Thursday 19 April 2012

कांग्रेस को सिर्फ नैतिकता और सिद्धांत के द्वारा इस देश से नहीं खत्म किया जा सकता ::




सच मे अब भारत की दूसरी राजनितिक पार्टियो को कांग्रेस से नीचता , धूर्तता और कमीनापन सीखना ही होगा ..

मित्रों , जब जरूरत है कि बीजेपी चाइना गेट फिल्म के जगीरा डाकू का संदेश फिर से ध्यान से सुने और उस पर अमल भी करे ..

"मेरे से लड़ने के लिए तुम हिम्मत तो जुटा लोगे , लेकिन मेरे जैसा कमीनापन दिल कहाँ से लाओगे ?'

अपने इसी धूर्तता के दम पर ये नकली गांधियो ने हमे पैसठ साल मे मुर्ख बनाया है .

अभी ताजा मामला सलमान रश्दी के भारत आने से जुड़ा हुआ है ..

मशहूर लेखक सलमान रुश्दी को भारत आने से रोकने के लिए उनकी जान के खतरे की झूठी कहानी रची गई.

ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि रुश्दी की जान को खतरा था इस बात को लेकर मुंबई और राजस्थान पुलिस की राय मेल नहीं खा रही है. सूत्रों के मुताबिक राजस्थान की पुलिस ने जयपुर साहित्य सम्मेलन के आयोजकों को बताया था कि मुंबई के अंडरवर्लड डॉन ने रुश्दी की हत्या की सुपारी दी है लेकिन मुंबई पुलिस ने ऐसी किसी जानकारी के होने से इनकार किया है.
मित्रों , अशोक गहलोत ने दिल्ली मे चितंबरम और सलमान खुर्शिर्द के साथ मिलकर एक बहुत ही घिनौना और नीच खेल रचा .

इस चंडाल चौकड़ी ने राजस्थान पुलिस और मुंबई पुलिस के साथ मिलकर सलमान रश्दी को एक झूठा फैक्स भेजा कि आप यहाँ मत आइये क्योकि हमे ख़ुफ़िया सुचना मिली है कि अंडरवर्ल्ड के लोग मुंबई के लेकर जयपुर तक आपको मारने के लिए पहुच चुके है और सरकार आपकी सुरक्षा की कोई गारंटी नही लेगी .

मित्रों ये और भी शर्मनाक है की कोई सरकार किसी की सुरक्षा ही नहीं कर सके .फिर हम ऐसे कांग्रेस पार्टी को वोट ही क्यों दे जो एक आदमी की भी सुरक्षा नही कर सकती ?

जो कांग्रेस और सोनिया गाँधी और मनमोहन सिंह खुद हिंदू देवियो के अश्लील और नग्न पेंटिग बनाने वाले मकबूल फ़िदा हुसैन के भारत छोड़ देने पर अपनी छाती कुटते है .घडियाली आँसू भाते है ..अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की दुहाई देते है ...

वही कांग्रेस , वही सोनिया और वही मनमोहन सिंह सलमान रश्दी के मामले पर दोगली बाते क्यों करने लगते है ? सलमान रश्दी के मामले पर कांग्रेस और सोनिया गाँधी की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कहा चली जाती है ?

मै ना तो सलमान रश्दी को सही मानता हूँ और ना ही मकबूल फ़िदा हुसैन को ..किसी भी मशहूर इंसान को किसी भी धर्म का अपमान करने का कोई हक नहीं है .

लेकिन दोनों मामले अलग अलग क्यों देखा जाता है ?

एक तरफ मकबूल फ़िदा हुसैन एक कट्टरपंथी मुस्लिम था और उसने पूरी जिंदगी सिर्फ हिंदू देवी देवताओ का ही नग्न और अश्लील पेंटिंग बनाया ..उसने किसी भी दूसरे धर्म के प्रतीकों का कोई अपमान नही क्या ..

दूसरी तरफ खुद सलमान रश्दी मुस्लिम है और उन्होंने अपने ही धर्म के बारे मे कुछ बाते लिखी है .

तो फिर मकबूल फ़िदा हुसैन को लेकर कांग्रेस क्यों अपनी छाती कूटती है ? उनके लन्दन मे दफनाए जाने पर मनमोहन सिंह और सोनिया गाँधी दोनों ने इसे भारत के इतिहास का काला दिन बताया था ..

तो क्या कांग्रेस इन सवालों का जबाब देगी ?

१- तो क्या कांग्रेस यही चाहती है कि लोग हिंदू धर्म का अपमान करते रहे ?

२- कांग्रेस हिंदू देवियो के अश्लील पेंटिंग को सही मानती है ?
३- कांग्रेस ने अनुसार लोग हिंदू धर्म का अपमान करने के लिया आज़ाद है और कांग्रेस इनके उपर कोई करवाई नहीं करेगी ?


जागो हिन्दुओ जागो !! कोई भी पार्टी हमे हमारे घर पर भोजन नहीं देने आएगी फिर हम ऐसी पार्टी को वोट ही क्यों दे जिसका सबसे बड़ा एजेंडा हिन्दुओ को अपमानित करना है

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