Monday 18 April 2011

अजमल कसाब को दूसरे जन्मदिन की बधाई !

अजमल कसाब को दूसरे जन्मदिन की बधाई !


प्यारे कसाब !

आज तुम्हारे दो साल पूरे करने पर हम लोग इतने खुश हैं कि जुबान से कुछ कहे नहीं बन पड़ रहा है |

तुम जब से आये हो हमारे सेक्यूलर इंडिया में बहारें आ गयी हैं |

अतिथि देवो भव – मेहमान हमारा भगवान होता है – लेकिन तुम तो अब हमारे घर के एक सदस्य बन गए हो |

अब हमें छोड़ कर जाने का ख्याल भी अपने मन में न लाना – हम जाने ही नहीं देंगे – हमारा दिल जो टूट जायेगा |

देखो न – हमने तुमको कितने जतन से रख रक्खा है – कितनी हिफाजत दे रक्खी है – तुम्हारे हर नाज-ओ नखरे ख़ुशी ख़ुशी उठाते हैं |

तुम्हारी अदाओं पे बलिहारी जाते हैं |

तुम हमारे ऊपर थूक भी देते हो तो हम उसका बिलकुल बुरा नहीं मानते बल्कि हम तो ये समझ कर खुश होते हैं कि चलो कम से कम तुमने हमको अपना तो समझना शुरू किया |

तुम यहाँ जिन्दगी भर रहो ये मुल्क तुम्हारा ही है |

मुफ्त का खाना पीना कपड़े मकान सब तुम पर न्योंछावर हैं |

तुम्हारा मन लगा रहे – बठे बैठे कोफ़्त होती होगी – इसलिए हमने तुम्हारा मन बहलाने के लिए तरह तरह के काले कोट वाले ट्यूटर लगा रक्खे हैं |

वैसे तुम खुद ही सारा इल्म ले कर ही हमारे मुल्क में पैदा हुए थे रखते हो लेकिन फिर भी ट्यूटरों का काम अच्छे भले इन्सान को तोते की तरह पाठ पढ़ाना होता है सो वो अपना काम कर रहें है और उनके मेहनताने की परवाह मत करना – सब मुफ्त में है – खास तुम्हारे लिए |

हमारे मुल्क में कुछ निहायत घटिया किस्म के लोग जो खुद को ईमानदारी से टैक्स भरने वाला कहते फिरते हैं – यूँही बेकार की बकवास करते रहते हैं कि उनके पैसे पर तुम्हारी खिदमत की जा रही है – लेकिन उन बेवकूफों को ज़रा भी इल्म नहीं है कि हम लोग तो यह काम पिछले ६३ सालों से कर रहें हैं और करते रहेंगे जिसका सबूत यह है कि हमने तुम्हारे जैसों को जिन्दगी भर पालने के लिए पड़ोसियों को बार बार दरखास्त दी है – हाथ जोड़ कर गुज़ारिश की है – लेकिन वो हमारी तो सुनते ही नहीं है | पता नहीं कैसे कूढ़मगज पड़ोसियों से पाला पड़ा है |

प्यारे कसाब – जब तुम्हें शादी करने की जिस्मानी जरुरत महसूस होने लगे तो ज़रा भी शर्म मत करना – हमारे सेक्यूलर नेताओं ने तुम्हारे जैसे होनहार को दामाद बनाने के लिए “कवायद” शुरू कर दी है |

हमारे फ़िल्मी सेक्यूलर लोग तो तुम्हारे कारनामों को देख दंग हैं और तुम्हें हीरो की तरह ले कर कई फ़िल्में बनाने का काम शुरू कर दिया है |

कई सेक्यूलर हीरोइनों ने तो तुम्हारी हिरोइन बनाने की हसरत में उनके लड़की ही पैदा हो – ऐसी मन्नतें भी मांगी हैं |

तुम्हारी जिन्दगी इस मुल्क में ऐसी खुशहाल होगी कि तुम ख्वाबों में भी नहीं सोच सकते |

बस तुम्हें थोड़ी डायलौग डिलीवरी सीखनी पड़ेगी और थोड़ा सा कमर मटकाना – बस उसके बाद तो सारे खान चारों खाने चित्त पड़े मिलेंगे क्योंकि तमंचे बन्दूक चलाने और फायटिंग में तो तुम्हें जन्मजात महारत हासिल है |

फिल्मों के बाद तुम सेक्यूलर राजनीति में भी आ सकते हो – सच मानो – पैसा ही पैसा बरसेगा – हींग लगे न फिटकरी और रंग आये चोखा |

बस – हम तो यही फरियाद करते रहेंगे की – परदेसी परदेसी जाना नहीं – हमें छोड़ कर – हम जी न सकेंगे तुम्हारे बिना |

तुम शाद रहो – आबाद रहो – बस इस सेक्यूलर मुल्क में ही रहो – यही तमन्ना है |

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