Wednesday 20 April 2011

नाच सोनिया नाच, पर देख ले, लग गया है जाम

नाच सोनिया नाच, पर देख ले, लग गया है जाम

: सोनिया गांधी को नाचते देखा है? नहीं न, तो लीजिए, यहां पर देख लीजिए : क्रिकेट के बुखार में पूरा देश तप रहा है. भारत जीत क्या गया, देश में मानो 1947 की आजादी सरीखी जश्न शुरू हो गया. क्या नेता, क्या जनता. सब मगन. सब नाचने-झूमने लगे. हद तो तब हो गई जो गंभीर दिखने वाली सोनिया गांधी भी नाचने लगीं

बताते हैं कि वे भी जमकर झूमीं-नाचीं. कांग्रेस अध्यक्ष के नाच को देखकर कई लोगों ने दांतों तले उंगलियां दबा लिया. कुछ का कहना था कि देश के नेताओं से ऐसे आचरण की उम्मीद नहीं थी, खासकर सोनिया गांधी से. यह सब हुआ कल रात 11 बजे. आईटीओ चौक के पास बहादुर शाह जफर मार्ग पर सोनिया के नाच के कारण बहुत बड़ा जाम लग गया. पर नेताओं को इससे क्या मतलब. वे तो भड़की हुई भावनाओं में गोते लगाने के आदी हैं.

सोनिया की इस नौटंकी के कारण आईटीओ चौराहे से दिल्ली गेट तक भयंकर जाम लग गया. गाड़ियां रेंगने लगीं. जाम में फंसे लोग क्रिकेट और सोनिया को गालियां दे रहे थे. पुलिस जाम से जबरन निजात पाने की कोशिश में लगे दिल्लीवालों से तू-तड़ाक कर रही थी और उन्हें उनकी औकात समझा रही थी. पर इससे सोनिया को क्या मतलब. सोनिया ने क्रिकेट के राजनीतिकरण का जो बेहद समझदार व सतर्क खेल खेला, उसे कुछ लोग समझ पा रहे हैं, और कुछ लोग ना-समझते हुए सोनियामय हुए जा रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले ही दिनों ट्रेन जाम करने वालों को फटकारा था और इसके लिए सरकारों को भी लताड़ा था. जाम लगाना अपराध है, तो यह नियम सब पर लागू होना चाहिए. सोनिया गांधी को अगर क्रिकेट जीत का जश्न मनाने का इतना ही शौक था तो वे अपने घर के आगे सबको बुलवा लेतीं और आराम से नाचती-गातीं. वहां टीवी वाले पहुंचकर पूरे देश को उनका नाच गाना लाइव दिखा देते. पर सोनिया ने बीच सड़क पर चल रहे जश्न में शरीक होकर न सिर्फ हजारों लोगों को जाम में फंसा डाला बल्कि अपने सतही व स्टंट वाले एप्रोच का भी परिचय दे दिया. घपलों-घोटालों-समस्याओं से घिरी केंद्र सरकार और सोनिया गांधी अगर नाच-गा कर या क्रिकेट के बुखार में तप रहे लोगों के साथ कदमताल करके खुद को बचाना या बरी करना चाहते हैं तो भूल जाएं. इस देश की जनता बहुत समझदार है. वोट के दिन आने पर वो सोनिया और मनमोहन की एक-एक करतूत का हिसाब करेगी.
सोनिया जी १० सालो से इस देश के प्रधानमंत्री और जनता को नाचती आ रही है तो उनका नाचना भी एक गुप्त रहस्य है .. जो मै आप को बताने जा रहा हूँ .. दरअसल देश की सारी मीडिया और जनता सारे घोटालो और भार्स्ताचार को भूल कर क्रिकेटमय हो गई है . लगता है जैसे देश से सारा भास्ताचार मिट गया .. क्रिकेट के बुखार में मीडिया ने कई अहम् खबरे नहीं दिखाई जैसे :::

1 - सीबीआई ने 2 G घोटाले में चार्जसीट दाखिल किया .. जिसमे 32 हज़ार करोड़ का नुकसान बताया गया है [ सीबीआई प्रधानमंत्री कार्यालय के अंडर होती है . कल तक कांग्रेस और प्रधानमंत्री किसी भी नुकसान से इंकार करते थे [कपिल सिब्बल ने तो 1 रूपये के नुकसान से इंकार किया ] तो क्या ये खबर कोई छोटी मोटी खबर है ???

