जल्द शुरू होने वाले एक न्यूज़ चैनल के लिए आवश्यकता है !!!!!
जल्द ही शुरू होने जा रहे हिन्दी के एक न्यूज़ चैनल के लिए देश के गांव-गांव से लेकर शहरों के गली मोहल्ले तक टीवी रिपोर्टर यानी टीवी पर खबरें देने वाले संवाददाताओं की आवश्यकता है, जो अपने शहर या मोहल्ले में होने वाली घटनाओं की रिपोर्टिंग कर सकें। आवेदक के लिए कोई शैक्षणिक योग्यता निर्धारित नहीं है। कोई भी थोड़ा पढा-लिखा आवेदन दे सकता है। लेकिन आवेदक के शहर के अपराधियों से लेकर पुलिसवालों से अच्छे संबंध होने चाहिए, ताकि उसे अपराध जगत की खबरें आसानी से मिल सकें। अगर आवेदक खुद ब्लैकमैलिंग, चोरी, लूट बलात्कार जैसे अपराध में जेल जा चुका है या किसी दुश्मन द्वारा फंसाया जा चुका है तो उसके आवेदन पर तत्काल विचार किया जाएगा। ऐसे आवेदक को अपने ऊपर चल रहे मुकदमों, पुलिस में अपने खिलाफ दर्ज रिपोर्ट, अखबार में अपने खिलाफ छपी खबरों की कतरनें आदि प्रमाण के रूप में भेजनी होंगी। अपने आवेदन के साथ चैनल को हत्या, बलात्कार, लूट, धोखाधड़ी जैसे अपराध करने वालों की सूची, उनके द्वारा किए गए सफल अपराधों की सूची और वे किस अपराध में पारंगत हैं इसका पूरा ब्योरा भेजना होगा, ताकि इस तरह के अपराधों पर चैनल उनसे तत्काल संपर्क कर उनसे इस तरह के अपराध पर विस्तार में चर्चा कर उनकी विशेषज्ञता का फायदा ले सके।
आवेदक को चाहिए कि वो अपने शहर या गांव में होने वाली हर छोटी बड़ी घटना पर नजर ही नहीं रखें, बल्कि किसी भी घटना के होने के तत्काल बाद बढ़ा-चढ़ाकर उसकी खबर दें। किसी खबर को जितनी जल्दी भेजा जाएगा, उस संवाददाता को उतना ही योग्य माना जाएगा। शहर में होने वाली चोरियां, हत्या, बलात्कार, अपहरण, अवैध शराब के अड्डे, किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रम या मेले में होने वाले फूहड़ नाच-गाने जैसी खबरें प्रमुखता से चैनल पर प्रसारित की जाएंगी। अगर कोई रिपोर्टर साहित्यिक, सांस्कृतिक या धार्मिक रुचियों की खबरें भेजेगा तो ऐसी खबरें कतई स्वीकार नहीं की जाएगी। किसी साहित्यिक आयोजन की बजाय आपके शहर में कोई फिल्मी या टीवी अभिनेत्री किसी ब्यूटी पॉर्लर का शुभारंभ करे, किसी गली मोहल्ले में कहीं कोई फैशन शो हो रहा हो, ऐसी खबरों को प्रमुखता दें।
टीवी चैनलों पर सास बहू के नकली झगड़ों को देखकर लोग अब बोर हो चुके हैं। हमारे द्वारा किए गए शोध से पता चला है कि लोग अब असली झगड़े देखना चाहते हैं। इसके लिए आप अपने गली मोहल्ले से लेकर आसपास के मोहल्लों में ऐसे परिवारों की सूची बनालें जहां आए दिन सास-बहू, देवरानी-जेठानी ननंद-भौजाई के बीच लड़ाई झगड़े होते हों। इन झगडों को आप सीधे चैनल पर भी प्रसारित कर सकते हैं और अगर आप चाहें तो इन सास बहू को या ननद-भौजाई या देवरानी-जेठानी को अपने स्टूडियो में भी ला सकते हैं। हम इनसे सीधी चर्चा कर इसका सीधा प्रसारण करेंगे, ताकि लोग समझ सकें कि घरों में आखिर ये झगड़ें क्यों होते हैं और इनको कैसे सुलझाया जा सकता है। इनसे बात करने के साथ ही हम देश के जाने माने मनोवैज्ञानिकों से, देश की जानी-मानी सासुओं और बहुओं से भी बात करेंगे। लेकिन यह ध्यान रहे कि आप हर बार अलग अलग मोहल्ले की सास-बहुओं के झगड़ें कवर करें। एक ही मोहल्ले की एक घटना का प्रसारण एक बार ही किया जाएगा। एक ही मोहल्ले से दूसरे परिवार को 'मौका' नहीं दिया जाएगा।
