जी हाँ ये बिलकुल सत्य है ..
आप भी सोच रहे होंगे कि उत्तर प्रदेश में पराजय के बाद अब राहुल गांधी नजर क्यों नहीं आते? वे कहां गायब हो गये हैं? ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के पूर्व संपादक और मशहूर स्तंभकार एम.डी. नलपत के अनुसार 9 मार्च को राहुल थाई एयरवेज से बैंकॉक पहुंचे और वहां गुप्त मित्रों के साथ उन्होंने अपना गमगलत किया। वहाँ राहुल गाँधी ने एक मशहूर रिजोर्ट जो अपने "थाई मसाज" के लिए कुख्यात है वहाँ पूरे १० दिन गुजारे |
नलपत तो यहां तक दावा करते हैं कि भारतीय दिखने के लिए राहुल भारत में बाल काला करते हैं और विदेश जाते ही अपने बाल भूरे कर लेते हैं, ताकि कोई उन्हें पहचान न सके। इन गंभीर आरोपों का जवाब न तो कांग्रेसी देते हैं और न ही गांधी परिवार। गांधी परिवार पर आरोप लगाने वाला हर व्यक्ति मनमोहन, ए.के. एंटनी, प्रणव मुखर्जी को ठीक उसी तरह ईमानदार कहता है जिस तरह ईस्ट इंडिया कंपनी वालों ने मीर जाफर, जगत शेठ, कृष्णचंद्र और उमीचंद को कुशल, योग्य और ईमानदार प्रशासक करार दिया था।
सिराजुद्दोला और मीर जाफर की सत्तालोलुपता ने बंगाल के वैभव को डुबा दिया। आधुनिक सिराजुद्दोला यानी राहुल गांधी और मीर जाफर यानी डॉ. मनमोहन सिंह के बीच सत्ता की होड़ जारी है। इस होड़ में मीर जाफर खेत हो या सिराजुद्दोला, भुगतान तो आम आदमी को करना पड़ेगा। मीर जाफर ने बंगाल की सेना को नपंुसक बना दिया था। जनरल वी.के. सिंह द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे और लीक किए गए पत्र पर विश्वास किया जाए तो मनमोहन की सरकार ने भारतीय सैन्य बल को निहत्था और लाचार बना दिया है। आने वाले दिनों में इतिहासकार डॉ. मनमोहन सिंह को भी ‘गद्दार-ए-अबरार’ की उपाधि से संबोधित करेंगे, पर उससे क्या भारत का भला होगा?
1 comment:
Bhondu bacchha abh bada hone ki koshish karne gaya hai
Post a Comment