आज मै अपने अजीज मित्र Suresh Chiplunkar जी का एक एक पोस्ट पढ़ रहा था | पोस्ट के नीचे उन्होंने लिखा था
"नोट :- कृपया इस नोट को "फ़ेसबुकिया कांग्रेसी समूहों" में जाकर शेयर ना करें, उन्हें अपने बनाए हुए "पारिवारिक चमचागिरी" के स्वर्ग में रमे रहने दीजिये… :) :)
सच मे मै कांग्रेसियो को एक गंदी और बदबुदार नाली का कीड़ा मानता हूँ . अगर आप उन कीडो को बाहर खुली और स्वच्छ हवा मे लाने की कोशिश करेंगे तो ये कीड़े मर जायेंगे .. क्योकि इन कीडो का मेटाबोलिज्म सिस्टम मीथेन दूसरी प्रदूषित और बदबूदार गैसों पर चलने का आदि हों जाता है | इन गंदी नालियों और गटर के कीडो के लिए ऑक्सीजन एक जहर बन जाती है |
एक सर्वे मे एक संस्था मे बताया है कि ९०% कांग्रेस को मानने वाले खानदानी होते है मतलब उनके दादा कांग्रेसी थे फिर उसने बाप कांग्रेसी थे इसलिए ये भी कांग्रेसी हों गए | असल मे हर बच्चा अपने घर पर होने वाले क्रियाकलापों और बातों से बहुत प्रभावित होता है | चूँकि इन कांग्रेसियो के खानदान मे हमेशा इन नकली गांधियो के किस्से कहानिया सुनाई जाती है | उनको ये बताया जाता है कि तुम्हारे परदादा नेहरु के गुलाम थे उनके तलवे चाटते थे .. फिर तुम्हारे दादा इंदिरा के गुलाम थे ..तुम्हारे बाप राजीव के गुलाम थे फिर स्वाभाविक रूप से तुम्हे राहुल की गुलामी करनी होगी ..तुम्हे राहुल के तलवे चाटने होंगे |
इन कांग्रसियो की अपनी खुद की कोई सोच नहीं होती | खुद का कोई आत्मसम्मान नहीं होता , खुद का कोई विचारधारा नही होती और ना ही इनकी कोई दिशा होती है | इन्हें सिर्फ १० जनपथ से जो भी हुक्कम मिलता है उसकी तामील करना ही इन गुलामों से भी बदतर कांग्रेसियो का काम होता है | जो भी राहुल गाँधी या सोनिया गाँधी मे मुंह से निकल जाये चाहे वो कितना भी गलत या कितना भी झूठ क्यों ना हों ये गुलाम और खानदानी नौकर उसे जस्टिफाई करने मे पूरे मन से जुट जाते है |
अगर कुत्तों को सुप्रीम कोर्ट मे पिटीशन दायर करने की अनुमति होती तो शायद अब तक हर नस्ल और हर देश के कुत्ते सुप्रीम कोर्ट मे इस पर जरूर जाते कि मलिक के तलवे चाटना , दूम हिलाना , अंधी स्वामिभक्ति , और खानदानी गुलामी को हम कुत्तों का काम है ये कांग्रेसी एम आर टी पी एक्ट [मोनोपोलाईज्ड रिस्ट्रिक्शन ट्रेड प्रेक्टिशनर एक्ट ]का खुले आम उलंघन कर रहे है !!!
"नोट :- कृपया इस नोट को "फ़ेसबुकिया कांग्रेसी समूहों" में जाकर शेयर ना करें, उन्हें अपने बनाए हुए "पारिवारिक चमचागिरी" के स्वर्ग में रमे रहने दीजिये… :) :)
सच मे मै कांग्रेसियो को एक गंदी और बदबुदार नाली का कीड़ा मानता हूँ . अगर आप उन कीडो को बाहर खुली और स्वच्छ हवा मे लाने की कोशिश करेंगे तो ये कीड़े मर जायेंगे .. क्योकि इन कीडो का मेटाबोलिज्म सिस्टम मीथेन दूसरी प्रदूषित और बदबूदार गैसों पर चलने का आदि हों जाता है | इन गंदी नालियों और गटर के कीडो के लिए ऑक्सीजन एक जहर बन जाती है |
एक सर्वे मे एक संस्था मे बताया है कि ९०% कांग्रेस को मानने वाले खानदानी होते है मतलब उनके दादा कांग्रेसी थे फिर उसने बाप कांग्रेसी थे इसलिए ये भी कांग्रेसी हों गए | असल मे हर बच्चा अपने घर पर होने वाले क्रियाकलापों और बातों से बहुत प्रभावित होता है | चूँकि इन कांग्रेसियो के खानदान मे हमेशा इन नकली गांधियो के किस्से कहानिया सुनाई जाती है | उनको ये बताया जाता है कि तुम्हारे परदादा नेहरु के गुलाम थे उनके तलवे चाटते थे .. फिर तुम्हारे दादा इंदिरा के गुलाम थे ..तुम्हारे बाप राजीव के गुलाम थे फिर स्वाभाविक रूप से तुम्हे राहुल की गुलामी करनी होगी ..तुम्हे राहुल के तलवे चाटने होंगे |
इन कांग्रसियो की अपनी खुद की कोई सोच नहीं होती | खुद का कोई आत्मसम्मान नहीं होता , खुद का कोई विचारधारा नही होती और ना ही इनकी कोई दिशा होती है | इन्हें सिर्फ १० जनपथ से जो भी हुक्कम मिलता है उसकी तामील करना ही इन गुलामों से भी बदतर कांग्रेसियो का काम होता है | जो भी राहुल गाँधी या सोनिया गाँधी मे मुंह से निकल जाये चाहे वो कितना भी गलत या कितना भी झूठ क्यों ना हों ये गुलाम और खानदानी नौकर उसे जस्टिफाई करने मे पूरे मन से जुट जाते है |
अगर कुत्तों को सुप्रीम कोर्ट मे पिटीशन दायर करने की अनुमति होती तो शायद अब तक हर नस्ल और हर देश के कुत्ते सुप्रीम कोर्ट मे इस पर जरूर जाते कि मलिक के तलवे चाटना , दूम हिलाना , अंधी स्वामिभक्ति , और खानदानी गुलामी को हम कुत्तों का काम है ये कांग्रेसी एम आर टी पी एक्ट [मोनोपोलाईज्ड रिस्ट्रिक्शन ट्रेड प्रेक्टिशनर एक्ट ]का खुले आम उलंघन कर रहे है !!!
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