Monday 18 April 2011

काग्रेस का दोगलापन

काग्रेस का दोगलापन

by Jitendra Pratap Singh on Saturday, April 16, 2011 at 4:50pm
मित्रों,समझ में नहीं आता कि कांग्रेसी कौन-सा खेल खेल रहे हैं?खेल चाहे जो भी हो वे इसे स्वच्छ तरीके से तो नहीं ही खेल रहे.एक तरफ तो अनशन तुडवाने का श्रेय राजमाता सोनिया को देकर वे उन्हें ईमानदारी की प्रतिमूर्ति बना देने पर तुले हैं वहीं दूसरी और वे अन्ना को बेईमान सिद्ध कर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ी जा रही लडाई को कमजोर भी कर रहे हैं.इस तरह का दोहरा खेल कांग्रेसी इंदिरा गाँधी के समय से ही खेल रहे हैं.आपातकाल के समय प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधान सचिव रहे पी.एन.धर ने अपनी पुस्तक इंदिरा गाँधी,आपातकाल और लोकतंत्र में बताया भी है कि किस तरह श्रीमती गाँधी अपने मंत्रियों को पहले से ही सिखा देती थीं कि वे प्रस्ताव का विरोध करेंगी और आपलोग मेरा विरोध करना.इस तरह मनोवांछित प्रस्ताव भी पारित हो जाएगा और दुनिया यह समझेगी कि कांग्रेस पार्टी में खूब आतंरिक लोकतंत्र है.
मित्रों,हमें गाँधी परिवार के इस खानदानी दोहरे चरित्र को समझना होगा और उनसे सावधान भी रहना होगा.ये लोग ऐसे जीव नहीं हैं जो आसानी से भ्रष्टाचार को समाप्त हो जाने दें.इसलिए वे हमारे साथ तरह-तरह के खेल खेलेंगे;तरह-तरह के व्यूहों की रचना करेंगे.हमें न केवल अभिमन्यु की तरह उनके बनाए चक्रव्यूहों में घुसना होगा बल्कि अर्जुन की तरह उनकी हर रणनीति पर विजय भी पानी होगी.अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम यह लडाई आरंभिक चरण में ही हार जाएँगे और प्रभावी लोकपाल की स्थापना और भ्रष्टाचारमुक्त भारत की नींव पड़ते-पड़ते रह जाएगी.

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