अगर आप सास बहुओं के झगड़ों को कवर नहीं कर सकते हैं तो गली मोहल्ले में केल खेल में लड़ने वाले बच्चों के झगडो़ से फभी अपनी रिपोर्टिंग की शुरुआत कर सकते हैं। बच्चों के लड़ाई-झगड़ों में बड़े भी कूद पड़ते हैं और कई बार बच्चों की लडा़ई महाभारत की लडा़ई को भी मात कर देती है। आप चाहें तो गली मोहल्ले में खेलेन वाले बच्चों को उकसाकर भी उनको आपस में लड़ा सकते हैं और टीवी पर लाईव दिखा सकते हैं। टीवी पर बच्चों की लडा़ई दिखाने के बाद उनके माँ-बाप, मोहल्ले वाले और फिर उनकी जाति और समुदाय वाले भी बीच में कूद जाएंगे और इस तरह हम अपने चैनल पर बार बार यह चेतावनी देते रहेंगे कि यह झगड़ा सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले सकता है। इस तरह आप चाहें तो एक छोटी सी घटना को बड़ी घटना में वदलकर पूरे प्रशासन को और सरकार को कटघरे में खड़ा कर सकते हैं।
आप चाहें तो ऐसी किसी घटना की रिपोर्टिंग करने के दो-चार दिन पहले बच्चों के आपसी झगड़े को दिखाकर यह चेतावनी दे सकते हैं कि ये झगड़ा कभी भी हिंसक रूप ले सकता है, जाहिर है प्रशासन आपकी इस बात को कतई गंभीरता से नहीं लेगा। इस खबर के प्रसारण के दो चार दिन बाद आप बच्चों को अच्छी तरह भड़काकर उनको लड़ा सकते हैं। इस संबंध में अगर किसी तरह के मार्गदर्शन की जरुरत हो तो तत्काल स्टुडियो से संपर्क कर सकते हैं। शीघ्र ही आने वाले देश के एक सबसे तेज न्यूज़ चैनल के लिए आपराधिक मानसिकता में जीने वाले, अपराधियों और ब्लैकमेलरों से संपर्क रखने वाले होशियार, तेजतर्रार और खबर को सूंघकर पहचान सकने वाले तत्काल आवेदन करें।
जल्द ही शुरू होने जा रहे हिन्दी के एक न्यूज़ चैनल के लिए देश के गांव-गांव से लेकर शहरों के गली मोहल्ले तक टीवी रिपोर्टर यानी टीवी पर खबरें देने वाले संवाददाताओं की आवश्यकता है, जो अपने शहर या मोहल्ले में होने वाली घटनाओं की रिपोर्टिंग कर सकें। आवेदक के लिए कोई शैक्षणिक योग्यता निर्धारित नहीं है। कोई भी थोड़ा पढा-लिखा आवेदन दे सकता है। लेकिन आवेदक के शहर के अपराधियों से लेकर पुलिसवालों से अच्छे संबंध होने चाहिए, ताकि उसे अपराध जगत की खबरें आसानी से मिल सकें। अगर आवेदक खुद ब्लैकमैलिंग, चोरी, लूट बलात्कार जैसे अपराध में जेल जा चुका है या किसी दुश्मन द्वारा फंसाया जा चुका है तो उसके आवेदन पर तत्काल विचार किया जाएगा। ऐसे आवेदक को अपने ऊपर चल रहे मुकदमों, पुलिस में अपने खिलाफ दर्ज रिपोर्ट, अखबार में अपने खिलाफ छपी खबरों की कतरनें आदि प्रमाण के रूप में भेजनी होंगी। अपने आवेदन के साथ चैनल को हत्या, बलात्कार, लूट, धोखाधड़ी जैसे अपराध करने वालों की सूची, उनके द्वारा किए गए सफल अपराधों की सूची और वे किस अपराध में पारंगत हैं इसका पूरा ब्योरा भेजना होगा, ताकि इस तरह के अपराधों पर चैनल उनसे तत्काल संपर्क कर उनसे इस तरह के अपराध पर विस्तार में चर्चा कर उनकी विशेषज्ञता का फायदा ले सके।
