Wednesday 20 April 2011

इस देश में नरेन्द्र मोदी की तारीफ करना मना है !! क्योकि सोनिया के अलावा इस देश में न कोई महान है और ना कोई होगा !!! लेकिन बेचारे कांग्रेसी क्या करे ? मोदी की तारीफ किये बना रह भी तो नही सकते !! उत्तराखंड मे मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने मोदी जी की खूब तारीफ की, हाईकमान ने जबाब तलब किया

इस देश में नरेन्द्र मोदी की तारीफ करना मना है !! क्योकि सोनिया के अलावा इस देश में न कोई महान है और ना कोई होगा !!!

आखिर सरकार कोई ऐसा कानून क्यों नहीं बना देती कि जो मोदी की तारीफ करेगा उसे देश निकला हो जायेगा .. इस देश के "शर्म निरपेक्षों " को दिल्ली के शिख्खो का नरसंहार और भागलपुर तथा मेरठ के दंगे क्यों नहीं याद आते है ?? आज हर बात पर मोदी जी की ख़ामोशी हमें याद दिला देती है कि "हाथी अपनी मस्त चाल में चुपचाप चलती जाती है और "खाजेले" कुत्ते भोकते ही रह जाते है "

आज क्यों इन शर्म निरपेक्षों को गुजरात का चतुर्दिक विकास नज़र नहीं आ रहा है ?? गुजरात एकमात्र देश का ऐसा राज्य है जहा पॉवर कट नहीं होती . अहमदाबाद ,बरोदा ,सूरत ,राजकोट सहित राज्य के बहुत से शहरो में "फ्लाई ओवर " के जाल बन रहे है . जो BRTS दिल्ली में अरबो रूपये खर्च करने के बाद भी फेल हो गया उसे अहमदाबाद ने सफल बना कर दिखा दिया ..

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ अच्छे-अच्छे धर्मनिरपेक्षों को शर्मनिपेक्ष बनने पर मजबूर कर देती है। चाहे वो कट्टरपंथियों के गले की फांस बने दारुल उलूम (देश में शिया मुस्लिम समुदाय की सबसे बड़ी संस्था) के नए कुलपति मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तनवी हों या भारतीय फिल्मों के महानायक अमिताभ बच्चन। चाहे नक्सलियों के दलालों से घिरे प्रख्यात समाजसेवी गांधीवादी अन्ना हजारे। चाहे सपा नेता शाहिद सिद्दीकी हो या सीपीआई सांसद अब्दुल्ला कुट्टी | चाहे कांग्रेसी सांसद विजय दर्डा हो या सेनाउप प्रमुख हो  या फिर विश्व की प्रतिष्ठित पत्रिका टाइम हो या फिर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला हो |

मित्रों इतना ही नही गुजरात कांग्रेस की पत्रिका मे भी मोदी जी की खूब तारीफ की गयी थी |


इसी  कड़ी के ताजा नाम जुड़ा है उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा का | उन्होंने राज्य के निवेशको और उद्योगपतियों के एक सम्मेलन मे मोदी जी की खूब तारीफ की और गुजरात के विकास माडल को देश का सर्वश्रेष्ठ बताया \

अन्ना ने नरेंद्र मोदी की तारीफ क्या कर दी इटलीपरस्त वफादारों को मानो हिस्टीरिया का दौरा पड़ गया हो। गाँधी के नाम पर रोटी तोड़ रहे कांग्रेसियों ने अपनी आका (मैडम सोनिया) को खुश करने के लिए मोर्चा संभाल लिया। अब ऐसे समय में भला दिग्गी राजा कैसे चुप रहते। दिग्गिलिक्स के खुलासों ने अन्ना हजारे जैसे लोकतंत्र के नए वाहक (मिडिया की नज़रों में आधुनिक गांधी) को भी भीगी बिल्ली बनने पर मजबूर कर दिया।

