मोदी सरकार को बदनाम करने का मौका मिल जाये ..

लेकिन कांग्रेस ये मानती है की विकास के फंड में से करीब पचास प्रतिशत कांग्रेस के नेता खा जाते है जो गुजरात में नहीं होने पाता .. इसलिए अब उसने गुजरात सरकार की आय को कम करने के लिए एक नया शगूफा छोड़ा है ..

1 comment:

dev said...

Great Modiji and great man you are !! Mr Singh