आवेदक को चाहिए कि वो अपने शहर या गांव में होने वाली हर छोटी बड़ी घटना पर नजर ही नहीं रखें, बल्कि किसी भी घटना के होने के तत्काल बाद बढ़ा-चढ़ाकर उसकी खबर दें। किसी खबर को जितनी जल्दी भेजा जाएगा, उस संवाददाता को उतना ही योग्य माना जाएगा। शहर में होने वाली चोरियां, हत्या, बलात्कार, अपहरण, अवैध शराब के अड्डे, किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रम या मेले में होने वाले फूहड़ नाच-गाने जैसी खबरें प्रमुखता से चैनल पर प्रसारित की जाएंगी। अगर कोई रिपोर्टर साहित्यिक, सांस्कृतिक या धार्मिक रुचियों की खबरें भेजेगा तो ऐसी खबरें कतई स्वीकार नहीं की जाएगी। किसी साहित्यिक आयोजन की बजाय आपके शहर में कोई फिल्मी या टीवी अभिनेत्री किसी ब्यूटी पॉर्लर का शुभारंभ करे, किसी गली मोहल्ले में कहीं कोई फैशन शो हो रहा हो, ऐसी खबरों को प्रमुखता दें।
टीवी चैनलों पर सास बहू के नकली झगड़ों को देखकर लोग अब बोर हो चुके हैं। हमारे द्वारा किए गए शोध से पता चला है कि लोग अब असली झगड़े देखना चाहते हैं। इसके लिए आप अपने गली मोहल्ले से लेकर आसपास के मोहल्लों में ऐसे परिवारों की सूची बनालें जहां आए दिन सास-बहू, देवरानी-जेठानी ननंद-भौजाई के बीच लड़ाई झगड़े होते हों। इन झगडों को आप सीधे चैनल पर भी प्रसारित कर सकते हैं और अगर आप चाहें तो इन सास बहू को या ननद-भौजाई या देवरानी-जेठानी को अपने स्टूडियो में भी ला सकते हैं। हम इनसे सीधी चर्चा कर इसका सीधा प्रसारण करेंगे, ताकि लोग समझ सकें कि घरों में आखिर ये झगड़ें क्यों होते हैं और इनको कैसे सुलझाया जा सकता है। इनसे बात करने के साथ ही हम देश के जाने माने मनोवैज्ञानिकों से, देश की जानी-मानी सासुओं और बहुओं से भी बात करेंगे। लेकिन यह ध्यान रहे कि आप हर बार अलग अलग मोहल्ले की सास-बहुओं के झगड़ें कवर करें। एक ही मोहल्ले की एक घटना का प्रसारण एक बार ही किया जाएगा। एक ही मोहल्ले से दूसरे परिवार को 'मौका' नहीं दिया जाएगा।
अगर आप सास बहुओं के झगड़ों को कवर नहीं कर सकते हैं तो गली मोहल्ले में केल खेल में लड़ने वाले बच्चों के झगडो़ से फभी अपनी रिपोर्टिंग की शुरुआत कर सकते हैं। बच्चों के लड़ाई-झगड़ों में बड़े भी कूद पड़ते हैं और कई बार बच्चों की लडा़ई महाभारत की लडा़ई को भी मात कर देती है। आप चाहें तो गली मोहल्ले में खेलेन वाले बच्चों को उकसाकर भी उनको आपस में लड़ा सकते हैं और टीवी पर लाईव दिखा सकते हैं। टीवी पर बच्चों की लडा़ई दिखाने के बाद उनके माँ-बाप, मोहल्ले वाले और फिर उनकी जाति और समुदाय वाले भी बीच में कूद जाएंगे और इस तरह हम अपने चैनल पर बार बार यह चेतावनी देते रहेंगे कि यह झगड़ा सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले सकता है। इस तरह आप चाहें तो एक छोटी सी घटना को बड़ी घटना में वदलकर पूरे प्रशासन को और सरकार को कटघरे में खड़ा कर सकते हैं।
आप चाहें तो ऐसी किसी घटना की रिपोर्टिंग करने के दो-चार दिन पहले बच्चों के आपसी झगड़े को दिखाकर यह चेतावनी दे सकते हैं कि ये झगड़ा कभी भी हिंसक रूप ले सकता है, जाहिर है प्रशासन आपकी इस बात को कतई गंभीरता से नहीं लेगा। इस खबर के प्रसारण के दो चार दिन बाद आप बच्चों को अच्छी तरह भड़काकर उनको लड़ा सकते हैं। इस संबंध में अगर किसी तरह के मार्गदर्शन की जरुरत हो तो तत्काल स्टुडियो से संपर्क कर सकते हैं। शीघ्र ही आने वाले देश के एक सबसे तेज न्यूज़ चैनल के लिए आपराधिक मानसिकता में जीने वाले, अपराधियों और ब्लैकमेलरों से संपर्क रखने वाले होशियार, तेजतर्रार और खबर को सूंघकर पहचान सकने वाले तत्काल आवेदन करें।
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