गुजरात को बर्बाद करने की दिशा मे एक बड़ा कदम है कांग्रेस का केंद्रीय बजट
मित्रों , केन्द्र की कांग्रेस सरकार के आंख मे गुजरात की मोदी सरकार एक रेती के कण की तरह चुभ रही है | आप अगर केंद्रीय बजट को पूरा पढेंगे तो आपको एकदम स्पष्ट दिखाई देगा कि ये बजट सिर्फ और सिर्फ गुजरात को बर्बाद करने के इरादे से टारगेटेड बजट है |
१- गुजरात का राजकोट शहर पूरे विश्व मे ज्वेलरी निर्माण के लिए प्रसिद्ध है .. केन्द्र सरकार ने इस बजट मे सुनारो को बुरी तरह प्रताड़ित किया है | सोने मे इम्पोर्ट डयूटी दोगुनी कर दी गयी है .और महीने मे दो लाख से ज्यादा बेचने वाले सुनारो को अब टीडीएस भरना पडेगा | जिसका सीधा असर आम आदमी को होगा |क्योकि भारत मे गहने विलासिता नही माने जाते बल्कि गहने हमारी भारतीय संस्क्रती और हिंदुत्व मे मूल मंत्रो मे है | भारतीय संस्कृति मे शादी मे गहने का बहुत महत्व है |
आज तक किसी भी सरकार ने गहनों को टारगेट नही किया लेकिन चूँकि सोनिया गाँधी विदेशी मूल की है और उनके सलाहकार अहमद पटेल मुस्लिम है इसलिए सोनिया गाँधी ने जानबूझकर हिंदू महिलाओ के गहने खरीदने के सपने तो तोड़ दिया है |
३- इस बार इमिटेशन ज्वेलरी पर भी टैक्स लगा दिया गया है जो सौराष्ट्र का कुटीर उद्योग है |
गुजरात विश्व का ओटो हब बनने की दिशा मे था लेकिन अब .........
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
मित्रों , आज अमेरिका के डेट्रायट से भी ज्यादा तेजी से गुजरात ऑटोमोबाइल हब बनता जा रहा है | टाटा मोटर्स , डेमलर क्रिसलर, जीएम , ह्युंडई, मारुति , होंडा मोटर्स , होंडा स्कुटर, हीरो , अशोक लेलेंड , एएमडब्लू, बीएमडब्ल्यू , प्युजो , रिनोल्ट , फोर्ड मोटर्स , लैंडरोवर्स .. मतलब विश्व के सभी ओटो दिग्गज या तो आज गुजरात मे है या उनका काम अभी चल रहा है |
किसी बड़े ऑटोमोबाइल कम्पनी के आने से उसके साथ उस कम्पनी मे विभिन्न पुर्जे सप्लाई करने वाली भी हजारों कंपनिया भी निवेश करती है |
लेकिन इस बार केन्द्र सरकार ने ऑटोमोबाइल सेक्टर को बुरी तरह झटका दिया है .
१- लग्जरी कारों पर एक्साइज २६% कर दिया गया है
२- सेडोन कारों पर एक्साइज २२% कर दिया गया है
३- छोटी कारों पर एक्साईज १२% कर दिया गया है
४- डीजल कार और डीजल इंजन पर अलग से ८% टैक्स लगा दिया गया है |
मित्रों , इसका सीधा असर राजकोट और कच्छ के तमाम छोटे छोटे ऑटोमोटिव कम्पोनेंट बनाने वाली कम्पनियों पर होगा .