2 -दिल्ली एअरपोर्ट पर त्रिदमुल कांग्रेस के सांसद केडी सिंह 60 लाख नगद रूपये के साथ पकडे गए जो कोलकाता चुनाव में बाटने के लिए जा रहे थे लेकिन 1 घंटे में छोड़ दिए गए ..[दो महीने पहले केडी सिंह के यहाँ छपा मारकर पुलिस ने 27 करोड़ नगद बरामद किया था ]

3 - गोवा के एक मंत्री मुंबई एअरपोर्ट पर 1 करोड़ डालर नगद जी हाँ डालर के साथ पकडे गए जो शरद पवार और राबर्ट बढेरा के काफी करीबी माने जाते है .. उनको दुबई फिर वहां से लिंचेस्तिन [ काले धन का स्वर्ग ] जाना था
4 - शरद पवार की बेटी सुप्रिया फुले और दामाद सदानंद फुले 1200 हज़ार करोड़ की जमीन फ्री में एक ट्रस्ट में नाम से हथिया लिया ... खुद महारास्त्र की कांग्रेस सरकार ने इसे स्वीकार किया और जाच के आदेश दिए .

5 - DLF से १००० करोड़ रूपये बिना किसी कागजात के राबर्ट बढेरा की कंपनी को दिए गए जो DLF उधार देने की बात कर रहा है [ हा हा हा DLF उधार बिना किसी जमानत और कागजात के देता है दोस्तों आप लोग भी मांगो ]

6 - महारास्ट्र कांग्रेस के नेता और पूर्व गृहमंत्री कृपाशंकर सिंह के बेटे के अकाउंट में शाहिद बलवा ने 23 करोड़
रूपये जमा किये [ कृपाशंकर सिंह सोनिया के काफी करीबी नेता है वो एक ज़माने में मुंबई में घूम घूम कर सब्जी बेचा करते थे आज 1500 करोड़ के आसामी है ]

7 - शाहिद बलवा के निजी जेट का उपयोग कांग्रेस और NCP के सारे नेता अपने बाप के जहाज की तरह करते थे
शरद पवार और प्रफुल पटेल ने तो शाहिद के साथ 14 बार उसके जेट में यात्रा किया ..

8 - सीबीआई ने नीरा राडिया और कई पत्रकार जैसे बरखा दत्त ,वीर संघवी का नाम चार्जसीट में नहीं डाला क्यों ???? जबकि वो इस घोटाले की सबसे अहम् कड़ी है क्या कांग्रेस और इलेक्ट्रोनिक मीडिया में कोई डील हुई है ??

पता नहीं क्या मजबूरियां थी इलेक्ट्रानिक मीडिया की जिसने इतनी बड़ी खबर को अपने चैनल पर एक बार भी दिखाने लायक नहीं समझा. खैर इलेक्ट्रानिक मीडिया को अब अगर कोई खबर और सच्ची खबर से जोड़ कर देखता है तो ये उसकी नासमझी है क्योकि न्यूज़ चैनल अब खबर नहीं परोसते बल्कि परोसते हैं वैसी खबरें जिनका आम जन मानस से कोई सरोकार हो न हो, पर उस खबर से चैनल के लाला (मालिक) की जेब जरूर भरती हो.

वैसे, आपको क्या लगता है, सोनिया गांधी का इस तरह नाच-गाना और जाम लगाना ठीक था?
जी हाँ बिलकुल ठीक था !!! जब इस देश की जनता और मीडिया का मानस और जमीर सोनिया जी चंद पैसे में खरीद लेंगी तो उनका ही क्या किसी का भी दिल नाचने लगेगा !! वर्ल्ड कप की जीत तो एक बहाना है उसली नाचने का असली कारण यही है !!

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