Monday 2 April 2012

तीस्ता जावेद , और शबनम हाशमी जैसे इस्लामिक देशो के दलाल कभी सिक्खो के कत्लेआम और कश्मीरी पण्डितो पर अपनी छाती क्यों नही कुटते ?

शबनम हाशमी .कब तक मोदी जी का नाम लेकर प्रलाप करोगी ? कभी अपने सगे भाई सफदर हाशमी के हत्यारे कांग्रेस पर भी प्रलाप कर लिया करो |

मित्रों , अक्सर आपने एनडीटीवी पर आकर शबनम हाशमी को मोदी मोदी कहके अपनी छाती कुटते हुए देखा होगा ..

लेकिन ये अपने सगे भाई को याद तक नही करती ..

सफदर हाशमी इसके सगे भाई थे जो बहुत बड़े रंगकर्मी और नाट्यकर्मी थे . वो वामपंथी नाट्य संगठन इप्टा के दिल्ली के प्रमुख भी थे .. उन्होंने दिल्ली के एक बड़े भ्रष्ट नेता मुकेश गुप्ता के खिलाफ लोगो को नुक्कड़ नाटक करके उसकी सच्चाई बताने की ठानी .. और वो दिल्ली मे कांग्रेस के खिलाफ जगह जगह नुक्कड़ नाटक करने लगे |

१ जनवरी १९८९ को वो एक नुक्कड़ नाटक हल्ला बोल कर रहे थे जो कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर था तभी कांग्रेस का एक बड़ा नेता मुकेश शर्मा अपने गुंडों के साथ वहाँ आया और उसने दिन मे ही भरे बाज़ार मे उनकी और उनके एक साथी की लाठियो से पीट पीट कर हत्या कर दी |

लेकिन आज उसी सफदर हाशमी की सगी बहन कांग्रेस की दलाल की तरह काम कर रही है ..

मै सभी तथाकथिक सेकुलर लोगो से पूछना चाहता हूँ कि वो लोग कभी कश्मीर मे हिन्दुओ के उपर हो रहे अत्याचार और उनके दर्द पर मरहम लगाने क्यों नही जाते ?
दिल्ली के सिक्खो का जब राजीव गाँधी ने कत्लेआम करवाया था उस पर ये अपनी छाती क्यों नही कुटते ? अभी दो दिन पहले ही सीबीआई ने कोर्ट ने सुबूतो के साथ ये हलफनामा दिया कि दिल्ली के सिक्ख विरोधी दंगो के समय पुलिस को खामोश रहने को उपर से कहा गया था | इस बात पर किसी भी मीडिया ने रुदाली क्यों नही की ? क्यों नही इसे अपने प्राइम टाइम मे डिस्कसन का मुद्दा बनाया ?

मित्रों , असल मे ये सारे चैनेल के असली मलिक विदेशी है .. और ये अपने मालिकों के ईशारे पर मोदी और गुजरात का नाम सुनते ही भौकने लगते है |

तीस्ता जावेद , मुकुल सिन्हा , शबनम हाशमी जैसे लोगो की दुकानदारी पिछले १० साल से मोदी विरोध पर चल रही है .इनलोगों ने इस्लामिक देशो से चंदे कमाने के लिए ही ये दुकान खोली है . और अब गुजरात के मुसलमान भी इनके असली चेहरों को समझ चुके है |

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