सूरत के टेक्सटाइल सेक्टर को भी नही छोड़ा
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
सूरत का टेक्सटाइल उद्योग ऐसा सेक्टर है जिसमे सबसे ज्यादा गरीब लोगो को रोजगार मिला हुआ है .. लेकिन कांग्रेस की केन्द्र सरकार ने इसे भी बर्बाद करने की पूरी योजना बनाई है
१- आर्टिफिशियल फाइबर्स पर १२% टैक्स थोप दिया |
२- कोटन पर ६% एक्साइज कर थोप दिया |
३- लुम्स मशीनों के आयात पर ७% डयूटी लगा दी गयी |
४- डाईज और पिगमेंट को विशिष्ट श्रेणी के केमिकल से हटा दिया गया जिससे अब डाई और पिगमेंट पर १२% आयात कर देना होगा |
५- साल मे पचास लाख से ज्यादा टर्नओवर करने वाली छोटी लुम्स को भी अब एक्साइज देना पडेगा . जो पहले एक करोड थी |
फार्मा उद्योग
~~~~~~
गुजरात पूरे भारत मे सबसे बड़ा फार्मा हब था . लेकिन केन्द्र सरकार की एक्साइज पॉलिसी ने इस उद्योग को बुरी तरह बर्बाद कर दिया है | भूकम्प के बाद वाजपेयी सरकार ने कच्छ को १० साल तक एक्साइज फ्री ज़ोन घोषित किया गया था .लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे आगे बढाने से मना कर दिया | केन्द्र सरकार कुछ पहाड़ी राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश और उतराखण्ड को एक्साइज फ्री घोषित कर दी है जिससे गुजरात को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है |
सूरत का हीरा उद्योग
~~~~~~~~~~
कांग्रेस शुरू से ही सूरत के हीरा उद्योग को बर्बाद करने पर तुली हुई है क्योकि इस उद्योग मे सबसे ज्यादा सौराष्ट्र मूल मे लोग लगे हुए है और सौराष्ट्र मे लोग कांग्रेस से बहुत घृणा करते है |
हीरा उद्योग मे हीरे की घिसाई और पोलिसिंग मे लाखो लोगो को रोजगार मिला हुआ है और पूरे विश्व से हीरे घिसाई और पालिश के लिए सूरत ही आते है जिस पर सरकार आयात कर वसूलती है और फिर जब घिसाई मे बाद हीरे विदेश भेजे जाते है तो सरकार फिर टैक्स वसूलती है | इस बार हीरा उद्योग को कुछ राहत मिलने की उम्मीद थी लेकिन कांग्रेस ने उनका भी गला घोट दिया |
असल मे कांग्रेस अब ये बात अच्छी तरह समझ चुकी है कि उसे आने वाले कई सालो तक गुजरात की सत्ता नसीब नही होने वाली है इसलिए वो गुजरात और गुजरात सरकार को बदनाम करने के लिए ये सब गंदी चाल चल रही है |
मित्रों , केन्द्र की कांग्रेस सरकार के आंख मे गुजरात की मोदी सरकार एक रेती के कण की तरह चुभ रही है | आप अगर केंद्रीय बजट को पूरा पढेंगे तो आपको एकदम स्पष्ट दिखाई देगा कि ये बजट सिर्फ और सिर्फ गुजरात को बर्बाद करने के इरादे से टारगेटेड बजट है |
१- गुजरात का राजकोट शहर पूरे विश्व मे ज्वेलरी निर्माण के लिए प्रसिद्ध है .. केन्द्र सरकार ने इस बजट मे सुनारो को बुरी तरह प्रताड़ित किया है | सोने मे इम्पोर्ट डयूटी दोगुनी कर दी गयी है .और महीने मे दो लाख से ज्यादा बेचने वाले सुनारो को अब टीडीएस भरना पडेगा | जिसका सीधा असर आम आदमी को होगा |क्योकि भारत मे गहने विलासिता नही माने जाते बल्कि गहने हमारी भारतीय संस्क्रती और हिंदुत्व मे मूल मंत्रो मे है | भारतीय संस्कृति मे शादी मे गहने का बहुत महत्व है |
आज तक किसी भी सरकार ने गहनों को टारगेट नही किया लेकिन चूँकि सोनिया गाँधी विदेशी मूल की है और उनके सलाहकार अहमद पटेल मुस्लिम है इसलिए सोनिया गाँधी ने जानबूझकर हिंदू महिलाओ के गहने खरीदने के सपने तो तोड़ दिया है |
३- इस बार इमिटेशन ज्वेलरी पर भी टैक्स लगा दिया गया है जो सौराष्ट्र का कुटीर उद्योग है |
गुजरात विश्व का ओटो हब बनने की दिशा मे था लेकिन अब .........
