सोनिया गांधी का बेनामी है हसन अली
जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले को सामने लाने में अहम भूमिका निभानेवाले सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि हसन अली कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी का बेनामी है. असल में स्विस बैंकों में जो पैसा है वह सोनिया गांधी का ही है जिसे हसन अली के नाम पर देश से बाहर जमा किया गया है. इसीलिए हसन अली को लगातार बचाने की कोशिश की जा रही है.
दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए स्वामी ने कहा कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि हसन अली ने स्वीकार किया है कि जो पैसा है वह सोनिया गांधी का है. प्रेस कांफ्रेस के बाद एक विशेष बातचीत में स्वामी ने यह खुलासा भी किया कि इस संबंध में एक सीडी है लेकिन केन्द्र सरकार उस सीडी को नष्ट करके सारे सबूत मिटा देना चाहती है. उन्होंने आशंका जताई कि सरकार उस सीडी को नष्ट करके हसन अली के इस बयान को हमेशा हमेशा के लिए खत्म कर देने की कोशिश कर रही है. जब हमने उनसे यह पूछा कि इस संबंध में वे खुद कोई खुलासा क्यों नहीं करते? वह सीडी सार्वजनिक क्यों नहीं करते? तो स्वामी का कहना था कि वक्त आने पर वे ऐसा करेंगे.
पत्रकारों से बात करते हुए स्वामी ने सोनिया गांधी और उनके परिवार पर कई सनसनीखेज आरोप लगाये हैं. स्वामी का कहना है कि सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा का यूनिटेक में 20 प्रतिशत शेयर है. यह यूनिटेक वही कंपनी है जो यूनिनॉर नाम से मोबाइल सेवा प्रदान करती है और इस कंपनी को स्पेक्ट्रम दिलाने में नीरा राडिया की संदिग्ध भूमिका सामने आयी थी. स्वामी का कहना है कि टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले में 60 प्रतिशत से अधिक पैसा सोनिया गांधी के परिवार के पास पहुंचा है इसलिए यह सरकार सिर्फ ए राजा के सिर पर सारा ठीकरा फोड़कर इस मामले को दबा देना चाहती है. स्वामी ने गृहमंत्री चिदम्बरम को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि चिदम्बरम घोटाले के पैसे को खपाने की कानूनी सलाह देते हैं इसलिए गृहमंत्री बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि टूजी घोटाले में चिदम्बरम की भूमिका की जांच होनी चाहिए. हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बचाव किया और कहा कि उनके हाथ में कुछ है नहीं, इसलिए वे कुछ कर ही नहीं सकते.
कालेधन पर अपने अभियान के तहत आगामी 1-2 अप्रैल को दिल्ली में एक सेमिनार का आयोजन किया गया है जिसके बारे में जानकारी देने के लिए यह प्रेस कांफ्रेस आयोजित की गयी थी.
जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले को सामने लाने में अहम भूमिका निभानेवाले सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि हसन अली कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी का बेनामी है. असल में स्विस बैंकों में जो पैसा है वह सोनिया गांधी का ही है जिसे हसन अली के नाम पर देश से बाहर जमा किया गया है. इसीलिए हसन अली को लगातार बचाने की कोशिश की जा रही है.
दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए स्वामी ने कहा कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि हसन अली ने स्वीकार किया है कि जो पैसा है वह सोनिया गांधी का है. प्रेस कांफ्रेस के बाद एक विशेष बातचीत में स्वामी ने यह खुलासा भी किया कि इस संबंध में एक सीडी है लेकिन केन्द्र सरकार उस सीडी को नष्ट करके सारे सबूत मिटा देना चाहती है. उन्होंने आशंका जताई कि सरकार उस सीडी को नष्ट करके हसन अली के इस बयान को हमेशा हमेशा के लिए खत्म कर देने की कोशिश कर रही है. जब हमने उनसे यह पूछा कि इस संबंध में वे खुद कोई खुलासा क्यों नहीं करते? वह सीडी सार्वजनिक क्यों नहीं करते? तो स्वामी का कहना था कि वक्त आने पर वे ऐसा करेंगे.
पत्रकारों से बात करते हुए स्वामी ने सोनिया गांधी और उनके परिवार पर कई सनसनीखेज आरोप लगाये हैं. स्वामी का कहना है कि सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा का यूनिटेक में 20 प्रतिशत शेयर है. यह यूनिटेक वही कंपनी है जो यूनिनॉर नाम से मोबाइल सेवा प्रदान करती है और इस कंपनी को स्पेक्ट्रम दिलाने में नीरा राडिया की संदिग्ध भूमिका सामने आयी थी. स्वामी का कहना है कि टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले में 60 प्रतिशत से अधिक पैसा सोनिया गांधी के परिवार के पास पहुंचा है इसलिए यह सरकार सिर्फ ए राजा के सिर पर सारा ठीकरा फोड़कर इस मामले को दबा देना चाहती है. स्वामी ने गृहमंत्री चिदम्बरम को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि चिदम्बरम घोटाले के पैसे को खपाने की कानूनी सलाह देते हैं इसलिए गृहमंत्री बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि टूजी घोटाले में चिदम्बरम की भूमिका की जांच होनी चाहिए. हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बचाव किया और कहा कि उनके हाथ में कुछ है नहीं, इसलिए वे कुछ कर ही नहीं सकते.
कालेधन पर अपने अभियान के तहत आगामी 1-2 अप्रैल को दिल्ली में एक सेमिनार का आयोजन किया गया है जिसके बारे में जानकारी देने के लिए यह प्रेस कांफ्रेस आयोजित की गयी थी.
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