अंततः अन्ना को धर्मनिरपेक्ष का तमगा हासिल करने के लिए पत्रकार वार्ता कर कहने पर मजबूर होना पड़ा कि उन्होंने विकास की तारीफ की थी मोदी की नहीं, जब अन्ना हजारे जैसा मजबूत रीढ़ का आदमी कांग्रेसी हमले पर कोना पकड़ जाता है तो वाकई शर्म की बात है। लगता है अन्ना में भी तुष्टिकरण वाला गांधीवादी विषाणु प्रत्यारोपित कर दिया गया है।

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात से पहले ही वाकिफ हो चुके हैं, उन्होंने उसी समय समाजसेवी अन्ना हजारे से कहा कि ‘अन्ना आपने मेरे बारे में अच्छा क्यों बोला? आपको अब उन सामाजिक कार्यकर्ताओं का गुस्सा झेलना पड़ेगा जिन्हें गुजरात के नाम से ही चिढ़ है। ये लोग आपके खिलाफ दुष्प्रचार की मुहिम शुरू कर देंगे।’ यह बात उन्होंने हजारे को लिखे अपने खुले खत में कही है। मोदी ने लिखा है, ‘ कल मैंने मुझे और मेरे राज्य को दिए आपके आशीर्वाद के बारे में सुना। मुझे डर है कि अब आपके खिलाफ निंदा अभियान शुरू हो जाएगा। गुजरात के नाम से ही चिढ़ जाने वाला एक खास ग्रुप आपके प्यार, बलिदान, तपस्या और सच के प्रति समर्पण पर कालिख पोतने का मौका नहीं छोड़ेगा। वे आपकी छवि खराब करने की पूरी कोशिश करेंगे,सिर्फ इसलिए कि आपने मेरे और मेरे राज्य के बारे में कुछ अच्छा कहा।’

लोकतंत्र में अपने विचार प्रकट करने की सुविधा हर इंसान को है। अगर अन्ना हज़ारे ने मोदी के काम की तारीफ की तो किसी भी वर्ग (खासकर राजनीति को घर की खेती समझने वाली कांग्रेस पार्टी) को गुस्सा आने की जरूरत क्या है। अन्ना हज़ारे ने नीतीश कुमार के काम की भी तारीफ की है, अगर उनकी तारीफ से लोगों को एतराज़ नही है तो मोदी की तारीफ से क्यूँ? आज देश का विकास चाहने वाला यही कहेगा आप विकास कीजिए सारा देश आपके साथ है। जिन्हें कुछ नहीं करना है उन्हें केवल बोलने दीजिए।

मित्रों जिसने भी मोदी जी की तारीफ की उसे जमाने का कहर भुगतना पड़ा | जैसे मोदी की तारीफ करना कोई अपराध हो |

एक खास वर्ग है जिसे देशभक्ति में कट्टरवाद दिखता है, केसरिया रंग के कपड़े पहनने वाले भगवा आतंकी के रूप में नज़र आते हैं, अलगाववादिओं के साथ कश्मीर को पाकिस्तान को देने की वकालत करते है, पेज 3 की पार्टी और शराब मे डूबकर रोज घर जाना, उनकी आदत में शुमार है। ऐसे लोगों को नीतीश, मोदी जैसे नेता ओर उनका विकास नही चाहिए, उनको राजनैतिक चुहलबाजी के लिए लालू (नौटंकी बाज़), अमर सिंह (शायरीबाज़), मुलायम जैसे लोग, या फिर अपनी छवि निखारने के लिए इन मीडिया के दलालों को ऐश करवाने वाले नेता (युवा गांधी), अभिनेता और राजनेता चाहिए। राष्ट्रवाद और विकास की बात करने वालों के खिलाफ तथाकथित सेकुलर लोग ज़रूर बोलते हैं, लेकिन जब देशद्रोही लोग सरे आम अलगाववाद, और पाकिस्तान के गीत गाते है तब ये अपने बिलों में घुसे रहते हैं और मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीतिक बिसात बिछाने में लग जाते है।

अब वक्त आ गया है दोस्तों हमें संगठित होना ही पड़ेगा .. नहीं तो हमारे आनेवाली पीढियो को "जजिया कर" देने की नौबत आयेगी ...


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