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
मित्रों , आज अमेरिका के डेट्रायट से भी ज्यादा तेजी से गुजरात ऑटोमोबाइल हब बनता जा रहा है | टाटा मोटर्स , डेमलर क्रिसलर, जीएम , ह्युंडई, मारुति , होंडा मोटर्स , होंडा स्कुटर, हीरो , अशोक लेलेंड , एएमडब्लू, बीएमडब्ल्यू , प्युजो , रिनोल्ट , फोर्ड मोटर्स , लैंडरोवर्स .. मतलब विश्व के सभी ओटो दिग्गज या तो आज गुजरात मे है या उनका काम अभी चल रहा है |
किसी बड़े ऑटोमोबाइल कम्पनी के आने से उसके साथ उस कम्पनी मे विभिन्न पुर्जे सप्लाई करने वाली भी हजारों कंपनिया भी निवेश करती है |
लेकिन इस बार केन्द्र सरकार ने ऑटोमोबाइल सेक्टर को बुरी तरह झटका दिया है .
१- लग्जरी कारों पर एक्साइज २६% कर दिया गया है
२- सेडोन कारों पर एक्साइज २२% कर दिया गया है
३- छोटी कारों पर एक्साईज १२% कर दिया गया है
४- डीजल कार और डीजल इंजन पर अलग से ८% टैक्स लगा दिया गया है |
मित्रों , इसका सीधा असर राजकोट और कच्छ के तमाम छोटे छोटे ऑटोमोटिव कम्पोनेंट बनाने वाली कम्पनियों पर होगा .
सूरत के टेक्सटाइल सेक्टर को भी नही छोड़ा
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
सूरत का टेक्सटाइल उद्योग ऐसा सेक्टर है जिसमे सबसे ज्यादा गरीब लोगो को रोजगार मिला हुआ है .. लेकिन कांग्रेस की केन्द्र सरकार ने इसे भी बर्बाद करने की पूरी योजना बनाई है
१- आर्टिफिशियल फाइबर्स पर १२% टैक्स थोप दिया |
२- कोटन पर ६% एक्साइज कर थोप दिया |
३- लुम्स मशीनों के आयात पर ७% डयूटी लगा दी गयी |
४- डाईज और पिगमेंट को विशिष्ट श्रेणी के केमिकल से हटा दिया गया जिससे अब डाई और पिगमेंट पर १२% आयात कर देना होगा |
५- साल मे पचास लाख से ज्यादा टर्नओवर करने वाली छोटी लुम्स को भी अब एक्साइज देना पडेगा . जो पहले एक करोड थी |
फार्मा उद्योग
~~~~~~
गुजरात पूरे भारत मे सबसे बड़ा फार्मा हब था . लेकिन केन्द्र सरकार की एक्साइज पॉलिसी ने इस उद्योग को बुरी तरह बर्बाद कर दिया है | भूकम्प के बाद वाजपेयी सरकार ने कच्छ को १० साल तक एक्साइज फ्री ज़ोन घोषित किया गया था .लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे आगे बढाने से मना कर दिया | केन्द्र सरकार कुछ पहाड़ी राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश और उतराखण्ड को एक्साइज फ्री घोषित कर दी है जिससे गुजरात को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है |
सूरत का हीरा उद्योग
~~~~~~~~~~
कांग्रेस शुरू से ही सूरत के हीरा उद्योग को बर्बाद करने पर तुली हुई है क्योकि इस उद्योग मे सबसे ज्यादा सौराष्ट्र मूल मे लोग लगे हुए है और सौराष्ट्र मे लोग कांग्रेस से बहुत घृणा करते है |
हीरा उद्योग मे हीरे की घिसाई और पोलिसिंग मे लाखो लोगो को रोजगार मिला हुआ है और पूरे विश्व से हीरे घिसाई और पालिश के लिए सूरत ही आते है जिस पर सरकार आयात कर वसूलती है और फिर जब घिसाई मे बाद हीरे विदेश भेजे जाते है तो सरकार फिर टैक्स वसूलती है | इस बार हीरा उद्योग को कुछ राहत मिलने की उम्मीद थी लेकिन कांग्रेस ने उनका भी गला घोट दिया |
असल मे कांग्रेस अब ये बात अच्छी तरह समझ चुकी है कि उसे आने वाले कई सालो तक गुजरात की सत्ता नसीब नही होने वाली है इसलिए वो गुजरात और गुजरात सरकार को बदनाम करने के लिए ये सब गंदी चाल चल रही है |
3 comments:
Mujhe vishwas hai ki itna sab hone ke baad bhi Gujrat bahut taraui karega.
itzz sad what this govt want i know still gujrat rocks.....!!!
!!hoga wohi jo ram chahenge!!
Post a Comment