मित्रों , बाबा रामदेव के ट्रस्ट पतंजली योग पीठ ने देश मे स्वदेशी और अच्छी चीजों को बढ़ावा देने के उदेश्य से पूरे भारत मे "स्वदेशी स्टोर " खोलने और इनके माध्यम से देश मे सस्ते मूल्य पर शुद्ध एफएमसीजी प्रोडक्ट लोगो को मुहौया करने की योजना बनाई है |
बाबा रामदेव के इस कदम से बाजार मे हमलोगों को लूट रही एम एन सी कंपनियों मे खलबली मच गयी है क्योकि बाबा ने पहले ही कई अच्छे प्रोडक्ट बिना किसी एड के पहले ही सफलता पूर्वक बाज़ार मे ला चुके है ..
लेकिन आजकल कई मीडिया वाले और कांग्रेस के लोग बाबा रामदेव को ना जाने क्या क्या शब्दावली से नवाज रहे है ..लेकिन कांग्रेस के लोग महात्मा गाँधी के बारे मे क्या कहेंगे ?
महात्मा गाँधी ने भी इसी परिकल्पना पर काम किया था और खादी एवं ग्रामोद्योग के माध्यम से देश भर मे खादी स्टोर खोले थे जहां पर हर तरह की चीजे आज भी बिकती है तो क्या मीडिया और कांग्रेस महात्मा गाँधी को व्यापारी कहेगी ?
महात्मा गाँधी नवजीवन प्रेस के माध्यम से किताबे छपकर बेचा करते थे तो क्या कांग्रेस उन्हें व्यापारी कहेगी ?
बाबा रामदेव की परिकल्पना
~~~~~~~~~~~~~~~
बाबा जी पूरे देश मे बेरोजगारों को पतंजली की फ्रेंचाइजी देकर उनको रोजगार देंने जा रहे है |
सबसे अच्छी बात ये है कि पतंजली से सारे उत्पाद एकदम शुद्ध और मिलावट रहित होंगे |
क्या कांग्रेस इन सवालों का जबाब देगी ?
१- क्या बाबा रामदेव का अपना कोई परिवार है जिसके लिए बाबा रामदेव पैसा कमाने की सोच रहे है ?
२- बाबा रामदेव जी ने जो अपने पैसे से दो सौ करोड मे पतंजली विश्वविद्यालय और तीन सौ करोड की लागत से विशाल आवासीय सुविधा के साथ विश्व का सबसे बड़ा योग केन्द्र बनवाया है उसका खर्च क्या सरकार दी है ? बाबा ने इन्ही सब उत्पादों को बेचकर ही ये सब बनाया है |
३- सब जानते है कि किसी भी ट्रस्ट का पदेन सह अध्यक्ष उस जिले का कलेक्टर होता है जिस जिले मे कोई ट्रस्ट का रजिस्टेशन होता है | पतंजली ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिद्वार के कलेक्टर है जिनके हस्ताक्षर के बिना बाबा एक रूपये भी खर्च नही कर सकते | इसके आलावा बाबा के सभी ट्रस्टो के आय और व्यय का आडिट सरकार करवाती है |
४- राजीव गाँधी मेमोरियल ट्रस्ट जिसकी मुखिया सोनिया गाँधी है इस ट्रस्ट के पास भारत मे कुल बीस हज़ार एकड जमीन है | जिसमे वीर भूमि , शक्ति स्थल , शांतिवन .और तमिलनाडु मे श्रीपेरंबदूर मे बना राजीव गाँधी का स्मारक है | ये कुल आठ हज़ार एकड मे है जिनकी कीमत आज कई लाख अरब रूपये होगी |
इस ट्रस्ट का आजतक कोई आडिट नही हुआ है क्योकि इसका रजिस्ट्रेशन एक चेरिटी ट्रस्ट के रूप मे हुआ है जो सिर्फ इस नकली गाँधी खानदान के लिए चेरिटी करता है |
राजीव गाँधी फाउंडेशन की भी मुखिया सोनिया गाँधी है | ये भी एक चेरिटी ट्रस्ट है इसको २००६ मे मनमोहन सरकार ने दो सौ करोड रूपये दिये थे जिस पर संसद मे काफी हंगामा हुआ क्योकि कोई भी सरकार किसी निजी ट्रस्ट को इसका आजतक आडिट न हुआ हों उसको सरकारी पैसे नही दे सकती | बाद मे मनमोहन सरकार ने पैसा वापस ले लिया था |
इस ट्रस्ट को बिना किसी नियम कायदे के राजस्थान सरकार ने गुणगांव और फरीदाबाद मे दो सौ एकड जमीन सिर्फ १ रूपये मे दिया है | महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई मे कोहिनूर मिल की दो एकड और पूना मे चालीस एकड जमीन मुफ्त मे इस ट्रस्ट को दिया है |
इन मामले पर कांग्रेस क्यों नही कुछ बोलती ?
५- क्या इस देश मे पैसा कमाना फिर उस पैसे को किसी अच्छे काम मे लगाना अपराध है ? क्या बाबा रामदेव इस पैसे को अपने निजी उपयोग मे लेते है ? बिलकुल नही |
जिनको भी शक हों कि बाबा रामदेव इस सब कमाई को कहाँ खर्च करते है वो एकबार हरिद्वार मे पतंजली योग पीठ मे जरूर जाये | फिर सोचे कि क्या ये सब निर्माण फ्री मे हुआ होगा ?
७- आज कांग्रेस के नेता और खासकर दिग्विजय सिंह लोगो को सन्यासी की परिभाषा बताते है तो फिर वे सतपाल महाराज के गले मे पत्थर बांधकर समुद्र मे क्यों नही फेक देते ?
सतपाल महाराज के तीन मेडिकल कॉलेज चार फिजियोथैरेपी कॉलेज और कई दूसरे कोलेज है ये कांग्रेस के बड़े नेता है और केन्द्र मे रेल मंत्री भी रहे है आजकल यूपी मे कांग्रेस का खूब प्रचार कर रहे है | तो ये कौन से सन्यासी है ? इन्होने तो आजतक आम आदमी के लिए कुछ नही किया ?
असल मे कांग्रेस पिछले दो साल से बाबा रामदेव और आचार्य बाल कृष्ण के पीछे अपनी पूरी जाँच एजेंसियों से सब कुछ जाँच करवा लिया और मिला कुछ भी नही इसलिए अब कांग्रेस अपना मानसिक संतुलन खो चुकी है |
यूपी मे जिस तरह से बाबा ने कांग्रेस के खिलाफ जमकर प्रचार किया उससे कांग्रेस की हालत बहुत खराब हुयी है इसलिए कांग्रेसी और बाबा का नाम सुनते ही कुत्ते की तरह भौकने लगते है |
1 comment:
This is very true...congress or Mr. Digvijay should give clarification on it
Post a Comment