Monday, 18 April 2011

एक पैगाम – राहुल गाँधी के नाम

एक पैगाम – राहुल गाँधी के नाम

कांग्रेस के महासचिव राहुल गाँधी जी ने देश के सामने सर्वहारा का चित्र रखा जो उन्होंने गत वर्षो के अथक मेहनत जन जागरण विभिन्न प्रान्तों के दौरे आदिवासी,हरिज़न, रेलयात्रिओं, विदेशी नाना मामाओं, राजदूतों, चाटुकार मंत्रिओं पार्टी के कर्णधारों को तोल, नाप, सुन, बोल, देख कर समझा, अत्यंत साधुवाद……………….

उन्होंने और कोंग्रेस की रास्ट्रीय अध्यक्ष जी ने और फिर उनके महासचिवों ने आतंकवाद के विषय देश के सामने रखा. बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक को गुनाहगार बताते हुए दुनाली आर अस अस और भा ज पा की और मोड़ दी.

देश की स्वतंत्रता देश के बटवारे की लाश पर समझोता करने वाले-जबकि महत्मा गांधीजी को यह मंजूर नहीं था- काश्मीर की समस्या को जन्म देने वाले- जबकि महाराजा हरीसिंह ने कश्मीर का भारत में पूर्ण विलय किया था, ६० वर्षों से अंग्रेजी को हिंदी पर लादे रखने वाले, देश को आकली आतंकवाद में डुबोने वाले आज क़ुरबानी की, हिन्दू आतंकवाद की,गत ८५ वर्षों से धर्म, समाज, देश सेवा में रत महान परम्परा का निर्वाह करनेवाली आर एस एस और सहयोगी संस्थओं की और ऊँगली उठा कर देश उस के सर्वहारा को बदनाम कर रहे हैं.

शायद यह विदेशी खून के कारण हो रहा है. जैचंद तो हमारे देश में होते रहे है इसलिए दिग्विजयों का भी वो ही हश्र होगा जो जैचंदो का होता रहा है

कल दौ प्रधानमंत्रिओं के बलिदान का जिक्र सुना वोह जिक्र निसंदेह लाल बहादुर शास्त्रीजी का नहीं था बल्कि बोत्तल से जिन बाहिर करने वाल करिश्मैयी इंद्राजी और भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव जी का ही रहा होगा

शायद राहुल इतिहास नहीं याद रखते.——–

उन दोनों महान आत्माओं की हत्या बहुसंख्यक नहीं, उनके खुद ही त्यार किये गये लोगों ने ही कि थी अकाली आतंकवाद के नाम एक आम आदमी भिंडरवाला को खड़ा किसने कि या उसको ताकत किसने दी ? उसका जबाब कोंग्रेस को देना ही पड़ेगा .और भस्मासुर बनकर क्या उसके लोगो ने इंदिरा गाँधी को नहीं मारा ?जो दुसरो के लिये खड्डे खोदता है अन्नतः उसमे गिरता ही है .

लिट्टे को किसने खड़ा किया ? क्या किसी से छिपा है , और आखिर में श्री राजीव कि जान किसने ली इसको भी बताओ उसमे भी कट्टरवादी हिन्दू स्न्ग्थानो का हाथ था ,

जो बात आपके और अमरीकी राजदूत के बीच हुई उसका सन्दर्भ क्या था ? ये भी नहीं मालुम होगा . क्योकि आधी बात हमेशा खतरनाक होती हैं .

सन्दर्भ शायद था धर्म परिवर्तन ,

अगर किसी देश को अपने कब्जे में लेना हो तो पहले उसकी संस्कृति पर हमला करो ,

धार्मिक हमला करो , आर्थिक हमला करो , राजनितिक हमला करो फिर इसके बाद फौजी हमला करो .

इतिहास उठाकर देखो …अगर आप पड़े लिखे हैं ….

किसी भी देश को कमजोर करने के लिये ये चीजे मेने तो पड़ी है और इतिहास में इसका उल्लेख भी है , पर क्या क्या करे कुछ जयचंद जो हर देश व हर काल में पैदा हो जाते है , जो कि विदेशी एजेंट का कार्य करते है .

जैसे बोफोर्स केस जिसमे आपकी पार्टी ने कितनी खूबसूरती से शायद आपके इटली के रिश्तेदार श्रीमान कत्रोची जी को बाहर कर दिखाया.

