Friday 9 March 2012

सोनिया गाँधी किस हैसियत से भारतीय वायुसेना के विमानों और हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल करती है ?

सोनिया गाँधी किस हैसियत से भारतीय वायुसेना के विमानों और हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल करती है ?

क्या एक सांसद जब चाहे तब मनमाने ढंग से वायुसेना के विमानों और हेलीकॉप्टरों का अपने निजी काम या अपने पार्टी के प्रचार के लिए कर सकता है ?

मित्रों आज ही मैंने वायुसेना को एक पत्र लिखकर पूछा है कि आखिर सोनिया गाँधी अपने हर दौरे पर चाहे वो निजी हों या उनकी पार्टी का चुनाव प्रचार हों वो किस हैसियत से हमारे सेन...ा के महगे विमान और हेलीकाप्टरों का इस्तेमाल करती है ? चुनी सेना के किसी भी अंग से हम आरटीआई से कोई भी जानकारी नहीं मांग सकते इसलिए मैंने एक पत्र लिखा ..


मित्रों , भारत मे सोनिया गाँधी किसी भी संवैधानिक पद पर नहीं है . उनकी हैसियत सिर्फ एक सांसद की है . और प्रोटोकाल के अनुसार सिर्फ पांच गैर सेना के लोग ही वायुसेना के विमानों और हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल कर सकते है ..

१- भारत के राष्ट्रपति जो भारत के सेनाओं के पदेन चीफ होते है
२- भारत का प्रधानमंत्री
३- गृहमंत्री
४- उपराष्ट्रपति
५- रक्षा मंत्री

किसी विशेष और आपात परिस्थिति मे राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस्तेमाल कर सकते है

मित्रों , सेना के हेलीकाप्टर चूँकि लड़ाई के लिए बने होते है इसलिए इनको बहुत ही दुर्गम परिस्थितियों के लिए बनाया जाता है . इनमे चार इंजन होते है . इसलिए इनको उड़ाना बहुत ही खर्चीला होता है ..
मै ही नही पूरा देश टीवी पर हर रोज देखता है कि सोनिया गाँधी जहाँ भी जाती है सेना का सबसे बड़ा और सबसे खर्चीला अपाचे हेरिसन हेलीकाप्टर या फिर सेना का बोम्बार्डियर लीनियर जेट ६५७ लेकर ही जाती है .. अपाचे हेलीकाप्टर एक घंटे मे दो हज़ार लीटर जेट फुएल लेता है . यानी पाइलट और दूसरे स्टाफ का खर्च छोडकर ही सिर्फ तेल मे ही करीब पांच लाख रूपये हर घंटे ..
और बोम्बार्डियर लीनियर सेना अपने लिए चार इंजन वाला बनवाती है जबकि निजी इस्तेमाल के लिए दो इंजन वाला बनाये जाते है .. इसको उड़ाना एक लड़ाकू जेट से पांच गुणा महगा होता है . क्योकि इसे वायुसेना के कई अधिकारियों को एक साथ किसी जगह आने जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है . इसमें कुल पचीस लोग बैठ सकते है .

आखिर एक मामूली सांसद पिछले आठ सालो से किस हैसियत से इस देश के सेना के विमानों का इस्तेमाल अपने बाप का माल समझकर कर रहा है ? कितनी अजीब बात है कि बिना किसी पात्रता के सोनिया गाँधी सेना के विमान से किसी चुनावी सभा मे जाती है और वहाँ भ्रस्टाचार से लड़ने की दोगली बात करती है . जबकि सबसे बड़ा भ्रष्टाचार करके ही वो सेना का इस्तेमाल कर रही है .

मुझे त्ताज्जुब तो इस बात है कि आखिर आजतक किसी भी मीडिया ने सरकार या कांग्रेस के इस बारे मे क्यों नहीं पूछा ?
एक तरफ कांग्रेस और राहुल गाँधी आदर्शवाद की बड़ी बड़ी बाते करते है लेकिन अपनी निजी जिंदगी मे खुद ये सबसे बड़े भ्रष्ट और मुफ्तखोर है .

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