आज सुबह टीवी देखा .. एक खबर देखी | राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी ने समस्त देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएँ दी है |
अब आपलोग सोच रहे होंगे कि इसमें खबर क्या ? मित्रों इस खबर मे एक बड़ी नीचता , दोगलापन , और दोयम दर्जे की मक्कारी छुपी है |
जब यही भारत सरकार और कांग्रेस रामसेतु परियोजना के लिए सुप्रीम कोर्ट मे बकायदा भारत गणराज्य के राष्ट्रपति के दस्तखत के साथ एक एफिडेविड जमा करते है जिसमे कांग्रेस की भारत सरकार कसम खाकर कहती है कि इस देश मे कभी भगवान राम पैदा ही नही हुए | भगवान राम सिर्फ और सिर्फ एक काल्पनिक है .. पूरी रामायण एक गप्प है और भारत सरकार रामसेतु को नही मानती क्योकि भगवान राम का इस देश मे कभी भी कोई अस्तित्व नही रहा है |
[ संदर्भ :- भारत सरकार के एटार्नी जनरल जी एम वहानवति के द्वारा भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की अनुमोदित सुप्रीम कोर्ट मे दायर की गयी दिनांक २३- ८- २००६ की एफिडेविद ]
मित्रों , भारत सरकार के इस एफिडेविद को देखकर उस समय के ईसाई जज जो इस मामले को देख रहे थे .. वो चौक गए .. उन्होंने भारत सरकार को जमकर लताड लगाई और कहा कि चूँकि मै ईसाई हूँ इसलिए बाइबिल खूब पढ़ी है और बाइबिल मे भी रामसेतु का जिक्र है जिसे "एडम्स ब्रिज " कहा गया है |
इतना ही नही नही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आखिर मुझे समझ मे नही आता कि भारत सरकार और करुणानिधि की तत्कालीन तमिलनाडु सरकार आखिर इस रामसेतु को क्यों डायनामाइट से खत्म करता चाहती है ?
इतना ही नही आई आई टी मद्रास ने भी सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अगर ये रामसेतु नही होता तो २००३ की सुनामी पूरे तमिलनाडु को खत्म कर देती |
रामसेतु को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट मे केस लड़ रहे डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने नासा के द्वारा पेश किये गए हजारों पेपर कोर्ट मे दिये जिसमे नासा ने भी माना है की रामसेतु थी और ये प्राकृतिक निर्मित नही बल्कि मानव निर्मित है | और नासा ने रामसेतु के पथ्थरो की कार्बन डेटिंग से उनकी उम्र पता की तो सभी पत्थर रामायण मे वर्णित काल से मेल खाते है |
फिर तो कोर्ट ने कांग्रेस की भारत सरकार को खूब लताड लगाई लेकिन चूँकि हम सब रोज देखते है कि कांग्रेस की भारत सरकार को रोज ही सुप्रीम कोर्ट मे लात खाने की आदत पड़ गयी है और एक बेशर्म की तरह इस केन्द्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा रोज लतियाये जाने पर भी कोई फर्क नही पड़ता |
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तमिलनाडु की करुणानिधि सरकार और भारत की केन्द्र की कांग्रेस सरकार सिर्फ और सिर्फ इस परियोजना के माध्यम से इस देश के खजाने को लूटना चाहते है और इसके लिए उन्होंने भगवान राम के अस्तिव को ही नकार दिया ये बड़े शर्म की बात है |
मित्रों सुप्रीम कोर्ट की ये बात बिलकुल सत्य निकली क्योकि सेतुसमुद्रम परियोजना के माध्यम से इस देश के खजाने को लूटने मे नाकाम रहने वाली कांग्रेस सरकार बाद मे २ जी घोटाले से अपनी प्यास बुझाई |
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