आदर्श सोसाईटी घोटाला क्या देशद्रोह की प्रकाष्ट्ता नहीं है, कामनवेल्थ गेम या एंडरसन को देश से सुरक्षित निकालनेवाले सभी

हाँ तो मै बात कर रहा था धर्म परिवतन की. जब अमेरिकी राजदूत ने पूछा की इस पर क्या कार्य चल रहा है ?

श्रीमान राहुल, आपने कहा क़ि मुस्लिम जमातो से नहीं पर कुछ कट्टरवादी हिन्दू संगठनो से ज्यादा खतरा है …

क्योकि उसको कंधमाल याद आ गया था …जो क़ि एक सच है ,

इस देश में पहले पूर्णिमा व अमावस्या कीछुट्टी होती थी – पर मुग़ल आने के बाद जुम्मे की छुट्टी होने लगी क्या यह गलत है ? इसके बाद ब्रिटिश आने के बाद रविवार को छुट्टी घोषित कर दी गयी क्योकि इस देश को जो की छदम धर्म निरपेछ का नारा जपता है पर असल में इसाइयत में विशवास करता है . आज भी गावो में अमावस्या को खेत में हल नहीं चलाते है . धार्मिक आक्रमण तो हो ही चूका है क्या इसको अपने को आप अब भी मानने को तैयार है ? भारत को अगर हिन्दुत्व हटाना है तो उस पर चारो और से आक्रमण की तैयारी होती है पर सफल तो ये नहीं होंगे .

जब अपने यहाँ की आयार्वेदिक चिकित्सा पद्धति पर बाबा राम देव कार्य कर रहे थे तो विदेशी पैसे के बल पर उनको भी धमकाने का असफल प्रयास हम भूले नहीं है .

§ क्या इसमें तथाकथित अपने को सेक्लुलर लोगो ने अपनी भूमिका मल्टीनेशनल कम्पनियों से पैसा लेकर अदा की . ये लोग ही इस हिन्दुस्तान के शत्रु है

§ क्या यह सही नहीं है क़ि स्वामी कृष्णानंद क़ि हत्या धर्म परिवर्तन रोकने के कारण हुई थी ?

§ क्या यह सही नहीं है गोधरा से पहले कारसेवको की जिन्दा जलाकर हत्या हुई थी ?

§ क्या यह सही नहीं है कि भारत को कमजोर करने की साजिस में विदेशी पैसो का इस्तेमाल हो रहा है ?

और यहाँ का पैसा विदेशी बेंको में पहुचाया जा रहा है ?

अगर हिन्दू कट्टरपंथी होता तो ना तो मोहम्मद गोरी हिंदुस्तान को लुटता और ना ब्रिटिश आकर यहाँ २०० साल तक राज्य कर सकता था .कुछ जय चंद तो हर काल में पैदा होते रहे है जो विदेशियों के तलुए चाटने का कार्य करते रहे है . यह भी उतना ही सच है कि सूरज पूरब से निकलता है और पश्चिम में अस्त होता है

भारत पर विश्व कि नज़र है , जब सम्पूर्ण विश्व मंदी कि मार झेल रहा है भारत में उसका असर क्यों नहीं हो रहा ?क्यों ना यहाँ आकर इस देश को लुटा जाए क्यों ना यहाँ पर अपना माल बेचा जाये ? इसके लिये होड़ मची हुई है . सत्ता के दलाल इसके लिये तैयार बैठे है .कमीशन मिलेगा

· -इस वर्ष में विश्व कि बड़ी बड़ी हस्तियों ने भारत का दौरा किया .

· अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा आये अपने देश के लिये ५०.००० नौकरियों का इंतजाम करके गए .

· फिर आये फ़्रांस के निकोलस सरकोजी – वे भी अपना परमाणु संयंत्र बेचकर गए और कुछ और भी सौदे करके गए .

· फिर आये चीन के प्रधान मंत्री -वे भी अपने साथ व्यापारियों का दल लेकर आये थे और अपना कार्य करके गए .

· अब रशिया के प्रधानमंत्री आये है वे भी भारत के साथ कुछ ना कुछ लेकर जायेगे .

