हर बात मे गाँधी और नेहरु के सिधान्तो का ठेका लेने वाली कांग्रेस और राहुल गाँधी तुम पहले संविधान सभा मे गाँधी और नेहरु का दिया भाषण पढ़ो और बताओ कि तुम्हारा नेहरु दोगली बाते करता है या तुम्हारा राहुल गाँधी ?
इन दिनों कांग्रेस मुसलमानों व अन्य अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने की पुरजोर राजनीति कर रही है। ऐसा करते वक्त कांग्रेस के नेता अपने ही अतीत को भुला रहे हैं। कांग्रेस को अपने राजनीतिक पुरोधा जवाहरलाल नेहरू के विचार जानना चाहिए जो वर्तमान नीच कांग्रेसियों की तुलना में निश्चित ही थोड़े बहुत तो उच्च थे। 26 मई 1949 को संविधानसभा में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि "आप अल्पसंख्यकों को ढाल (आरक्षण) देना चाहते हैं तो वास्तव में आप उन्हें अलग-थलग करते है, हो सकता है कि आप उनकी रक्षा कर रहे हो पर किस कीमत पर ? ऐसा आप उन्हें मुख्य धारा से काटने की कीमत पर करेंगे।"
इसी के तीन वर्ष बाद 21 जून 1961 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने मजहब के आधार पर आरक्षण देने से रोकने के लिए हर राज्य सरकारों को पत्र भी लिखा था। आज भी ये पत्र कुछ राज्यों मे सुराछित है ..जवाहर लाल नेहरू ने लिखा था ‘‘मैं किसी भी तरह के आरक्षण को नापसंद करता हूं, यदि हम मजहब या जाति आधारित आरक्षण की व्यवस्था करते हैं तो हम सक्षम और प्रतिभावान लोगों से वंचित हो दूसरे या तीसरे दर्जे के रहे जायेंगे। जिस क्षण हम दूसरे दर्जे को प्रोत्साहन देंगे हम चूक जायेंगे। यह न केवल मूर्खतापूर्ण है बल्कि विपदा को भी आमंत्रण देना है।’’ मुसलमानों में निचली जातियों में व्याप्त कुरीतियों एंव अशिक्षा को दूर करने के लिए सरकार चरणबद्ध कार्यक्रम चलाना चाहिए। हकीकत में गरीब या पिछड़ा किसी भी जाति का हो सकता है फिर चाहे वह ब्राहृाण, क्षत्रिय, वैश्य ही क्यों न हो। सभी गरीबों के लिए सरकार को एक समुचित दीर्घकालीन कार्यक्रम बनाना ही होगा
भारत के केन्द्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद जो जिम्मेदार ओहदा संभाले हुए है। लेकिन इनका इतिहास एकदम कट्टरवादी मुस्लिम और घोर हिंदू विरोधी रहा है ..ये यही सलमान खुर्शिद है जिन्होंने सिमी प्रतिवंध लगाये जाने के खिलाफ आठ सालो तकसुप्रीम कोर्ट मे सिमी के वकील के तौर पर केस लड़े और सिमी को एक सांस्कृतिक संगठन बताए ..
उन्होंने उत्तर प्रदेश में मुस्लिम आरक्षण की दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के सत्ता में आने पर मुसलमानों को पिछड़े वर्ग के कोटे में से 9 प्रतिशत आरक्षण दिया जायेगा, कह निःसंदेह पूरी कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करने के साथ-साथ मंत्री पद के दौरान ली गई शपथ का घोर उल्लंघन कर चुनाव आचार संहिता का भी मजाक उड़ाया है। यह अक्षम्य है। हालांकि चुनाव आयोग ने उन्हें इस कृत्य के लिए एक कारण बताओ नोटिस भी तलब किया है जिसे मिल उनके अंदर उनका अहम और जाग उठा कह रहे है नोटिस ही तो हे कोई फाँसी की सजा तो नहीं? बहरहाल चुनाव आयोग ने अभी इतना तो कर दिया है कि खुर्शीद के बयान के कारण केन्द्र द्वारा प्रस्तावित आरक्षण पर मार्च तक के लिए रोक लगा दिया है।
मित्रों कांग्रेस और उसके दोगलेपन को समझो और कसम खाओ कि इस कांग्रेस को इस देश से उखाडकर ही चैन लेंगे
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