· इस देश में किसान क्यों आत्महत्या कर रहा है , इसका एक मात्र कारण उसको उसकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिलना है ? फिर बाजार में महगाई क्यों ? हर बार कृषि मंत्री एलान करते है कि फसल अच्छी हुई है फिर उस फसल का निर्यात खोल देते है जिससे १० दिन में ही बाजार में वह वस्तू गायब हो जाती है . और उसके रेट बाजार में बद जाते हैं .

· अभी दिनांक १० दिसंबर को कृषि मंत्री ने यह कहते हुए कि चीनी का उत्पादन अच्छा हुआ है और निर्यात खोल दिया . १० दिन में ही निर्यात खुलते ही २८ रूपये बिकने वाली चीनी अब ३३ रूपये बिकने लगी . क्या आप समझते है कि यह एक सोची समझी चाल नहीं नहीं है क्या ?

· विपछ का ध्यान अभी २ जी स्पेट्रम पर है और कृषि मंत्री माल काटने का मौका नहीं चुक रहे . ध्यान रहे उन्होंने माल काटने वाले व्यापारियों का आहावन किस प्रकार किया …बानगी मौजूद है …मै अगला चुनाव नहीं लडूंगा –यानी माल काटना है तो काट लो .

न कभी विन चढ़ा, कत्रोची अब नीरा राडिया जैसे दलाल मंत्रिमंडल का गठन करवाते हैं शायद आपसे भी मिले होंगे.?

अगर मिलना ही किसी के आतंकवादी, भ्रष्टाचारी होने की नीसानी है तो माननीय इन्द्रेश जी ही क्यों ? आप भी माननीय – राहुलजी, और आपकी माताजी,आपकी मौसिआं और हरिश्चंदर प्रधानमंत्रीजी भी सीबीआई की पूछताछ के घेरे में रहे होंगे? या रहना चाहेंगे? या इसही भय के कारण, पूर्ण विपक्ष को धत्ता बताते हुए, देश के अरबों रुपिओं की होली जलाते हुए,संसद की जेपीसी गठन करने में असमर्थ हो गये

श्रीमान राहुल जी, आपको देश की राजनीती में- अपने पडनानाजी श्री नेहरूजी के पंचशील के सिधांत, परम पूजनीय अटलजी के शब्दों में दुर्गारूप, अपनी नानीजी श्रीमती इंदिरागाँधीजी का औजस्व और तेज जो उन्होंने बंगलादेश बना कर परमाणु परीक्षण कर दिखाया-,लालबहादुर शास्त्री जी का जय जवान-जय किसान और जिस पुण्यात्मा रास्ट्रपिता ‘गाँधी’ का नाम आप साथ लिए हैं , उनकी रामराज्य और राम में भक्ति और विश्वास से मार्गदर्शन लें और दिग्विजय जैसे जैचंदो द्वारा शायद लिखित भाषणों को पढ़ कर कृपया देश को गुमराह ना करें.

ü आजका मुसलमान भाई, आज पढ़ा लिखा, भारत का नागरिक है. विश्व मंगल ग्राम-गौयात्रा ने ८.५ करोड़ हस्ताक्षर जिसमे देश के कौने कौने से मुस्लमान भाइयों ने भाग लिया, हस्ताक्षर किये और

ü बिहार में बहुसंख्यकों के साथ विकास की धरा में जुड़ कर लालटेन बुझा दी, और हाथ को हाथ दिखा दिया,

ü साथ में आपकी मर्यादा भी ना रखी और नेत्र्त्व को भी नकार दिया.

ü क्या आपने अपना देश छोड़ कर बाहर रहने का कार्यक्रम बना लिया है जैसे मकबूल फिद्दा हुसैन साहिब रह रहे हैं r?

ü क्या आपकी पार्टी को कभी ८.५० करोड़ वोट भी मिले हैं.अगर नहीं तो प्रिय, भारत की अगली पीढ़ी के नेत्रधार, जागो और देश को तोड़ने के बजाये जोड़ने का काम करो. कोसने की बजाये सरहाने का काम करो.

ü देश में विदेशी आतंकवादिओं को पहिचानते हो, उन्हें अपनी राजदूतों की बात चीत में सामने लाओ. नाकि बेगुनाहों पर झूठा शक दिखा कर उन आतंक वदिओं की राह आसान करो.

आपका देश में शुभचिन्तक

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